फोन टैपिंग मामले में BJP नेताओं ने की CM गहलोत के इस्तीफे व मामले की जांच CBI से करवाने की मांग

पूनिया का निशाना- गहलोत ने कुर्सी बचाने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ षडयंत्र किया और विपक्षी नेताओं की जासूसी करवाई, शेखावत ने कहा कि गहलोत के दामन में अनगिनत दाग हैं, पर ये दाग इतना गहरा है कि इससे न केवल सरकार का बल्कि प्रशासन का भी चेहरा स्याह दिख रहा है

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Politalks.News/Rajasthan. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान अगस्त माह में बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ द्वारा फोन टैपिंग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार के कबूलनामे के बाद गहलोत सरकार चहुंओर से प्रदेश भाजपा के निशाने पर आ गई है. इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए जहां भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने और सीएम गहलोत के इस्तीफे की मांग की है, तो वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान क्राइसिस हैशटैग के साथ कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. इसके साथ ही राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने फोन टैपिंग के कबूलनामे पर कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है.

आपको बता दें, बीते साल जुलाई माह में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों द्वारा गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद 15 जुलाई 2020 को सीएम गहलोत के ओएसडी की तरफ से कुछ ऑडियो टेप जारी किए गए थे. इन ऑडियो टेप में गहलोत खेमे की तरफ से दावा किया गया था कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह, कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और तत्कालीन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के बीच बातचीत में सरकार गिराने और पैसों के लेनदेन की चर्चा थी. उस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कई बार कहा था कि उनके पास सरकार गिराने के षड्यंत्र करने में हुए करोड़ों के लनेदेन के सबूत हैं और ये आरोप झूठे हों तो राजनीति छोड़ दूंगा. चर्चा यह भी थी कि सरकार के इशारे पर जांच एजेंसियों ने इन ऑडियो टेप्स को वायरल किया गया, हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई थी.

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इस तरह एक केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित रूप से लीक हुई टेलिफोनिक बातचीत ने राज्य में राजनीतिक संकट पैदा कर दिया था, जिसके बाद अवैध रूप से फोन टैप किए जाने के आरोप लगाए जाने लगे थे, तब गहलोत सरकार ने फोन टेपिंग कराने की बात नहीं मानी थी. लेकिन अब सराफ द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में, राजस्थान के गृह विभाग ने जवाब दिया कि लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा हो, टेलीफोन अवरोध अधिनियम-1885 की धारा 5-2 और आईटी ऐक्ट की धारा-69 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार ही फोन टैप किए जाते हैं. राजस्थान पुलिस ने इन प्रावधानों के तहत ही सक्षम अधिकारी से मंजूरी लेकर फोन टेप किए हैं. सर्विलांस पर लिए गए फोनों की मुख्य सचिव के स्तर पर बनी समिति समीक्षा करती है. अब तक नवंबर तक के फोन सर्विलांस और टेपिंग के मामलों की समीक्षा की जा चुकी है.

अब क्या जवाब देंगे मारवाड़ के गांधी?

अब गहलोत सरकार के कबूलनामे के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘गांधीवाद का झूठा मुखौटा ओढ़े नैतिकता और लोकतंत्र की दुहाई देने वाले अशोक गहलोत ने कुर्सी बचाने की खातिर सारी हदें लांघ दी. अपने ही दल के लोगों के खिलाफ तो षड्यंत्र किया ही है, इसके अलावा विपक्षी दल के नेताओं के टेलीफोन भी अनैतिक तरीके से टेप किए. जासूसी करवाई इसकी स्वीकारोक्ति सरकार ने विधानसभा प्रश्न के उत्तर में की है.’ पूनियां में कहा अब क्या जवाब देंगे मारवाड़ के गांधी?

सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘फोन टैपिंग का यह सामान्य मसला नहीं है, राजस्थान के मुख्यमंत्री स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में इस प्रकार की परम्परा नहीं है, तो मुख्यमंत्री बताएं कि यह परम्परा किसने तोड़ी और इस परम्परा को तोड़ने की वजह क्या है? मुख्यमंत्री खुद इसके दोषी हैं और उस समय जब मीडिया में ऑडियो टैप सामने आने की खबरें आई थी. कांग्रेस के कई विधायकों ने इस मामले की NIA से जांच कराने की मांग की थी. सदन में भी इस बारे में भी झूठ बोला गया, तथ्यों के बारे में भी भ्रांतियां फैलाई गईं, तो स्पष्ट तौर पर मुख्यमंत्री इसके दोषी हैं, उनको नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, जो खुद गृहमंत्री भी हैं, इस मामले की सीबीआई से जाँच करवानी चाहिए. पूनियां ने कहा आमतौर पर सरकारों में पूर्णकालिक गृहमंत्री कार्य करते रहे हैं, लेकिन इस सरकार में पूर्णकालिक गृहमंत्री ही नहीं है.

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गहलोत के दामन में अनगिनत दाग हैं, पर ये दाग बहुत गहरा है- गजेंद्र सिंह शेखावत
वहीं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान क्राइसिस हैशटैग के साथ एक के बाद एक 6 ट्वीट करके सीएम अशोक गहलोत को निशाने पर लिया. गजेंद्र सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार ने स्वीकार कर रही है कि फोन टेप किए गए, यह निजता का हनन है, लोकतंत्र की हत्या है. शेखावत ने कहा अशोक गहलोत ने अपनी पार्टी की अंदरुनी लड़ाई को प्रशासनिक बना दिया और जनहित के लिए नियुक्त प्रशासनिक अधिकारियों को कांग्रेसी हित में लगा देना, लोकतंत्र की हत्या है. शेखावत ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि गहलोत के दामन में अनगिनत दाग हैं, पर ये दाग इतना गहरा है कि इससे न केवल सरकार का बल्कि प्रशासन का भी चेहरा स्याह दिख रहा है.

यही कांग्रेस का असल चरित्र है, राहुल गांधी इस पर कुछ बोलेंगे ?- भूपेंद्र यादव
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने सीएम गहलोत और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा कि कुछ महीने पहले राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर नेताओं के फोन टेप करने का मामला उजागर होने पर गहलोत सरकार ने इसे छिपाने की पूरी कोशिश की थी. अब RTI के जवाब में खुद राजस्थान की सरकार ने माना है कि उन्होंने फोन टेप कराया था, यही कांग्रेस का असल चरित्र है। राहुल गांधी इस पर कुछ बोलेंगे ?” हालांकि इस दौरान भूपेंद्र यादव ने बड़ी चूक करते हुए फोन टैपिंग की बात विधानसभा सवाल के जवाब में मानने की जगह RTI के जवाब में सामने आना लिख दिया.

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