Politalks.News/Congress. एग्जिट पोल (Exit Polls) के नतीजों के उलट कांग्रेस (Congress) अपने इंटरनल सर्वे के आधार पर पंजाब (Punjab Assembly Election 2022), उत्तराखंड (Uttrakhand Assembly Election 2022) और गोवा (Goa Assembly Election 2022) में सरकार बनाने के लिए एक्टिव हो गई है. पार्टी के सर्वे में दावा किया गया है कि इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. इसके साथ ही पार्टी ने पिछले अनुभवों के आधार पर अपने विधायकों को किसी भी तरह दूसरे पाले में जाने से बचाने की कवायद भी तेज कर दी है. यानि की कांग्रेस ने मिशन एंटी सर्जिकल स्ट्राइक (anti surgical strike) छेड़ दिया है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल को उत्तराखंड, अजय माकन को पंजाब और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को गोवा में विधायकों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया है. सूत्रों की माने तो प्लानिंग तो यहां तक है कि जरूरत पड़े तो विधायकों को एयरलिफ्ट करके हॉर्स ट्रेडिंग से बचा लिया जाए. उत्तराखंड के 13 पहाड़ी जिलों में कांग्रेसी दिग्गजों को हैलीकॉप्टर और चार्टर के साथ तैनात किया गया है.
बघेल के भरोसे देवभूमि का रण
बात करें उत्तराखंड की तो पार्टी के इंटरनल सर्वे में उत्तराखंड में कांग्रेस को 35 से 40 सीटें मिलने का अनुमान है. ऐसे में जीती बाजी हाथ से निकल न जाए, इसके लिए छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल को उत्तराखंड का मोर्चा संभालने का जिम्मा दिया गया है. विधायकों को अपने पाले में रखने के लिए हर तरकीब अपनाई जा रही है. कुमाऊं और गढ़वाल के सुदूर इलाकों से जीतने वाले विधायकों को सड़क मार्ग से देहरादून पहुंचने में कई घंटे लग सकते हैं. ऐसे में उन्हें हेलिकॉप्टर से भी देहरादून लाने का प्लान तैयार है. दूसरे राज्यों के पहुंचे कांग्रेसी दिग्गजों को तैनात किया गया है. राजस्थान के कई विधायक वादियों में पार्टी के विधायकों को बचाने के लिए पहुंचे हैं. छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल विधानसभा में बजट पेश कर आज रात तक देहरादून पहुंचेंगे. गुरुवार को चुनाव नतीजे आने के साथ ही बघेल आगे की रणनीति तय करेंगे. बघेल का साथ देने के लिए पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ और मोहन प्रकाश को भी लगाया गया है.
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यादव, हुड्डा और पांडे ने डाल रखा है डेरा
इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडे सहित अन्य रणनीतिकार भी देहरादून में डेरा डाले बैठे हैं. जीतने वाले हर कैंडिडेट से पार्टी के ये नेता लगातार टच में हैं, ताकि BJP की किसी भी विधायक पर डोरे डालने की गतिविधि को समय रहते फेल किया जा सके.
कैलाश विजयवर्गीय और निशंक हैं एक्टिव!
आपको बता दें कि BJP ने हालात का जायजा लेने के लिए तीन दिन पहले ‘जोड़तोड़ में माहिर’ कैलाश विजयवर्गीय को देहरादून भेजा था. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व CM रमेश पोखरियाल निशंक को भी पार्टी ने एक्टिव कर दिया है, जिसके चलते बचाव में कांग्रेस को यह रणनीति अपनानी पड़ी.
गोवा के ‘मोर्चे’ पर डीके शिवकुमार
गोवा में तो कांग्रेस दूध से जली हुई है! कांग्रेस को पिछले चुनाव में गोवा जैसे छोटे से राज्य के हाथ से फिसलने का मलाल अब तक है. इस चुनाव में पिछला इतिहास न दोहराया जाए, इसके लिए गोवा में कांग्रेस के प्रभारी पी चिदंबरम पहले से मौजूद हैं. खबर ये भी आई कि बर्थडे पार्टी के बहाने गोवा के संभावित विधायकों को दो होटलों में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके बाद भी हॉर्स ट्रेडिंग की किसी भी संभावना को खत्म करने के लिए पार्टी ने कर्नाटक PCC चीफ डीके शिवकुमार को गोवा भेजा है. आपको याद दिला दें कि डीके शिवकुमार ने कर्नाटक में कांग्रेस में विधायकों की टूट फूट से बचाने में काफी अहम रोल निभाया था.
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2017 में कांग्रेस गोवा में चूक गई थी!
आपको याद दिला दें कि, 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस गोवा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 40 में से कांग्रेस को 18 सीटें मिली थीं. 13 सीटें जीतने के बावजूद BJP ने सरकार बना ली थी. 2022 का चुनाव आते-आते 13 कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं. केवल पांच विधायक ही बचे रह गए. उस समय गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह पूरी तरह फेल साबित हुए थे, वह इंतजार ही करते रह गए कि तीन विधायक आएं तो वह राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करें. तब तक BJP ने बहुमत जुटाकर सरकार बनाने का दावा कर दिया था.
पंजाब में कांग्रेस का बेड़ा माकन के सहारे
पंजाब में कांग्रेस को सरकार लायक बहुमत की उम्मीद है. अजय माकन जो राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी हैं. राजस्थान में उन्होंने CM अशोक गहलोत और बागी सचिन पायलट के बीच रार खत्म कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उनकी इस इमेज के चलते कांग्रेस ने पंजाब में विधायकों की टूट-फूट रोकने का जिम्मा अजय माकन को सौंपा है. पार्टी के इंटरनल सर्वे में कांग्रेस पंजाब में सरकार बनाती दिख रही है. हालांकि, एग्जिट पोल इसके विपरीत आम आदमी पार्टी को आगे बता रहे हैं. एक-दो सीटों का अंतर रहा तो विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा बढ़ जाएगा. जिसे कांग्रेस किसी भी हालत में होने देना नहीं चाहती. कांग्रेस को उम्मीद है कि चरणजीत सिंह चन्नी ने पिछले चार-पांच महीने में कांग्रेस की इमेज सुधारी है. उनके नाम पर वापसी हो रही है. बताया जा रहा है कि त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में कांग्रेस भी निर्दलीयों या अन्य की मदद से जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की कोशिश करेगी. इसमें माकन का अनुभव काम आएगा.