पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देश के जाने-माने उद्योगपति राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि देश में भय का माहौल बना हुआ है और लोग आपकी सरकार की आलोचना करने से घबराते हैं. उद्योगपति राहुल बजाज के इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है और कांग्रेस-बीजेपी के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस राहुल बजाज के समर्थन में उतर आई है और कहा है कि हमें खुशी है कि कोई तो है जो बोल रहा है. वहीं राहुल बजाज को जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने लिखा कि अपनी धारणा फैलाने की जगह, जवाब पाने के और भी बेहतर तरीके हैं. ऐसी बातों से राष्ट्रीय हित पर चोट लग सकती है.
दरअसल, देश के मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज रविवार को मुम्बई में इकोनॉमिक टाइम्स अवॉर्ड में शिरकत कर रहे थे. इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. अमित शाह के सामने ही राहुल बजाज ने मंच को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में इस वक्त खौफ का माहौल है, लोग आपकी सरकार की आलोचना करने से डर रहे हैं, क्योंकि लोगों में ये यकीन नहीं है कि उनकी आलोचना को सरकार में सराहा जाएगा. राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने कहा, “आप अच्छा काम कर रहे हैं उसके बाद भी हम खुले रूप से आपकी आलोचना करें, विश्वास नहीं है कि आप इसकी सराहना करेंगे, हो सकता है कि मैं गलत होऊं.”
उद्योगपति राहुल बजाज ने देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं और भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए बयान में उचित कार्रवाई ना किये जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि लोग ‘आपसे’ डरते हैं. राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को पहले तो टिकट दिया गया, फिर जब वो चुनाव जीतकर आईं तो उन्हें डिफेंस कमेटी में लिया गया, ये माहौल जरूर हमारे मन में हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बोलेगा नहीं.” बजाज ने कहा, “हमारे उद्योगपति दोस्तों में से कोई नहीं बोलेगा, मैं खुलेतौर पर इस बात को कहता हूँ, एक माहौल तैयार करना होगा. जब यूपीए 2 सरकार सत्ता में थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे. आप अच्छा काम कर रहे हैं, उसके बाद भी, हम आपकी खुले तौर पर आलोचना करें इतना विश्वास नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे.”
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इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद गृहमंत्री अमित शाह ने उसी मंच से जवाब देते हुए इस बात को खारिज किया कि देश में डर का मौहाल है. शाह ने राहुल बजाज (Rahul Bajaj) को जवाब देते हुए कहा, “किसी को किसी के बारे में डरने की जरूरत नहीं है, मीडिया में नरेंद्र मोदी सरकार की लगातार आलोचना हो रही है, लेकिन यदि आप कह रहे हैं कि इस तरह का मौहाल पैदा हो गया है तो इसे ठीक करने के लिए हमें काम करने की जरूरत है.” अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है और यदि इसकी आलोचना होती है और आलोचना में दम है तो हम उसे सुधारने की कोशिश करते हैं. वहीं शाह ने साध्वी प्रज्ञा पर सफाई देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान की कड़ी आलोचना करती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर सफाई दे चुके हैं, पार्टी ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की है.
कार्यक्रम में आगे गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर के हालत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आपको कश्मीर की सही हालत जाननी है तो आपको कश्मीर घुमने के लिए जाना चाहिए. अमित शाह ने कहा, “देश का गृह मंत्री होने के नाते मैं आपसे अपील करता हूं कि कृपया आप परिवार के साथ कश्मीर घुमने जाइए, आप खुद देखेंगे कि वहां हालात बिलकुल सामान्य हैं.”
