कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में फिर विपक्ष के निशाने पर गहलोत सरकार, हुए जमकर प्रहार

गहलोत सरकार इतनी वीक हो गई है कि पेपर लीक होना परम्परा बन गया है और यह प्रशासनिक मिलीभगत और गठजोड़ के बिना सम्भव नहीं है- बीजेपी, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने आगामी 24 मई को कांस्टेबल पेपर लीक के विरोध में जयपुर में धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की

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Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में एक के बाद एक प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों को लेकर पहले से विपक्ष के निशाने पर चल रह प्रदेश की गहलोत सरकार अब एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है. पहले Jen, लाइब्रेरियन, REET और अब पुलिस कांस्टेबल भर्ती का 14 मई का दूसरी पारी का पेपर लीक और रद्द होने पर गहलोत सरकार के खिलाफ बैठे बिठाए विपक्ष को एक और मौका दे दिया. मामले को लेकर प्रमुख विपक्षी बीजेपी और प्रदेश में जड़ें जमा रही आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की गहलोत सरकार को जमकर घेरा है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा गहलोत सरकार इतनी वीक हो गई है कि पेपर लीक होना परम्परा बन गया है और यह प्रशासनिक मिलीभगत और गठजोड़ के बिना सम्भव नहीं है. तो वहीं आम आदमी पार्टी प्रदेश चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए आगामी 24 मई को कांस्टेबल पेपर लीक के विरोध में जयपुर में धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है.

आपको बता दें राजस्थान में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर होने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया है. वहीं पुलिस के विशेष अभियान दल (SOG) ने 14 मई को हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में एक स्कूल प्रिंसिपल, उसके पति और एक पुलिस अधिकारी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. अतिरिक्त महानिदेशक, एसओजी, अशोक राठौर ने बताया कि सेकेंड पारी के पेपर लीक की पूरी साजिश जयपुर के दिवाकर पब्लिक स्कूल में रची गई थी. जिसके बाद दिवाकर पब्लिक स्कूल के केंद्र अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. बताया जा रहा है कि जयपुर के दिवाकर पब्लिक स्कूल के केंद्र अधीक्षक द्वारा पेपर को समय से पूर्व को खोले जाने के कारण इस पेपर को आउट हुआ माना गया. बता दें, 14 मई को सेकेंड पारी में करीब पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी.

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पेपर लीक मामले में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पर्चे तभी लीक होते हैं जब सरकार वीक होती है. पूनिया ने कहा मुझे लगता है सरकार के कंट्रोल से स्थितियां बाहर हैं. खुद कांग्रेस पार्टी और मुख्यमंत्री इसके दोषी हैं, क्योंकि सारा रैकेट ‘राजीव गांधी स्टडी सर्किल‘ के नाम से चलाया जा रहा है. उससे संबंधित लोग इसमें शामिल हैं. एसओजी की फाइंडिंग में भी यह सामने आ गया. हालांकि कोर्ट में सारे मसले पेंडिंग हैं. जनता में इसकी चर्चा दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार पेपर लीक को रोक नहीं पा रही है. पूनिया ने कहा एक बड़ा संगठित गिरोह कांग्रेस पार्टी के राज में पनपा है और यह राजस्थान के नौजवानों और संस्कृति के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और चुनौती भरा है.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने आगे कहा कि सरकार चिन्तन में व्यस्त थी और दूसरी ओर नौजवान स्टूडेंट्स के सपने टूट रहे थे. बहुत सारे स्टूडेंट्स और उनके परिजन डिप्रेशन में आ गए. पेट काटकर कोचिंग करने और उसके बाद नौकरियों की लाइन में लगने का दर्द उन्होंने झेला है. सबने देखा किस तरह तपती धूप में स्टूडेंट्स सड़कों पर सोए, वाहनों की छतों पर किस तरह यात्राएं कीं और दुर्घटनाएं हुईं. लाखों स्टूडेंट्स ने फीस दी और तकलीफ सही, लेकिन आज उनके अरमानों पर पानी फिर गया है. ऐसे में एक बार फिर से उन्हें परीक्षा देने जाना पड़ेगा.

गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए सतीश पूनियां ने आगे कहा कि शुरु से ही इस सरकार की मंशा खराब थी. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डीपी जारोली पहले ही कह चुके कि यह सब राजनीतिक संरक्षण में हुआ है. जनता की अदालत में साबित हो गया है, अब बस न्याय की अदालत में साबित होना बाकी है. लेकिन जो एग्जाम सेंटर, प्रिंटिंग प्रेस, लोग और संस्थाएं बदनाम थे, उन्हें कम्पिटीशन एग्जाम के काम में लगाने से लगता है कि सरकार के संरक्षण में पेपर लीक हुआ है. गिरोह ने छोटे से छोटे गांव से गरीब स्टूडेंट्स के हक और सपनों पर डाका डाला. ऐसा लगता है कि जिस तरह बाकी चीजें सरकार के कंट्रोल में नहीं हैं, उसी तरह नकल माफिया भी कंट्रोल में नहीं है.

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वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा जयपुर की स्कूल में पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक की घटना शर्मसार करने वाली है. गहलोत सरकार इतनी वीक हो गई है कि पेपर लीक होना अब परम्परा बन गया है. सरकार के परीक्षा सिस्टम पर यह सवालिया निशान है. पटवारी, जेईएन, एसआई, रीट परीक्षा में बड़ी धांधली और पेपर लीक के बाद अब कांस्टेबल भर्ती-2022 का पेपर लीक होने से साफ है कि नकल माफियाओं ने सरकार में अपनी जड़ें इतनी गहरी जमा ली हैं कि कोई भी परीक्षा निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ नहीं हो सकती. एग्जाम से पहले ही सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हो गया. अब सवाल यह है कि प्रशासन ने किन पैरामीटर्स पर प्राइवेट इंस्टीट्यूट को भर्ती परीक्षाओं का केन्द्र बनाया. यह प्रशासनिक गठजोड़ के बिना पॉसिबल नहीं है. इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि पेपर लीक के तार ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों से जुड़े हो सकते हैं. यह लाखों बेरोजगार युवाओं और अभ्यर्थियों की जिन्दगी से खिलवाड़ है. कांग्रेस सरकार विधानसभा सदन में नकल रोकने के लिए बिल-2022 में लाई, जिसमें खोखला दावा किया गया कि पेपर लीक होने पर माफियाओं के खिलाफ सजा के सख्त प्रोविजन किए जाएंगे. दुर्भाग्य है इसके बाद भी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ है जो सरकार के माथे पर कलंक है.

इसके साथ ही प्रदेश में अपनी सियासी जड़ें जमाने की कोशिशों में जुटी आम आदमी पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा ने पेपर लीक मामले में कहा की आगामी 24 मई को राजधानी जयपुर में आम आदमी पार्टी कांस्टेबल पेपर लीक मामले के विरोध में धरना प्रदर्शन करेगी. मिश्रा ने कहा जितने भी बेरोजगार युवाओं के संगठन हैं उनसे भी गुजारिश है कि वो भी आप पार्टी के इस प्रदर्शन में साथ जुड़ें, क्योंकि यह युवाओं और बेरोजगारों से जुड़ा मुद्दा है. तपती गरमी में नंगे पैर बहुत से युवा आधी आस्तीन की टीशर्ट में परीक्षा देने गए. सालभर में करीब पौने दो लाख रुपए पढ़ाई पर खर्च किए, उनके परिजनों ने लोन लेकर उन्हें पढ़ाया. लेकिन स्टूडेंट्स और उनके परिजनों की सारी मेहनत पर पानी फिर गया.

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