मजदूरों के पलायन पर सख्त हुई सरकार, सील की राज्यों की सीमाएं, पीएम मोदी ने देशवासियों से मांगी माफी

केंद्र ने दिए सख्ती के निर्देश, दिल्ली बस स्टैंड की तरफ जाने वाले हर रास्ते को किया बंद, बॉर्डर भी सील, जो जहां है उसे वहीं रूकने को कहा, दिल्ली सरकार ने किया गरीबों का किराया भरने और भरण पोषण का वादा, पंजाब में खुले रहेंगे बाजार, खेत पर जा सकेंगे किसान

पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना वायरस का कहर देश व दुनिया में बढ़ता जा रहा है. देश में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या 1139 तक पहुंच गई है जबकि 30 लोगों की मौत हो गई है. हालांकि पॉजिटिव खबर ये है कि अब तक 90 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की गिरफ्त से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. वहीं कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देशभर में जारी किए लॉकडाउन के निर्देश के चलते स्थिति बड़ी परेशानी वाली बनती जा रही है. विभिन्न राज्यों में रह रहे हजारों-लाखों मजदूर तबके के लोग अपने अपने गृह राज्यों की ओर पैदल ही रवाना हो गए. ऐसे में स्थिति बिगड़ते देख केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों से लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की आवाजाही को रोकने के लिए प्रभावी तरीके से राज्य और जिलों की सीमा सील करने के आदेश दिए हैं. इसके बाद विभिन्न राज्यों में पलायन कर रहे लोग जो जहां है वहीं रुक जाएगा.

स्थिति तो तब और भी ज्यादा विकट हो गई जब राजस्थान, यूपी, बिहार और दिल्ली सहित कई राज्यों की सरकारों ने आंकलन न करते हुए गरीबों को उनके घर तक पहुंचाने का ऐलान कर दिया. इस ऐलान के बाद हजारों की संख्या में लोग दिल्ली के आनंद विहार बस स्टैंड पर पहुंच गए. यहां न किसी प्रकार की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है और न ही सोशल डिस्टेन्सिंग का. इसके बाद केंद्र ने हस्तक्षेप कर राज्य सरकारों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. पीएम मोदी ने हालातों पर चिंता जताते हुए देशवासियों से लॉकडाउन न तोड़ने की अपील की है.

वहीं दिल्ली से लॉकडाउन के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना के लिए पैदल निकले एक युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मृतक का नाम रणवीर सखवार बताया जा रहा है. वो दिल्ली के होटल में डिलीवरी का काम करता था. दिल्ली से 200 किमी. चलने के बाद वो जैसे ही आगरा पहुंचा, उसके सीने में दर्द होने लगा और उसकी मौत हो गई.

प्रधानमंत्री ने मांगी देशवासियों से माफी, कहा कोई रास्ता नहीं बचा

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि जो स्थितियां सामने आ रही हैं उससे कुछ लोग खुश नहीं हैं. ऐसे में पीएम मोदी जनता से माफी मांगते हुए कहा कि, ‘मैं देशवासियों से माफी मांगता हूं क्योंकि कई लोग मुझसे नाराज है लेकिन कुछ लोग हालात की गंभीरता को नहीं समझ पा रहे. लॉकडाउन आपको बचाने के लिए ही लगाया गया है, कोरोना इंसान को मारने के लिए जिद उठाये बैठा है, कोरोना को हराने वाले से सबक लेना चाहिए, कड़े कदम उठाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है’.

