Politalks.News/AsaduddiOwaisi. महाराष्ट्र में जारी सत्ता के संग्राम का पटाक्षेप हो चूका है. एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन चुके हैं तो वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है. यही नहीं असदुद्दीन ओवैसी ने मध्यप्रदेश में आए सियासी संकट का जिक्र करते हुए बिना नाम लिए सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधा. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘देश में कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता तेजी से खोती जा रही है और इसे खत्म हो जाना चाहिए ताकि देश में नई राजनीति की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त हो सके. कुछ लोग कहते हैं कि ओवैसी ने उत्तरप्रदेश में चुनाव लड़ा तो योगी मुख्यमंत्री बन गए ओवैसी ने ये किया तो ये हो गया अरे भाई क्या मेरे कारण नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बने हैं नहीं वे कांग्रेस के कारण दो बार प्रधानमंत्री बने हैं.’
महाराष्ट्र में बीते दिनों चले सियासी घमासान को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि, ‘देश में कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता तेजी से खोती जा रही है और इसे अब पूरी तरह से खत्म हो जाना चाहिए ताकि देश में नई राजनीति की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त हो सके.’ AIMIM के प्रमुख ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस के कारण ही भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बन सके.’ इस दौरान ओवैसी ने कांग्रेस के उस दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया कि AIMIM कांग्रेस के वोटों को काटती है. ओवैसी ने कहा कि, ‘अगर ऐसा है तो एआईएमआईए के कारण ही प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से भाजपा सांसद चुनी गई और कांग्रेस के 22 विधायकों ने शिवराज सिंह चौहान को फिर से सत्ता में लाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया वो नहीं दिखता.’
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पत्रकारों से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘अगर इस देश के मुसलमान राजनीतिक नेतृत्व में अपनी हिस्सेदारी को सही से समझेंगे तो कांग्रेस की राजनीति पूरी तरह खत्म हो जाएगी. कांग्रेस के खराब स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब उसके नेता राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के लिए बुलाया तो वह 100 लोगों को भी सड़क पर जमा करने में विफल रही.’ इस दौरान ओवैसी ने मध्यप्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘वर्ष 2020 में राज्य में जनता ने कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया, लेकिन उसके 20-22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए और शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बन गए. अब अगर सिंधिया को राज्यसभा का टिकट दे देते, तो क्या नुकसान था कांग्रेस का. मगर ‘आप’ जाना चाहते थे. इसमें मेरी क्या गलती. सियासी गलियारों में चर्चा थी कि उस समय सिंधीया राज्यसभ जाना चाहते थे लेकिन दिग्विजय सिंह की जिद के कारण ऐसा नहीं हुआ और सिंधीया ने बागी रुख अख्तियार करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया. ओवैसी ने कहा कि, ‘महाराष्ट्र में भी कुछ विधायक भाग गए, तो क्या उसके लिए भी ओवेसी जिम्मेदार हैं?’
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘आज मध्य प्रदेश में जनता में कांग्रेस के प्रति गुस्सा है.’ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में अपना विस्तार करेगी.’ वहीं औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर करने के सवाल पर ओवैसी ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में NCP और कांग्रेस शिवसेना को सत्ता से दूर रखने के लिए लोगों से एआईएमआईएम को वोट नहीं देने की अपील कर रहे थे लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने सरकार बनाने के लिए शिवसेना से हाथ मिला लिया और यह इनके दोहरे मापदंड हैं. मैं राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं करता हूं, मैं संविधान में विश्वास रखता हूं.’
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मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी के साथ एआईएमआईएम के गठजोड़ की संभावना के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि, ‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विचारधारा से सहमत नहीं हूं. हमारी पार्टी मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगी.’ इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा लाई गई सेना भर्ती योजना अग्निपथ का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार इस तरह की योजना लेकर देश को कमजोर करना चाहती है. पहले कृषि कानून लाये और अब ये युवा विरोधी योजना लेकर आई है. इस योजना को हर हाल में केंद्र सरकार को वापस लेना होगा.’ वहीं भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा चुने गए नेताओं के लिए सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों की जरूरत पर सवाल उठाने पर ओवैसी ने कहा कि, ‘यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री और भाजपा के अन्य सांसदों की तरफ से भी आना चाहिए.’