देर से आए लेकिन दुरस्त फिर भी नहीं आए डोनाल्ड ट्रंप, सत्ता सौंपने को हुए राजी लेकिन हार नहीं की स्वीकार

'20 जनवरी को कानून के मुताबिक जो बाइडेन को सत्ता का हस्तांतरण किया जाएगा'. वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 'वो चुनावी नतीजों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन इसके बावजूद सत्ता को जो बाइडेन को सही तरीके से सौंपेंगे'

डोनाल्ड ट्रंप सत्ता सौंपने को हुए राजी लेकिन हार नहीं की स्वीकार
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Politalks.News/World. कहते हैं देर आए दुरस्त आए, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप देर से आये लेकिन दुरस्त फिर भी नहीं आये, जी हां आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान देकर जो बाइडेन को अमेरिका की सत्ता सौंपने को भले ही राजी हो गए हों, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप अभी भी अपनी हार स्वीकार करने को राजी नहीं हुए हैं. अमेरिका के संसद भवन में घेराव के बाद हुई हिंसा के बीच राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप सत्‍ता हस्‍तांतरण के लिए तैयार हो गए है. बता दें, अमेरिकी सीनेट में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को 306 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले हैं, जो बहुमत से ज्यादा हैं. राष्ट्रपति बनने के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है. ऐसे में कांग्रेस की मंजूरी के बाद अब जो बाइडेन आधिकारिक तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति होंगे.

वहीं अमेरिकी सीनेट में हुए इस फैसले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘20 जनवरी को कानून के मुताबिक जो बाइडेन को सत्ता का हस्तांतरण किया जाएगा‘. लेकिन इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि ‘वो चुनावी नतीजों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन इसके बावजूद सत्ता को जो बाइडेन को सही तरीके से सौंपेंगे‘.

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अमेरिकी संसद में जो बाइडन (78) और भारतीय मूल की कमला हैरिस (59) की जीत की पुष्टि के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘इस निर्णय के साथ राष्ट्रपति के तौर पर शानदार पहले कार्यकाल का अंत हो गया है’. चुनावों में धांधली को लेकर एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा ‘अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए यह हमारे संघर्ष की शुरुआत है’. बता दें कि, डोनाल्ड ट्रंप राष्‍ट्रपति चुनाव में हुई अपनी हार को कबूलने के लिए कतई तैयार नहीं हैं और ट्रम्प लगातार चुनाव में धांधली और हेर-फेर का आरोप लगा रहे हैं.

आपको बता दें कि जो बाइडन और कमला हैरिस 20 जनवरी को पद की शपथ लेंगे. संसद के संयुक्त सत्र द्वारा औपचारिक रूप से बाइडन की जीत की पुष्टि कर दी गई है. इससे पहले वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जबरदस्त हंगामा किया. लंबे संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षित किया. वाशिंगटन की हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. केपिटल हिल पर हुई इस घटना ने दुनिया भर में लोकतंत्र को शर्मसार किया है.

दरअसल, कैपिटल हिल में इलेक्टोरल कॉलेज की प्रक्रिया चल रही थी, इसी दौरान हजारों की संख्या में वहां पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रदर्शन की निंदा की, साथ ही इसके लिए उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया.

इस घटना की जहां चारों तरफ दुनियाभर में निंदा हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ चीन में इसका जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. चीन की सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा- स्पीकर पेलोसी ने हांगकांग में प्रदर्शन को ‘सुंदर नजारा’ करार दिया था. “यह आगे देखना होगा कि क्या वह कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बारे में भी यही कहेंगी.”

अमेरिका में हुई हिंसा पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खेद जताया और कहा कि लोकतंत्र में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है. इस तरह के प्रदर्शनों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है.

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