बता दें इकोनॉमिक टाइम्स के इस अवार्ड कार्यक्रम में मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला, सुनील भारती मित्तल जैसे कई बड़े उद्योगपति भी उस दौरान कार्यक्रम में मौजूद थे. राहुल बजाज के इस बयान से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नेशनल इकोनॉमी कॉनक्लेव के दौरान समाज में ‘डर के प्रत्यक्ष माहौल’ पर बात की थी. मनमोहन सिंह ने कहा कि, ”कई उद्योगपति मुझे बताते हैं कि वो सरकारी प्राधिकरणों के उत्पीड़न के माहौल में रह रहे हैं, उद्योगपति नई परियोजनाएं शुरू करने से पहले घबराते हैं. इस माहौल में उनके अंदर असफ़लता का डर रहता है.”
मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज के इस बयान के बाद कांग्रेस और बीजेपी की तरफ से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई. एक तरफ कांग्रेस राहुल बजाज के समर्थन में उतर आई है और कहा कि हमें खुशी है कि कोई तो है जो बोल रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि खुशी है कि कोई तो बोल रहा है. वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनुसिंघवी ने अपने ट्विटर पर लिखा, ”राहुल बजाज ने ईटी अवॉर्ड्स में कहा: ‘आप एक अनिश्चितता का माहौल बना रहे हैं’… जो डर गया, वो मर गया. कई सालों के बाद कॉरपोरेट दुनिया से किसी ने, जो विपक्ष को बहुत सलाह देते हैं, सत्ता से कुछ सच बोलने की हिम्मत दिखाई.”
*NewsFirst* : Rahul Bajaj said in ET Awards : "You are creating an environment of uncertainty" . . . "Jo dar gaya, Woh mar gaya"
After ages someone from corporate world, all of whom preach a lot 2opposition, has courage 2speak some truth 2power— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) December 1, 2019
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, “मैं राहुल बजाज को हमेशा से ही गैर राजनीतिक, प्रखर राष्ट्रवादी और बहुत ईमानदार व्यक्ति के रूप में जानता हूं. उनकी टिप्पणी उसी के अनुरूप है जो एमएसएमई, बैंकर और उद्योगपति मुझे बता रहे हैं कि अगर कारोबारी भावना जल्द नहीं सुधरी तो सबसे बुरा समय आ जायेगा.” कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विज्ञापन में इंडियन कॉरपोरेट इंडस्ट्री का एक टैगलाइन है कि आप बजाज को हरा नहीं सकते हैं. गृह मंत्री को भी पता चल गया है कि वो बजाज को चुप नहीं कर सकते हैं.
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वहीं, बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा है, ”अगर किसी के राहुल गांधी के लिए इतने चापलूसी भरे विचार हैं तो यह स्वाभाविक है कि वो मौजूदा शासन के लिए बुरी ही कल्पना करेगा. सच कहा जाए तो लाइसेंस राज में फलने-फूलने वाले उद्योगपति हमेशा कांग्रेस के आभारी रहेंगे.”
If one had such fawning view of Rahul Gandhi, when he is an unmitigated disaster, then it is only natural to spin imaginary yarn and assume the worst for the current regime.
Truth be told – industrialists who flourished in the license raj will always be beholden to the Congress. pic.twitter.com/9sjSTRN9RZ
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 30, 2019
वहीं उद्योगपति राहुल बजाज (Rahul Bajaj) के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिक्रिया जाहिर की है. निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा है कि राहुल बजाज ने जिन मुद्दों को उठाया, उसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. सवाल हों, आलोचनाएं हों सबको सुना जाता है, उनका जवाब दिया जाता है, उसे रेखांकित किया जाता है. राहुल बजाज को जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने लिखा कि अपनी धारणा फैलाने की जगह, जवाब पाने के और भी बेहतर तरीके हैं. ऐसी बातों से राष्ट्रीय हित पर चोट लग सकती है.
Home Minister @AmitShah answers on how issues raised by Shri. Rahul Bajaj were addressed. Questions/criticisms are heard and answered/addressed. Always a better way to seek an answer than spreading one’s own impressions which, on gaining traction, can hurt national interest. https://t.co/WytSpyRyP6
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) December 1, 2019