पॉलिटॉक्स न्यूज/बिहार. कोरोना का कहर दिन-ब-दिन जोर पकड़ता जा रहा है. अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1175 जा पहुंची है, जिनमें से 100 से ज्यादा ठीक होकर घर जा चुके हैं. वहीं देशभर मेस कोरोना से मौत का आंकड़ा 30 को पार कर गया है. इसी बीच अन्य राज्यों में काम कर रहे कामगार और मजदूरों के अपने गृह राज्यों के लिए किए गए पलायन ने कोरोना के संभावित खतरे को और भी बढ़ा दिया है. ऐसे में दिल्ली और यूपी से लौटे हजारों की तादात में कामगारों ने बिहार की नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बॉर्डर सील होने की वजह से हजारों की तादात में इन लोगों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है. बॉर्डर पर कैंप बनाए गए हैं, जहां लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया गया है. गौर करने वाली बात ये है कि मजदूर तबके के लोग शेल्टर होम में रूकने को तैयार नहीं हैं. वे केवल आराम करने और खाने पीने के लिए वहां रूकते हैं और मौका देखते ही फिर चलना शुरु कर देते हैं. वहीं ऐसे लोगों का वीडियो शेयर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.
केवल मुंह जुबानी आंकड़ों पर विश्वास करें तो बिहार के बड़ी संख्या में लोग बाहरी राज्यों में फंसे हुए हैं जिनमें से ज्यादातर श्रमिक और दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले कामगार हैं. एक अनुमान के अनुसार बिहार के बाहर अन्य राज्यों में काम करने वालों की तादात 40 लाख से भी अधिक बताई जा रही है. हालांकि इनमें से अधिकांश जहां हैं, वहीं बस गए लेकिन इनमें से 10 लाख अभी भी ऐसे हैं जो लॉकडाउन में भी अपनी सरजमीं पर लौटना चाहते हैं.
लॉकडाउन में जब बस-ट्रेन-फ्लाइट सब बंद है तो लाखों लोग पैदल ही बिहार के अपने गांव-शहरों की तरफ निकल पड़े हैं. इनमें अधिकतर दिल्ली और यूपी के हैं तो कुछ राजस्थान-गुजरात के भी हैं. नंगे पैर, भूखे प्यासे लोग इस आस में चले आ रहे हैं कि वे किसी भी तरह घर पहुंच जाएं. इन लोगों को हाईवे पर जो कोई वाहन मिला, ये उसी में यहां आ आ पहुंचे. लेकिन झूंड के झूंड में आने से कौन पॉजिटिव है या कौन नहीं, इस बात पर गफलत तो फैल ही रही है, इतने लोगों की स्केनिंग में भी भारी समस्या आ रही है.
इसी बीच AIMIM पार्टी के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) लगातार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के लोगों को मदद मुहैया कराने से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. एक वीडियो शेयर करते हुए ओवैसी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए लिखते हैं, ‘AIMIM पार्टी के कार्यकर्ता हमारे भाइयों जो बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं और वर्तमान में हफीजपेट में रहते हैं, को पका हुआ खाना बांट रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से वह हैदराबाद में फंस गए हैं. नीतीश कुमार, यह लोग आपके राज्य से हैं, आपने उन्हें क्यों छोड़ दिया.’
भारी संख्या में लोगों और कामगारों के बिहार लौटने पर राज्य में स्थिति बेकाबू हो रही है और आने वाले समय में ये परिस्थिति से बाहर भी जा सकती है. चिकित्सा विशेषज्ञ इस खतरे को भांपते हुए कई चेतावनी के साथ सरकारी तंत्र को युद्ध स्तर पर काम करने के लिए सुझाव भी दे रहे हैं. पीएमसीएच के सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. बीके चौधरी ने साफ कहा कि जो लोग आ रहे हैं, उनमें एक भी पॉजिटिव हुआ तो वह 110 को संक्रमित करेगा. इन्हें गांव के आसपास स्कूल या काॅलेज में ठहरा देना चाहिए. सबसे बेहतर है पुलिस की निगरानी में 14 दिन इन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाए और वहीं भोजन की व्यवस्था कराई जाए. स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. मदनपाल सिंह भी इसी बात को दोहरा रहे हैं.
मजदूरों के पलायन पर सख्त हुई सरकार, सील की राज्यों की सीमाएं, पीएम मोदी ने देशवासियों से मांगी माफी
लॉकडाउन में सख्ती के बावजूद भारी संख्या में मजदूर तबके का अपने गृहक्षेत्रों की ओर पलायन बदस्तूर जारी है. मनाही के बावजूद ये लोग रूक नहीं रहे. इस पर केंद्र ने सख्ती दिखाते हुए सभी राज्य सरकारों को अपनी अपनी राज्यों की सीमाओं को सील करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. साथ ही आवश्यक रूप से 14 दिन सरकार शेल्टर होम में क्वारेंटाइन में रहने की बात कही है. साथ ही राज्य सरकारों को आदेश दिए हैं कि जो जहां हैं, उसे वहीं रोकें. केंद्र सरकार के आदेश और उम्मीद से अधिक संख्या में पलायन करने वालों के लिए चालू की गई आंशिक बस सेवा को भी फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है. बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की ओर आने जाने वालों रास्तों पर भी सख्ती बरती जा रही है लेकिन पलायन करने वालों का रूकना बंद नहीं हो रहा है.
बता दें, 21 दिनों तक चलने वाले देशव्यापी लॉकडाउन का आज छठा दिन है. रविवार को पांच केस सामने आने के बाद बिहार में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या 15 पहुंच गई है. अब तक कुल 2376 लोग सर्विलांस पर रखे गए हैं. सर्विलांस पर रखे गए 221 लोगों ने 14 दिन की अवधि पूरी कर ली है. सर्वाधिक मामले सीवान जिले के हैं जहां 648 लोगों को सर्विलांस पर रखा गया है. वहीं 15 मार्च के बाद विदेश से बिहार लौटे लोगों की जांच शुरू हो गई है. इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को दी गई है. जानकारी के मुताबिक ऐसे 3500 लोगों की लिस्ट तैयार की गई है. फिलहाल के लिए 14 अप्रैल तक लॉकडाउन रखा गया है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन 2.0 भी लागू किया जा सकता है.