Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता अब साफ हो गया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. कोर्ट के आदेश अनुसार अब होने वाले पंचायत और नगरीय चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी OBC वर्ग को साधने में जुट गई है. राजनीतिक दल अपने-अपने आंकड़ों में जिस ओबीसी की आबादी 48 से लेकर 56 फीसदी बता रहे हैं अब उसी वर्ग की नाराजगी झेलने से बचने के लिए राजनीतिक दलों ने नया दांव खेला है. कांग्रेस ने जहां यह तय किया है कि निकाय चुनाव में वो 27 फीसदी ओबीसी नेताओं को टिकट देगी तो वहीं बीजेपी ने पंचायत चुनाव सहित अन्य चुनावों में 27 फीसदी से ज्यादा OBC नेताओं को टिकट देने का ऐलान किया है. वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने आगमी विदेश दौरे को स्थगित कर दिया है तो वहीं दिल्ली आलाकमान ने बीजेपी नेताओं को तलब किया है.
पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की आधी-अधूरी रिपोर्ट की वजह से अन्य पिछड़ा वर्ग को रिजर्वेशन देने से इनकार कर दिया और राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कम समय के चलते कांग्रेस और बीजेपी अपने अपने तरीके से OBC वर्ग को साधने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए तय किया है कि निकाय चुनाव में वो 27 फीसदी ओबीसी उम्मीदवारों को टिकट देगी. इसके साथ ही पार्टी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में भी ओबीसी चेहरों को अपना उम्मीदवार बनाएगी.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि, ‘पंचायत चुनाव में बिना ओबीसी रिजर्वेशन के फैसले में भाजपा सरकार दोषी है क्योंकि उनकी तरफ से कोर्ट के अंदर सही ढंग से ओबीसी की जानकारी नहीं रखी गई. भाजपा सरकार की तरफ से OBC आरक्षण को लेकर दो साल में कोई प्रयास नहीं किया गया. अगर सरकार ध्यान देती तो अब तक संविधान में संशोधन कर दिया जाना चाहिए था. ऐसी स्थिति में अब कांग्रेस ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी टिकट देकर उन्हें मौका देगा. गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस नेता व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने 56 फीसदी आबादी बताई थी और उसके आधार पर आरक्षण की मांग की थी.
वहीं कांग्रेस के इस फैसले के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि, ‘पंचायत चुनाव सहित अन्य चुनावों में भाजपा 27 फीसदी से ज्यादा नेताओं को टिकट देगी. इस दौरान शर्मा ने कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और अरुण यादव पर भी जमकर निशाना साधा. शर्मा ने कहा कि, ‘दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में गलत ढंग से ओबीसी की 27 फीसदी आबादी बताकर 27 फीसदी रिजर्वेशन की मांग की थी? लेकिन भाजपा सरकार ने विधानसभा में यह संकल्प पारित किया था कि पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं कराए जाएंगे. इसके लिए सरकार ने ओबीसी आयोग बनाकर रिपोर्ट भी तैयार कराई थी.’
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मद्देनजर रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने आगामी विदेश दौरे को स्थगित कर दिया है.मीडिया से बात करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में निकाय-पंचायत चुनाव बिना OBC रिजर्वेशन के ही कराने का आदेश दिया है. हमारी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है. न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है. सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर करने का फैसला लिया है. 14 मई से मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश प्रवास तय था, लेकिन अभी कोर्ट में पिछड़ा वर्ग का पक्ष रखना और उनके हितों का संरक्षण करना मेरी प्राथमिकता है. इसीलिए प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहा हूं.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को अचानक दिल्ली तलब किया गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विशेष विमान से दिल्ली गए हैं. दरअसल प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को बिना OBC आरक्षण कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राजनीति गरमाई हुई है. माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पार्टी अध्यक्ष ने इन नेताओं को बुलाया है. सीएम शिवराज, गृहमंत्री मिश्रा और मंत्री भूपेंद्र सिंह सुप्रीम कोर्ट में मोडिफिकेशन एप्लीकेशन देने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अधिवक्ताओं के पैनल से भी चर्चा कर करेंगे.