Politalks.News/Rajasthan/RajendraRathore. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathod) ने एक बार फिर प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 42 माह गुजार चुकी गहलोत सरकार के कार्यकाल में ठहरा हुआ विकास, भ्रष्टाचार का तांडव, लचर कानून व्यवस्था, बेरोजगारी व किसान कर्जमाफी नहीं होने के कारण से प्रदेश की जनता सरकार को उखाड़ फेंकने को लालायित है. 42 माह के दौरान कांग्रेस सरकार को जनता के लिए क्या-क्या कार्य करवाये हैं उसका रिपोर्ट कार्ड पेश करना चाहिए था लेकिन सरकार ने अभी तक ऐसा नहीं किया. राठौड़ ने कहा कि अंर्तकलह से जूझ रही कांग्रेस से जुड़ा हर विधायक मिनी मुख्यमंत्री की भूमिका में आकर राजस्थान का बंटाधार करने में लगा है.
दरअसल, बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को श्रीगंगानगर में नवनिर्मित भाजपा जिला कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मिलित होने के पश्चात् प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. पत्रकारों से वार्ता के दौरान राठौड़ ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी की उपस्थिति में आज राजस्थान के हनुमानगढ़ से भाजपा के 10 जिला कार्यालयों का उद्घाटन व 4 जिलों में कार्यालय का भूमि पूजन होना प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए गौरवमयी क्षण है क्योंकि पार्टी का कार्यालय ऐसा स्थान होता है जो 24 घंटे अपने कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है.
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वहीं पीसी के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि घोषणावीर मुख्यमंत्री घोषणा करने में तो अव्वल रहते हैं लेकिन क्रियान्विति के समय पिछड़ जाते हैं. घोषणा करके भूलना इनकी फितरत है. मुखिया जी अब प्रतिदिन प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व पर अनर्गल व तथ्यहीन आरोप लगाकर कटाक्ष करने को ही अपना दायित्व समझने लगे हैं. राठौड़ ने कहा श्रीगंगानगर जिला नशे व गैंगस्टरों की गिरफ्त में है जहां व्यापारियों से रंगदारी वसूली जा रही है. थाने व कचहरी नीलाम हो रही है, वहीं पुलिस प्रशासन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बजाय सैटलमेंट में लगे रहते हैं ताकि अपराधियों को बचाया जा सके.
गहलोत सरकार पर आगे हमला जारी रखते हुए दिग्गज बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान का अन्नकटोरा कहे जाने वाले श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में किसान सिंचाई के पानी को लेकर आंदोलन कर रहा है. पहली बार इंदिरा गांधी नहर परियोजना के पानी का रेगुलेशन एक साल तक नहीं बनना, भाखड़ा नहर को मरम्मत के नाम पर लंबे समय तक बंद रखना, गंग कैनाल में सतलुज के गंदे पानी के निकास के नाम पर सिंचाई व्यवस्था को ठप्प करने के कारण दोनों जिले के किसान गंभीर संकट से जूझ रहे हैं तथा वर्षों पुराने किन्नू के बागों को उजाड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब से गंगनहर और इंदिरा गांधी नहर में लगातार दूषित केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. इंदिरा गांधी नहर परियोजना के मंत्री के बारे में भी जिले के अधिकतर लोग जानते नहीं है क्योंकि उन्होंने कभी भी नहर संबंधी समस्या को समझना जरूरी नहीं समझा.
कांग्रेस के किसान कर्जमाफी के वादे की याद दिलाते हुए बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 10 दिन में किसान कर्जमाफी का खोखला वादा करने वाली कांग्रेस सरकार के शासन में कर्जमाफी नहीं हुई और अब सरकार अपने वादे से यूटर्न लेकर नेशनलाइज्ड बैंकों के ऋणी किसानों का कर्जमाफ करने की अपनी घोषणा को केन्द्र सरकार पर लादने का काम कर रही है. राज्य में कर्जमाफी तो दूर अब नेशनलाईज बैंक, शेड्यूल्ड बैंक व आरआरबी बैंक से ऋण लेने वाले राज्य के 1 लाख 35 हजार किसानों के खाते (NPA) कुर्क कर उनकी जमीनें नीलाम हो रही है. वहीं कर्जमाफी के लिए बनी कल्ला कमेटी व विधानसभा में 3 बार की गई घोषणा किसानों के साथ छलावा साबित हुआ है.
वहीं प्रदेश में गहराए बिजली संकट को लेकर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि भयंकर गर्मी के मौसम में मेंटीनेंस के नाम पर सरकार ने थर्मल पावर प्लांटों को बंद कर रखा है जिस वजह से राज्य में बिजली का अभूतपूर्व संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश में सोलर व विंड एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा नहीं देकर राज्य सरकार महंगी दरों पर बिजली खरीद में भ्रष्टाचार करके जमकर चांदी कूट रही है. वहीं कोल इंडिया व अन्य कोयला उत्पादन कंपनियों के राज्य सरकार पर करीब 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बकाया है जिससे कोयला आपूर्ति में संकट होना स्वाभाविक है.
इसके साथ ही चारा माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के पड़ोसी राज्य यूपी, एमपी, गुजरात व हरियाणा से चारे की आपूर्ति नहीं होने से प्रदेश में हजारों पंजीकृत व अपंजीकृत गौशालाएं चारे के भीषण संकट से जूझ रही है. चारा माफियाओं ने चारे का अनाधिकृत रूप से स्टॉक कर रखा है जिस वजह से चारे की कीमतें लगभग 13 से 15 रु प्रति किलो जा पहुंची है जो विगत वर्ष महज 6 रु प्रति किलो थी. राज्य सरकार को चारा माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए तथा प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों व तहसीलों में चारा डिपो का आवश्यक प्रबंधन करना चाहिये.
आखिर में एक बार फिर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गहलोत पर निशाना साधते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि एनसीआरबी और राजस्थान पुलिस के अधिकृत प्रतिवेदन के आंकड़े चीख-चीख कह रहे हैं कि राजस्थान लचर कानून व्यवस्था के कारण महिलाओं के साथ दुष्कर्म में देश में पहले पायदान, अनुसूचित जनजाति के अत्याचारों में दूसरे स्थान और अनुसूचित जाति के अत्याचारों में तीसरे स्थान पर है. वहीं सेंटर मॉनिटरिंग फॉर इंडियन इकोनॉमी के ताजा सर्वे के अनुसार राजस्थान 28.8 % बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है.