Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में गहलोत सरकार पर छाए सियासी संकट के बादलों के बीच हाल ही में जोधपुर स्थित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस पर हुई ईडी की कार्रवाई के बाद अब अग्रसेन गहलोत की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत मंगलवार देर शाम दिल्ली पहुंचे हैं. उर्वरक घोटाले के आरोप में आज या कल होने वाली पूछताछ की प्रकिया में शामिल होने के लिए अग्रसेन गहलोत दिल्ली पहुंचे हैं. लेकिन दिल्ली में गहलोत कहां रहेंगे, इसको काफी गुप्त रखा गया है.
बता दें, केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम को उर्वरक घोटाला मामले में तफ्तीश के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. जिसके आधार पर अगले तीन दिनों के अंदर ही कई आरोपियों से ईडी की टीम पूछताछ कर सकती है. हाल ही में कुछ दिनों पहले ही इस मामले में ईडी ने मामला दर्ज किया था. जिसमें अग्रसेन गहलोत सहित कुल चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उसके बाद दिल्ली सहित पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात की कई लोकेशन पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों और सबूतों को आधार बनाते हुए ईडी की टीम आगे पूछताछ करने वाली है. ये पूछताछ आज या कल दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में हो सकती है.
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गौरतलब है कि उर्वरक घोटाला मामला यूपीए सरकार के समय का है. इस मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी डीआरआई यानी राजस्व खुफ़िया निदेशालय द्वारा दर्ज मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने मामला दर्ज किया था. दरअसल अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि पर पोटाश यानि उर्वरक को रखने और उन्हें किसानों के बीच वितरित करने की ज़िम्मेदारी थी. इंडियन पोटाश लिमिटेड ने विदेश से पोटाश आयात कर सरकारी सब्सिडी के साथ सस्ते में अनुपम कृषि नाम की कंपनी को दे दिया था. मतलब साफ है कि सब्सिडी वाले सस्ते उर्वरक को किसानों को देने की वजाय उसे निर्यात कर दिया गया. निर्यात करने के लिए अग्रसेन गहलोत द्वारा फर्जी दस्तावेज़ों का सहारा लिया गया. उसके बाद अग्रसेन गलहोत और उनकी कंपनी के द्वारा उन तमाम फर्जी दस्तावेजों के सहारे ही वो सारे किसानों के हक वाली उर्वरक को विदेशों में निर्यात कर लिया था. जिससे काफी मुनाफ़ा अग्रसेन गहलोत और उसकी कंपनी को हुआ.
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बता दें, फर्जीवाड़े का ये मामला साल 2013 का है, उस वक्त देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. हालांकि इसी मामले में उस समय कस्टम विभाग ने कार्रवाई करते हुए अग्रसेन गहलोत की कंपनी पर करीब 60 करोड रूपये का जुर्माना भी लगाया था. इसी महीने कस्टम विभाग ने इस मामले पर प्रोसीक्यूशन कंपलेंट दाखिल की थी. प्रोसीक्यूशन कंपलेंट में अग्रसेन गहलोत के खिलाफ काफी गंभीर आरोपों का जिक्र है. इसके साथ ही इस बात का भी जिक्र है कि अग्रसेन गहलोत उवर्रक को किसानों में वितरित करने के बजाय निर्यात के लिए सर्राफ इंपेक्स को दे दिया.