कांग्रेस मुक्त हुआ नेहरू मेमोरियल, बचे हुए तीन कांग्रेसियों सहित 7 दिग्गजों को किया गया बाहर

संस्थापक सदस्य सहित तीन कांग्रेसी नेता बाहर, कांग्रेस ने कहा - नेहरू की विरासत को नष्ट करने की कोशिश कर रही है भाजपा

NMML
NMML

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा का देश की जनता को दिया नारा ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ चाहे पूरा न हो पाया हो लेकिन देश की पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की याद में बनी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (NMML) सोसाइटी जरूर कांग्रेस मुक्त हो गई है. इस सोसाइटी से संस्थापक सदस्य सहित तीन कांग्रेसी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी NMML सोसाइटी के अध्यक्ष और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उपाध्यक्ष हैं.

दरअसल, 55 साल पुरानी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (NMML) सोसाइटी का सांस्कृतिक मंत्रालय ने पुनर्गठन किया है. इसके बाद नेहरू म्यूजियम सोसाइटी से संस्थापक सदस्य और कांग्रेस नेता कर्ण सिंह सहित मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश को बाहर का रास्ता दिखाया गया. इन तीनों की जगह भाजपा नेता अनिर्बन गांगुली, गीतकार प्रसून जोशी और पत्रकार रजत शर्मा को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है. गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सोसाइटी के सदस्य हैं. नए सदस्यों का कार्यकाल 26 जुलाई 2020 या अगले आदेशों तक बना रहेगा.

यह भी पढ़ें: IAS का डेपुटेशन के प्रति मोह भंग! घटती जा रही है दिल्ली में डेपुटेशन पर जाने की इच्छा

पुनर्गठित सोसाइटी में शामिल अन्य चेहरों में पीएम मोदी पर किताब लिखने वाले किशोर मकवाना, जेएनयू के पूर्व वीसी कपिल कपूर, सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर कमलेश जोशीपुरा, राघवेंद्र सिंह को भी जगह मिली है. इससे पहले सोसाइटी में पत्रकार रामबहादुर राय, पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर, अर्णब गोस्वामी और भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे को शामिल किया था. बता दें, केंद्र सरकार ने तीन मूर्ति इस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के लिए संग्राहलय की आधारशिला रखने के कुछ दिन बाद ही नेहरू मेमोरियल के सदस्यों अर्थशास्त्री नितिन देसाई, प्रो उदयन मिश्रा और पूर्व नौकरशाह बीपी सिंह को किनारे कर दिया था. मोदी सरकार की तरफ से समिति का पुनर्गठन निर्धारित समय से छह महीने पहले ही कर दिया गया है.

मोदी सरकार के इस कदम (NMML) की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अब एनएमएमएल, नागपुर मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी बन गया है. वहीं कर्ण सिंह ने कहा कि मुझे सरकार की इस मंशा पर शक है. उन्होंने कहा कि जो लोग नेहरू का नाम लेने से भी परहेज करते हैं, आज उन लोगों को सदस्य बना दिया. अब यह पूरी तरह से सरकारी संस्था बन गई है.

वहीं दिग्गज कांग्रेसी नेता कर्ण सिंह ने भी कहा कि नेहरू यहां 17 साल तक रहे और यह उनकी विरासत है. जो लोग नए नियुक्त हुए हैं, उन पर कुछ नहीं कहूंगा लेकिन मुझे इनकी मंशा पर शक हो रहा है. मोदी सरकार नेहरू म्यूजियम की जगह सभी प्रधानमंत्रियों का स्मारक बनाना चाहती थी. अब विश्व प्रसिद्ध संस्था को नष्ट करना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें: केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने में विपक्ष से आगे निकली देश की जनता

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार सब कुछ राजनीतिक मंशा से कर रही है. सरकार ने यह निर्णय केवल इसलिए लिया है कि उसके अपने लोग इस पैनल में शामिल हो सकें.

केंद्र सरकार ने NMML समाज के एसोसिएशन और नियमों और विनियमों के ज्ञापन के नियम तीन के अंतर्गत नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) सोसायटी का पुनर्गठन किया है. बता दें, एनएमएमएल को जवाहरलाल नेहरू के जीवन और कार्य से संबंधित व्यक्तिगत कागजात और अन्य ऐतिहासिक सामग्रियों को बनाए रखने, हासिल करने तथा संरक्षित करने के लिए स्थापित किया गया था. यह मुख्य रूप से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का सरकारी आवास था. नेहरू के निधन के बाद 1964 में स्थापित यह संस्थान 55 साल से अधिक पुराना है.

Leave a Reply