पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में गुरूवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आहवान पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से विभिन्न मांगों को लेकर डिजिटल अभियान चलाया गया. सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक सभी डिजिटल प्लेटफॉम पर ‘स्पीक अप इंडिया’ के नाम से चलाये गये इस अभियान में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित देश के सभी प्रमुख कांग्रेस जनों ने मांगों को रखकर अभियान में हिस्सा लिया. कांग्रेस द्वारा चलाया गया यह अभियान आज ट्वीटर पर देश के टॉप ट्रेन्ड में शुमार हुआ.
इस अभियान में फेसबुक लाइव के जरिए भाग लेते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार की नितियों पर सवाल उठाया. पायलट ने अभियान में भाग लेते हुए केन्द्र सरकार से गरीब परिवारों के खातों में 10 हजार रुपए तत्काल ट्रांसफर करने, सभी प्रवासी श्रमिकों को बिना किसी शुल्क के परिवहन की व्यवस्था करने, मनरेगा के तहत रोजगार 100 दिन से बढ़ा कर 200 दिन किया जाने और छोटे व्यवसायों को कर्ज के बजाय वित्तीय मदद करने की केंद्र सरकार से मांग की.
पायलट ने कहा कि अब देश में लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने जा रहा है, लेकिन उसके बाद क्या रणनिति रहेगी, कैसे हमें आगे बढ़ना है. इसे लेकर अभी तक केन्द्र सरकार की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है. श्रमिकों और कामगारों के पैदल निकलने के लिए सभी को सामूहिक जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इससे दयनीय हालत हम पैदा नहीं कर सकते थे. इसके साथ ही पायलट ने कहा कि इन स्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकारों को जो आर्थिक सहायता और संसाधन मिलना था, वह केन्द्र ने नहीं दिया. जब बस, ट्रेन बंद हुई और श्रमिक पैदल निकले, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्षा सोनियाा गांधी ने इन श्रमिकों के आवगमन का खर्च देने की बात कही.
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सचिन पायलट ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार के 20 लाख करोड के पैकेज से लोगों को कुछ नहीं मिलेगा. ऐसे में जो गरीब हैं, जिनके आर्थिक हालात खराब हैं, ऐसे लोगों को अगर नकद सहायता नहीं मिली तो उन्हें कोई फायदा नहीं होगा. पायलट ने कहा कि ‘स्पीक अप इंडिया‘ अभियान के तहत कांग्रेस की गरीब, किसान और मजदूर जो सबसे ज्यादा पीड़ा में है. उसकी आवाज केन्द्र सरकार तक पहुंचा रहे हैं. आम लोग भी इसमें शामिल होकर केन्द्र सरकार पर दबाव बनाएं. क्योंकि केन्द्र सरकार तो अभी 6 साल की उपलब्धियों को गिनाने में व्यस्त है, जिसका ये समय नहीं है. ऐसे मे केन्द्र सरकार पर दबाव बनाना ही एकमात्र रास्ता है जिससे देश के गरीब, पिछड़े और किसानों को राहत मिल सके.