उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट. बीजेपी के लिए एक हॉट एवं वीआईपी सीट. बृजभूषण शरण सिंह यहां से सीटिंग सांसद हैं. गुरुवार को वे अपने संसदीय क्षेत्र चुनावी प्रचार करने पहुंचे. हालांकि इस बार वे अपने लिए नहीं, बल्कि अपने बेटे के लिए वोट मांग रहे हैं. महिला रेसलर्स द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे बृजभूषण को इस बार बीजेपी ने टिकट न देकर उनके सुपुत्र करण भूषण सिंह को कैसरगंज से मैदान में उतारा है. यहां अल्पसंख्यक संवाद कार्यक्रम में बृभूषण सिंह का दिया एक बयान सुर्खियों में आ गया जब उन्होंने मुस्लिम समुदाय से कहा कि कोई कहे या न कहे लेकिन आप हमारा ही खून हैं. कोई डीएनए करा ले तो पांच पीढ़ी पहले हम एक ही निकलेंगे.
संवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘कोई कहे या न कहे, हम कहते हैं कि आप हमारा ही खून हैं. कोई डीएनए करा ले तो पांच पीढ़ी पहले हम एक ही निकलेंगे. आपके लिए हम बदनाम हैं और आप हमारे लिए बदनाम हैं. इसलिए बो तो पक्ष में, बो नहीं तो न बो, कम से कम फायदा न करों, तो नुकसान तो न करो.’ मौजूदा सांसद ने कहा कि मैं आपका अहसानमंद रहूंगा. हर सुख दुख में आपके साथ खड़ा रहूंगा. वो लोग न आए हैं, न आएंगे. हमारा आपका मिलना बढ़ेगा, भाईचारा बढ़ेगा.
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गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार कैसरगंज संसदीय सीट से बृजभूषण को न उतारकर उनके छोटे बेटे करण सिंह को टिकट थमाया है. 2014 और 2019 में बीजेपी और 2009 में सपा के टिकट पर बृजभूषण ने इस संसदीय क्षेत्र में अपना परचम लहराया है. बृजभूषण एक दशक तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे हैं. इन पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जिसके बाद इनका टिकट कटा. हालांकि अपने परिवार के सदस्य को टिकट दिलवाकर उन्होंने अपना बाहुबल साबित किया है जिसके बाद विपक्ष बीजेपी एवं बृजभूषण पर परिवार का आरोप लगा रहा है.
26 साल बाद यह पहला मौका होगा जब लोकसभा के रण में बृजभूषण शरण सक्रिय तौर पर नहीं उतर रहे हैं. इससे पहले बाहूबली नेता और 6 बार के सांसद बृजभूषण सिंह कैसरगंज से लगातार तीन बार सांसद रहे हैं. हालांकि अपने पुत्र की जीत के लिए बृजभूषण जमकर पसीना बहा रहे हैं. यह उनकी सुरक्षित सीट है और यहां करण सिंह को चुनौती देना काफी कठिन रहने वाला है. इस सीट से समाजवादी पार्टी ने भगत राम मिश्रा को टिकट दिया है. कांग्रेस से गठबंधन के चलते कांग्रेसी समर्थक वोट भी सपा को ही मिलने वाले हैं. बहुजन समाजवादी पार्टी ने नरेंद्र पांडे को उम्मीदवार बनाया है.