Digvijay Singh on Mohan bhagwat
Digvijay Singh on Mohan bhagwat

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि बीजेपी गोवा और कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों को खरीदने के लिए वे नोट खर्च कर रही है, जो उसने नोटबंदी के दौरान कमाए हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बीजेपी नेताओं ने इतने पैसे कमाए हैं कि अब वे सामान की तरह विधायकों की खरीद-फरोख्त करने लगे हैं. दिग्विजय सिंह पंढरपुर स्थित विट्ठल-रुक्मणी मंदिर में दर्शन करने गए थे और पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

दिग्विजय सिंह ने मुंबई पुलिस की भी कड़ी आलोचना की, जिसने डीके शिवकुमार को मुंबई में एक होटल में ठहरे कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायकों से मिलने से रोक दिया था. उन्होंने कहा कि शिवकुमार अपने मित्रों से मिलने पहुंचे थे, जो उनका फोन नहीं उठा रहे थे. शिवकुमार को अपने मित्रों से मिलने का पूरा अधिकार है, लेकिन मुंबई पुलिस ने उन्हें नहीं मिलने दिया.

दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार सुरक्षित है. मुख्यमंत्री कमलनाथ को 121 विधायकों का समर्थन है. लेकिन बीजेपी मध्य प्रदेश में सरकार के अस्थिर होने की अफवाह फैला रही है. दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1968 से अब तक दो बार कांग्रेस का विभाजन हुआ. दोनों बार समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनता ने नेहरू-गांधी परिवार के नेतृत्व में चलने वाली कांग्रेस पर भरोसा जताया और उसे असली कांग्रेस के रूप में मान्यता दी. उन्हें अब भी भरोसा है कि राहुल गांधी कांग्रेस का नेतृत्व करते रहेंगे. हालांकि दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी.

केंद्र की मोदी सरकार के बजट पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी के आंकड़ों का कोई जिक्र नहीं है. इस स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी का जो देश को 5 ट्रिलियन इकनॉमी बनाने का लक्ष्य है, वह शेखचिल्ली के सपने की तरह दिखाई देता है. देश को इस समय दहाई अंकों में आर्थिक वृद्धि दर की आवश्यकता है. लेकिन उद्योग और निर्माण क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए यह मुश्किल है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह अच्छी तरह जानते हैं कि जनता के बीच सपनों को कैसे बेचा जा सकता है. उन्होंने 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर भी मोदी सरकार से कई सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि जब कश्मीर पुलिस आठ फरवरी को ही किसी आतंकी घटना की चेतावनी दे चुकी थी तो सरकार ने क्या किया? पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद सरकार का पहला बयान था कि आत्मघाती हमलावर के वाहन में 3.5 क्विंटल विस्फोटक लदा था. सरकार को कैसे पता चला कि इतना विस्फोटक था? क्या सरकार को पहले से सूचना थी? अगर सरकार को पहले से सूचना थी तो हमला टालने के उपाय क्यों नहीं किए गए?

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