Women’s Reservation Bill: देश की महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में दिए जाने वाले 33 फीसदी आरक्षण वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक पर अब कांग्रेस देशभर में कैंपेन शुरू करेगी. केंद्रीय रणनीति के तहत इसकी शुरूआत राजस्थान से हो रही है. दरअसल इस आंदोलन के जरिए कांग्रेस सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की तैयारी कर रही है. इसकी एक वजह ये भी है कि इस साल के अंत में राजस्थान सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ये सभी प्रादेशिक चुनाव पीएम मोदी के चेहरे और उनकी केंद्रीय उपलब्धियों एवं योजनाओं को ही जनता के सामने रखकर लड़े जाएंगे. ऐसे में कांग्रेस महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने की मांग करते हुए प्रदेश में एक माहौल बनाने की तैयारी कर रही है.
दरअसल, नारी शक्ति वंदन विधेयक को लेकर 128वां संविधान संशोधन संसद में पास हो गया है. लेकिन कई पेचींदगियों के चलते इस कानून को जनगणना या परिसीमन के बिना यह कानून व्यवहार में लाया नहीं जा सकता है. इसके चलते इसे लागू होने में करीब 10 साल का वक्त लगने का दावा किया गया है, फिर इसे 2029 के लोकसभा चुनावों से पहले अमल में ला सकते हैं. कांग्रेस तुरंत प्रभाव से इसे लागू करने की मांग कर रही है. कांग्रेस ने ये भी दावा किया है कि विधेयक के लागू करने से जनगणना या परिसीमन का कोई संबंध नहीं है.
संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस का बड़ा अभियान
नारी शक्ति वंदन विधेयक के अंतर्गत लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया जाएगा. इस फॉर्मूले के अनुसार, लोकसभा की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. यानी इन सीटों पर केवल महिला उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकेंगी. इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी. इस विधेयक को सदन में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों का पूर्ण समर्थन मिला है. इस विधेयक के लागू होने में कांग्रेस द्वारा कम से कम 10 साल का समय लने की बात बताई जा रही है. ऐसे में हिला आरक्षण इसी चुनाव से लागू करने की मांग के साथ साथ कांग्रेस के अब तक के महिलाओं के लिए किए गए कार्यों को भी जनता के बीच लाने की तैयारी है.
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कांग्रेस द्वारा किए जा रहे कैंपेन के तहत प्रदेश सहित देशभर में कई कार्यक्रम होंगे. इसमें संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस इसके बड़े अभियान के रूप में तैयारी रही है. पिछले दिनों संसद के विशेष सत्र में भी कांग्रेस ने पूर्व में अपनी सरकार के दौरान राज्यसभा में लाए गए महिला आरक्षण बिल का जिक्र करने हुए अपनी ओर से की गई पहल की बात कही थी. अब उसी को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस ने तय किया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय पंचायती राज में लाए गए महिला आरक्षण के साथ अब तक किए गए हर प्रयास का वे जिक्र कर जनता को बताएंगे. इस दौरान विभिन्न एक्सपर्ट् और बड़े नेताओं को भी बुलाया जाएगा.
कांग्रेस कर रही आरक्षण का तत्काल लागू करने की मांग
कांग्रेस महिला आरक्षण को तत्काल प्रभाव से लागू करने की पुरजोर मांग कर रही है. इस संबंध में राहुल गांधी ने हाल में एक मीडिया सम्मेलन में कहा था कि महिला आरक्षण बिल का जनगणना या परिसीमन से कोई संबंध नहीं है. सरकार कह रही है कि महिलाओं को इस बिल का लाभ 10 साल बाद मिलेगा. केंद्र सरकार चाहे तो महिला आरक्षण विधेयक को सुबह से ही लागू किया जा सकता है. बस इतना कहना है कि लोकसभा और विधानसभाओं में 33% सीटें आरक्षित की जाएंगी. गांधी ने कहा कि सरकार इसे 10 साल बाद जबकि कांग्रेस इसे अभी लागू करना चाहती है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मेरी केवल यही मांग रही है कि सरकार को सबसे पहले जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए. देश को पता लगना चाहिए कि यहां ओबीसी भाई कितने हैं और उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलनी चाहिए. कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर यही चलता रहा तो महिला आरक्षण बिल को कानून बनने में 10 साल लगेंगे.