प्रदेश में कोरोना की रफ्तार बरकरार, अकेले जयपुर में एक्टिव मरीजों की संख्या 50 हजार पार, 58 की मौत

बीते 24 घंटे में राज्य में 16,384 नए केस मिले, जबकि 164 लोगों की हुई मौत, वहीं 12,840 लोग रिकवर भी हुए, प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 2,09,110, रेमेडिसिवर की कालाबजारी रोकने के लिए सरकार ने निकाला नया रास्ता

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण की स्थिति लगभग स्थिर सी हो गई है. बुधवार को आई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटे में राज्य में 16,384 नए केस मिले हैं, जबकि 164 लोगों की मौत हो गई. वहीं कोरोना से 12,840 लोग रिकवर भी हुए है. वहीं प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 2,09,110 हो गई है. रिपोर्ट में मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब तक कुल 6,158 लोगों की मौत इस महामारी से हो चुकी है.

वहीं प्रदेश में कोरोना की स्थिर रफ्तार कर चलते बीते 6 दिन के अंदर ही राज्य में कोरोना के एक लाख नए मरीज सामने आए है. इस कारण राज्य में बुधवार को संक्रमितों की संख्या 8 लाख से ऊपर पहुंच गई. पूरे देश में राजस्थान की स्थिति 10वें नंबर पर है, जहां सबसे ज्यादा कोरोना केस हो गए हैं. छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान 10वां राज्य बन गया, जहां कोरोना मरीजों की संख्या 8 लाख को पार कर गई है.

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हालांकि बुधवार को सैंपलिंग की संख्या मंगलवार की तुलना में कम रही. कल कुल 77032 लोगों के सैंपल की जांच की गई, जिसमें से 16,384 पॉजिटिव मिले है. इस कारण पॉजिटिविटी रेट 21.26% रही. सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस 3214 जयपुर में मिले है. इसी तरह जोधपुर में 1260, अलवर में 1214, कोटा 950, उदयपुर 907 और चूरू में 715 केस आए है. जिलेवार पॉजिटिविटी रेट देखे तो बुधवार को 18 जिले ऐसे रहे जहां संक्रमण की दर 20 फीसदी से ऊपर रही. सबसे ज्यादा संक्रमण दर अलवर में 34 फीसदी दर्ज हुई, जबकि सबसे कम जालौर में 2 फीसदी. जालौर में आज 1932 सैंपल जांचे गए, जिनमें से 38 ही पॉजिटिव निकले.

बात करें राजधानी की तो जयपुर में हालात लगातार सबसे ज्यादा खराब होते जा रहे हैं. यहां बुधवार को एक्टिव केसों की संख्या 50,026 पर पहुंच गई. जयपुर में कोरोना से 58 लोगों की जान भी चली गई. मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पतालों में बेड्स की किल्लत अभी भी बनी हुई है. इधर अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं में शुमार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन ने नया रास्ता निकाला है. इसके तहत सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज के परिजन के हस्ताक्षर रिकॉर्ड में दर्ज करवाने होंगे और खाली शीशी को मेडीकल स्टॉर में जमा करवानी होगी.

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गौरतलब है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान में सख्त लॉकडाउन लागू किया हुआ है. साथ ही, सरकार ने लोगों से अपील की है कि वो कोविड लॉकडाउन का पालन करें और बिना वजह घर से बाहर नहीं निकलें. वहीं, खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार कोविड की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाए और जो नियमों का ना माने उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

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