राजधानी में फिर फूटा कोरोना बम, डिफेक्टिव वेन्टीलेटेलर्स को लेकर CM गहलोत ने केंद्र पर उठाए सवाल

प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 15,867 नए मामले सामने आए तो वहीं 159 लोगों की हुई मौत, राजधानी में एक बार फिर 4099 नए केस आए, पीएम केअर फण्ड में आए डिफेक्टिव वेन्टीलेटेलर्स को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच करवानी चाहिए कि ऐसे डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स की खरीद कैसे हुई? इनसे मरीजों की जान को खतरा बना हुआ है

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में गुरुवार का दिन जहां राज्य स्तर पर थोड़ा सुकून देने वाला था तो वहीं राजधानी स्तर पर चिंता बढाने वाला रहा. गुरुवार को आई चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश कोरोना संक्रमित केसों की संख्या में कमी आई है. प्रदेश में बीते 24 घंटे में 15,867 नए केस मिले हैं, जो पिछले 17 दिन में सबसे कम है. इससे पहले 25 अप्रैल को राज्य में 15809 पॉजिटिव मिले थे, जिसके बाद हर दिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होती चली गई. वहीं पिछले 24 घण्टों में 159 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई, जो भी पिछले कई दिनों बाद 160 से नीचे आया आंकड़ा है. राजधानी के स्तर पर कल एक बार फिर 4000 से ज्यादा में नए संक्रमित मिले है, जो चिंताजनक है. राज्य में मई के शुरुआती 13 दिन की स्थिति देखे तो प्रदेश में 2.23 लाख से ज्यादा नए संक्रमित मिले है, जबकि 2078 लोगों की जान चली गई.

प्रदेश के अस्पतालों में बेड्स और आवश्यक दवाइयों की कमी के चलते लोग परेशान हैं तो वहीं पीएम केअर फण्ड में प्रदेश को मिले वेन्टीलेटेलर्स में से कई वेंटिलेटर डिफेक्टिव आए हैं जिससे मरीजों की जान बचाने की बजाए जान जाने का खतरा ज्यादा बना हुआ है. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से एक पत्र जारी कर केन्द्र सरकार पर सवाल उठाते हुए सरकार को चेताया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच करवानी चाहिए कि ऐसे डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स की खरीद कैसे हुई?

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सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि भारत सरकार ने प्रदेश को ‘पीएम केयर फंड’ (PM Care Fund) से 1900 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए थे. इन वेंटिलेटरों के इंस्टॉलेशन और मेंटिनेंस की जिम्मेदारी भारत सरकार की थी. डॉक्टरों के मुताबिक, इनमें से कई वेंटिलेटरों में तकनीकी कमियां हैं, जिनके कारण इन्हें इस्तेमाल करना रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. सीएम गहलोत ने कहा कि डॉक्टरों ने बताया कि इन वेंटिलेटरों में प्रेशर ड्रॉप की समस्या है.1-2 घंटे लगातार काम करने के बाद ये वेंटिलेटर बन्द हो जाते हैं. इनमें PiO2 में अचानक कमी, ऑक्सीजन सेन्सर एवं कम्प्रेशर के फेल होने की परेशानी है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि 5 अप्रैल को ओपन वीसी से हुई कोविड समीक्षा बैठक में मेडिकल कॉलेज, उदयपुर के प्रिंसिपल डॉ. लखन पोसवाल ने भी इन वेंटिलेटरों की समस्या को उठाया था. राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र एवं गुजरात में भी इन वेंटिलेटरों में अलग-अलग समस्याएं मीडिया में रिपोर्ट की गईं हैं. इन वेंटिलेटरों की समस्या से अवगत करवाने एवं इनको जल्द से जल्द ठीक करवाने हेतु राजस्थान सरकार द्वारा दो पत्र सचिव स्तर पर एवं एक पत्र मंत्री स्तर पर भारत सरकार को लिखे गये जिससे इन्हें ठीक करवाया जा सके.

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सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि राजस्थान में सभी वेंटिलेटर्स की मेंटिनेंस के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त कंपनी ने 11 सदस्य भेजने की बात कही थी, लेकिन यहां सिर्फ 6 लोग ही कार्य कर रहे हैं. ये शिकायत पर वेंटिलेटर्स को ठीक करने गए लेकिन अनुभव की कमी के कारण ये ठीक नहीं कर कर पा रहे हैं जिससे डॉक्टर संतुष्ट नहीं हैं. सीएम गहलोत ने मांग करते हुए कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच करवानी चाहिए कि ऐसे डिफेक्टिव वेंटिलेटर्स की खरीद कैसे हुई ? इनसे रोगियों की जान को खतरा हो सकता है.

गुरुवार को आई चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में जिलेवार कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखें तो राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमित के सबसे ज्यादा 4099 नए पॉजिटिव केस मिले हैं, जबकि 47 मरीजों की जान चली गई. जयपुर में कोरोना को लेकर स्थिति अभी भी ठीक नहीं है. जयपुरिया, RUHS, SMS और ESIC अस्पतालों में बेड्स लंबे समय से फुल चल रहे हैं. नए मरीजों को भर्ती होने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. बेड्स, रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा अब लोग वैक्सीन को लेकर भी हाहाकार मचा रहे हैं.

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प्रदेश में बढ़े एक्टिव केस, संक्रमण की दर भी 22 के नजदीक
स्वास्थ्य विभाग से जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 8.21 लाख के पार हो गई है, जबकि इस बीमारी से अब तक पूरे प्रदेश में 6317 लोगों की जान चली गई. वहीं एक्टिव केसों की संख्या अब 2 लाख 11 हजार 889 पर पहुंच गई. सबसे ज्यादा 51 हजार 210 एक्टिव केस अकेले जयपुर जिले में है, जो राज्य के कुल एक्टिव केसों का 24 फीसदी है. राज्य में आज संक्रमण दर भी कल के मुकाबले ज्यादा रही. आज राज्य में 72,470 लोगों के सैंपल की जांच की गई, जिसमें 15867 पॉजिटिव निकले, जिसके चलते संक्रमण की दर 21.89 फीसदी दर्ज हुई.

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