आगे पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपकी परेशानियों को समझ सकता हूं, लेकिन लॉकडाउन आपकी सुरक्षा के लिए है. किसी भी हाल में लक्ष्मण रेखा नहीं लांधनी है, उसका पालन करना ही है, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ही ऐसे कठिन फैसले लिए गए हैं. कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों से ‘सोशल डिस्टेन्सिंग बढ़ाओ, इमोशनल डिस्टेन्सिंग घटाओ’ की अपील की.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘परचूनी के दुकानदारों के बारे में सोचिए, वो आपके लिए जोखिम उठा रहा है ताकि आप तक जरूरी सामान पहुंच सके, बैंकिंग सेवा को भी चालू रखा है ताकि आपके लेनदेन में कोई दिक्कत नहीं हो. टीवी, फोन, इंटरनेट चालू रखने के लिए कोई न कोई अपनी जान को जोखिम में डाल रहा है, इनका जितना धन्यवाद किया जाए उतना कम. मैं देशवासियों की तरफ से सभी को धन्यवाद करता हूं लेकिन अपील करता हूं कि वे सभी आपनी सुरक्षा का ध्यान रखें’.

दिल्ली सरकार की बड़ी घोषणा, गरीबों का किराया भी भरेगी

पलायन रोकने की दिशा में अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा एलान किया है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि जो लोग किराया देने में सक्षम नहीं है, उनका किराया दिल्ली सरकार की तरफ से भरा जाएगा. ये किराए पर रह रहे लोगों के साथ ही मकान मालिकों के लिए भी राहत भरी खबर है. केजरीवाल ने कहा ‘जहां हैं वहीं रहें क्योंकि कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा लोगों के एकत्र होने से बढ़ता है. मैं आपके लिए सारे इंतजाम कर रहा हूं. आपके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था है. आपका पूरा ख्याल रखा जाएगा’.

लॉकडाउन तोड़ने वालों पर केंद्र सख्त, बॉर्डर सील करने के आदेश

वहीं पलायन करने वाले लोगों पर सख्ती बरतने के लिए केंद्र भी एक्शन में आ गई है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिए हैं. साथ ही राज्यों की बॉर्डर सील करने को कहा है ताकि लोग जहां हैं, वहीं रहे. वहीं गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा कि लॉकडाउन के दौरान अपने गृह जिलों को निकले लोगों को 14 दिन तक सरकारी शेल्टर होम में रहना पड़ेगा. साथ ही सभी राज्यों में बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर रहा है. इन बसों का संचालन राज्यों से पलायन कर रहे मजदूरों के लिए कुछ राज्य सरकारों ने शुरू किया था. हालांकि राजस्थान में प्राइवेट बस संचालकों को अभी भी छूट दी गई है. हालांकि ये सेवा प्रदेश की बॉर्डर के अंदर अंदर तक है.

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दिल्ली के आनन्द विहार बस स्टैंड पर स्थिति काबू से बाहर जाते ही सरकार ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए आनंद विहार बस स्टैंड तक जाने वाले हर रास्ते को बंद कर दिया और पलायन करने वालों को जहां हैं, वहीं रूकने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जो लोग पटरी के किनारे किनारे पैदल ही हजारों किमी. का रास्ता तय करने निकल पड़े हैं, उनको भी जहां हैं, वहीं रूकने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही पलायन करने वालों को छोड़ने के लिए दिल्ली डीटीसी की बसों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है ताकि लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से रोका जा सके. यूपी, बिहार के लिए रवाना हो चुकी बसों को फिर वापिस बुलाया जा रहा है. वहीं बिहार और यूपी सरकार ने भी बस सेवा फिलहाल के लिए बस सेवा को बंद कर दिया है.

पंजाब में खुले रहेंगे बाजार, खेत पर जा सकेंगे किसान

कोरोना संकट के बीच पंजाब से बड़ी खबर सामने आई है. यहां हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के बाजार सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खुले रखने की स्वीकृति दी है. साथ ही उस इंस्ट्रीज को जिनके पास सेनेटाइजर सहित अन्य सभी सुरक्षा के उपकरण हैं, लैबर के रहने और खाने की व्यवस्था की पूरी व्यवस्था है, उन्हें अपने कारखाने खोलने की छूट दी गई है. साथ ही फसल कटने का मौसम होने के चलते किसानों को सुबह 7 से 9 बजे तक खेत पर जाने और शाम 4 से 6 बजे तक वापस लौटने की अनुमति दी गई है.

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