12 जिलों में 17 नई नगरपालिकाओं के गठन को गहलोत कैबिनेट ने दी मंजूरी, पिछले बजट में की थी घोषणा

सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तथा विशिष्ट परिस्थितियों में ही 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के संबंध में विचाराधीन याचिका की सुनवाई के दौरान सभी राज्यों से मांगे गए दृष्टिकोण पर भी किया गया विचार-विमर्श

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Politalks.News/Rajasthan. सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही के बाद देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर हुई गहलोत कैबिनेट एवं मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. सबसे महत्वपूर्ण पिछले साल 2020-21 की बजट घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए कल हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने प्रदेश के 12 जिलों में 17 नई नगर पालिकाओं के गठन के लिए अधिसूचना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है.

नई गठित 17 नगर पालिकाएं इस प्रकार होंगी:

करौली – सपोटरा, जयपुर – बस्सी, पावटा-प्रागपुरा, बारां – अटरू, भरतपुर – उच्चैन व सीकरी, अलवर – बानसूर व रामगढ़ व लक्ष्मणगढ़, जोधपुर – भोपालगढ़, श्रीगंगानगर – लालगढ़ व जाटान, धौलपुर – बसेड़ी, सरमथुरा, कोटा – सुल्तानपुर, सिराेही – जावाल, दौसा – मंडावरी, स.माधोपुर – बामनवास.

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अब इन जिलों में नवगठित नगर पालिका क्षेत्रों से शेष रहे ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव संपन्न कराए जा सकेंगे. बैठक में राज्य कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तथा विशिष्ट परिस्थितियों में ही 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के संबंध में विचाराधीन याचिका की सुनवाई के दौरान सभी राज्यों से मांगे गए दृष्टिकोण पर भी विचार-विमर्श किया.

गहलोत मंत्रिमंडल ने यह राय जाहिर की है कि 1992 के इन्दिरा साहनी प्रकरण में आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत सीमा सम्बन्धी निर्णय पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. साथ ही,102वें संविधान संशोधन के बाद राज्यों की विधायी शक्ति का हास हुआ है. मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार के इस आशय का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दी.

इसके साथ ही कैबिनेट ने बैठक में मैसर्स एसबीई रिन्यूएबल्स टेन प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड को विंड पावर प्रोजेक्ट के 105.3 मेगावाट क्षमता के दो प्लांट की स्थापना के लिए बाड़मेर जिले की शिव तहसील में राजस्थान भू-राजस्व (अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित ऊर्जा उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु भूमि आवंटन) नियम- 2007 के तहत राजकीय भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस निर्णय से प्रदेश में पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा. राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी तथा रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा.

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