Politalks.News/Rajasthan. कोरोनाकाल में प्रदेश की गहलोत सरकार ने जनता को एक और बड़ी सौगात देते हुए निजी चिकित्सा संस्थानों और लैब में कोरोना की जांच के लिए 1200 रूपए निर्धारित कर दिए हैं. पहले कोरोना की जांच के लिए 2200 रुपए देने पड़ते थे. इसके साथ ही प्रदेश में गहलोत सरकार अब कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालन करवाने जा रही है. प्रदेश में सरकार जल्द ही सार्वजनिक स्थानों और सरकारी दफ्तरों में ‘नो मास्क नो एंट्री‘ अभियान चलाने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के विख्यात चिकित्सकों के साथ आज डेढ़ घण्टे तक महामंथन किया. सोशल मीडिया पर इसका लाइव प्रसारण भी किया गया.
गहलोत सरकार ने प्रदेश में निजी चिकित्सा संस्थानों और लैब में कोविड-19 की जांच की निर्धारित दरें कम कर दी हैं. कोरोना की यह जांच अब 1200 रुपए में हो सकेगी. इस संबंध में राज्य सरकार ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिए हैं. इससे पहले यह जांच 2200 रूपए में होती थी. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट, रिएजेन्टस, वीटीएम किट तथा अन्य कंज्यूमेबल्स की कीमतों में आयी कमी है.
इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास से प्रदेश में कोरोना जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के विख्यात चिकित्सकों के साथ महामंथन किया. करीब डेढ़ घंटे तक चले इस संवाद कार्यक्रम में देश के नामचीन चिकित्सकों ने राजस्थान सरकार के कोरना इंतजामों की ना केवल सराहना की बल्कि प्रदेश में संक्रमण को रोकने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए.
अभी एक साल तक रहेगा कोरोना- डॉ देवी शेट्टी
महामंथन के दौरान देश की प्रख्यात डॉक्टर देवी शेट्टी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. कोरोना लोगों की लापरवाही से ही फैल सकता है. डॉ शेट्टी ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि मास्क पहनने से कोरोना होने की संभावना कम हो जाती है.
यह भी पढ़ें: स्टाम्प ड्यूटी सरचार्ज का 50 प्रतिशत पैसा गायों के संरक्षण पर खर्च करेगी संवेदनशील गहलोत सरकार
डॉ शेट्टी नव बताया कि लॉकडाउन कोई ऑप्शन हीं है. दुकानों को खोलना ही पड़ेगा, लेकिन बेमतलब की भीड़ से बचना होगा. नौजवान मर रहे हैं, क्योंकि वो अस्पताल देरी से आए. कोरोना अब भी एक साल तक नहीं जाएगा. अगर कोरोना एक साल रहता है तो हमारे पास इसके लिए कितने डॉक्टर हैं. कोरोना महामारी के इस समय में हमारे पास मौका है कि हम देश की मेडिकल व्यवस्था को मजबूत कर सकें.
सभी करें प्रोटोकाल की पालना- डॉ त्रेहान
डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कोरोना से निपटने के लिए मैं सरकार और राजस्थान तीनों को मिलकर प्रयास करने होंगे. केवल नागरिक ही नहीं बल्कि राजनेताओं को भी प्रोटोकॉल की पालना करने की जरूरत है.
कोरोना की वैक्सीन की तरह है मास्क- डॉ एसके सरीन
डॉक्टर एसके सरीन ने कहा कि जो भी अस्पताल और डिस्पेंसरी में जाता है उसका कोरोना टेस्ट किया जाए. लॉकडाउन में हमने नियमों की पलना की, लेकिन अनलॉक में लोग बेपरवाह हो गए. जो लोग अभी भी मास्क नहीं लगा रहे हैं पहले उसे समझाएं, उसे मास्क पहनने के लिए जागरुक करें. ये हर किसी की जिम्मेदारी है. किसी से बात करते समय यानि बोलते समय भी मास्क नहीं उतारें. मास्क पहनकर भी आप बोल सकते हैं. मास्क एक तरह से कोरोना वैक्सीन है. अगर आपने मास्क नहीं पहना तो वायरस आप तक पहुंच सकता है. कोई बोल रहा है या खांस रहा है तो वायरस 20 फीट तक जा सकता है.
यह भी पढ़ें: डॉ.किरोड़ी ने जताई दलित युवक की हत्या की आशंका, निष्पक्ष जांच व आश्रित को सरकारी नौकरी की मांग
संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नागरिकों से अपील किया है कि कोरोना बहुत खतरनाक महामारी है इससे हमें बचाव खुद ही करना होगा, जिन देशों और जिन राज्यों में जागरूकता रही है वहां कोरोना का प्रभाव कम हुआ है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि विश्व में भारत पहला देश बना गया है, जहां रोज 1 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि डॉक्टर देवी शेट्टी ने पहले ही यानि मार्च से पहले ही कोरोना बीमारी के बारे में चेता दिया था, जिसका फायदा राजस्थान की जनता को मिला. हमने राजस्थान में स्वास्थ मित्र तैयार किए जो कोरोना काल में हमारे काम आए. हमने पहले ही निरोगी राजस्थान की तैयारी कर रखी थी.
देश के प्रख्यात चिकित्सकों के साथ कोरोना पर हुए इस लाइव महामंथन को प्रदेश की जनता ने सीधा सुना और समझा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कि इस सार्थक पहल को राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेश की जनता ने ग्राम पंचायत स्तर तक सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों ने सुना.