कन्हैया के परिजनों को CM ने सौंपा 51 लाख का चेक, बोली BJP- राज्य के गृहमंत्री स्वयं इस घटना के दोषी

उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड में NIA की जांच जारी, NIA आरोपियों के पाकिस्तान कनेक्शन की कर रहा है पड़ताल, तो सीएम गहलोत ने बुधवार को मृतक के परिवारजनों से की मुलकात, बंधाया ढांढस, बोले गहलोत- NIA कर रहा है जांच, जल्द होगा सबकुछ साफ, तो बोले पूनियां- राज्य के मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं, अपनी भूमिका में हैं पूर्णतया विफल, इस प्रकार की तालीबानी घटनाओं से राज्य की जनता है भयभीत और सरकार जन सुरक्षा का भरोसा देने में है असफल

‘कांग्रेस के राज में ही क्यों होती है ऐसी घटना’
‘कांग्रेस के राज में ही क्यों होती है ऐसी घटना’

Politalks.News/Udaipur. उदयपुर में हुए कन्हैयालाल टेलर के निर्मम हत्याकांड ने राजस्थान के साथ साथ पुरे देश को झकझोर कर रख दिया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इस पुरे मामले की जांच NIA को सौंप दी गई है. वहीं प्रदेश सरकार ने इस मामले के SIT का गठन किया है. NIA ने दोनों आरोपियों पर UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया है. सूत्रों का कहना है कि इस घटना के तार पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन से जुड़े हैं. वहीं गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में मृतक कन्हैयालाल तेली के आवास पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि दी और परिवारजनों को ढांढस बंधाया. इस दौरान सीएम गहलोत ने परिवारजनों को 51 लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि का चेक भी सौंपा. वहीं पत्रकारों से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, NIA अब इस मामले की जांच कर रही है. जल्द ही पुरे मामले की सच्चाई सबके सामने होगी. तो वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने कहा, ‘राज्य का पुलिस प्रशासन और सरकार कमजोर हो जाती है तो सबसे पहले कोई दोषी हैं तो वो गृहमंत्री और मुख्यमंत्री हैं.’

सीएम गहलोत ने की मृतक के परिवार से मुलाकात
शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर पहुंच अधिकारियों से पुरे मामले की जानकारी ली. वहीं मृतक कन्हैयालाल तेली के आवास पर पहुंच परिवारजनों से मुलाकात की एवं उन्हें ढांढस भी बंधाया. मृतक कन्हैया के आवास पर करीब 20 मिनट तक रहे सीएम गहलोत ने कन्हैया के बच्चों से भी बात की. इस दौरान परिवारजनों को सीएम गहलोत ने 51 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का चेक भी सौंप दिया. वहीं पत्रकारों से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘ये जो घटना हुई है ये बेहद ही दुखदाई एवं दर्द भरी है. इस घटना ने राजस्थान ही नहीं पुरे देश को झकझोर दिया है. हमारी राजस्थान की पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब मामले की जांच NIA कर रहा है. ऐसे में बहुत जल्द साफ़ हो जाएगा कि आखिर किस आतंकी साजिश के तहत ये हत्याकांड हुआ.’

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NIA कर रहा है जांच, सबकुछ हो जाएगा साफ- गहलोत
वहीं जब पत्रकारों ने सीएम गहलोत से पुछा कि आखिर कन्हैया लाल जब पुलिस से मदद मांगने गए थे और पुलिस उन्हें उसी वक़्त सुरक्षा मुहैया करा देती तो शायद ये घटना होती ही नहीं, ऐसा क्यों नहीं हुआ. हालांकि सीएम गहलोत इन सवालों से बचते दिखे फिर भी उन्होंने कहा कि, ‘अब NIA ने ये पूरा मामला अपने हाथ में ले लिया है और वो जांच कर रही है. अब जो कुछ भी सवाल आपके मन में हैं उनका जवाब NIA ही देगी और उससे पता चलेगा की कहाँ कमी रही.’ वहीं इस पूरी घटना को लेकर सियासत भी चरम पर है हालांकि सीएम गहलोत ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से शांति बनाए रखने की अपील की. तो वहीं बीजेपी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सीएम गहलोत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है.

प्रदेश में हो चूका है पुलिस का इकबाल ख़त्म- पूनियां
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश में कानून व्यवस्था की नाकामी प्रदेश के पुलिस इंटेलिजेंस की फेल्योर और पुलिस का इकबाल खत्म होना यानि किसी की दुकान पर जाकर गर्दन काट देना ये पुलिस के इकबाल खत्म होने की सबसे बड़ी निशानी है. अपराधी बेखौफ हो जाएं और सरेआम इस तरह से अपराध करें तो ये सीधे-सीधे राज्य सरकार की कानून व्यवस्था की विफलता को बताता है. एनआईए और केन्द्र की एजेन्सी तभी आती है तब स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार, पुलिस नाकाम हो जाती हैऔर उदयपुर की इस घटना से शायद एनआईए का अपना एक संकेत है कि ये घटना केवल एक, दो या तीन व्यक्ति की नहीं है. इसके तार कहीं तक जायेंगे, कोई कह नहीं सकता, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के शासन में अपराधियों को सहूलियत मिली हुई है.’

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राजस्थान की जिम्मेदारी तो आपके जिम्मे है तो फिर पीएम क्यों आये आगे- पूनियां
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘इस तरह के राज में अपीजमेंट की राजनीति हो रही है, जिस राज में पुलिस मेें राजनैतिक दखल से नियुक्तियां होती हों, जिस राज में पुलिस के बेड़े को आधुनिकीकरण के लिए संसाधन के लिए कोई सोच नहीं हो तो ऐसी परिस्थिति मेें वहां की पुलिस नाकाम हो जाती है. राज्य का पुलिस प्रशासन और सरकार कमजोर हो जाती है. तो सबसे पहले कोई दोषी हैं तो वो राजस्थान के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री हैं, जिन पर जन सुरक्षा की नैतिक जिम्मेदारी थी.

पर ये अफसोस है कि वो टविटर के जरिये शांति और सदभाव की अपील करके प्रधानमंत्री जी के बारे में ये कहते हैं कि उनको आगे आना चाहिए, तो भाई आप पीछे क्यों हो, राजस्थान की जिम्मेदारी तो आपके जिम्मे है. इसलिए स्वभाविक तौर पर एनआईए जब आया है तो ये उम्मीद की जा सकती है कि एनआईए उन सब लोगों तक पहुंचेगा जो राजस्थान की शांति और सदभाव को बिगाड़ना चाहते हैं.’

कांग्रेस के राज में ही क्यों होती है ऐसी घटना- पूनियां
वहीं कांग्रेस नेताओं द्वारा राहुल गांधी कैरोसिन वाले का बयान का जिक्र करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘जो लोग ये बयान देते हैं कि पूरे देश में केरोसिन फैल जाएगा यानि ये स्पष्ट है कि किस तरह की मानसिकता से यह लोग प्रदेश को अराजकता में धकेलना चाहते हैं. पूरे देश में अशांति फैलाना चाहते हैं, ये पहला इंसिडेन्ट नहीं है. इस मामले में प्रश्न ये है कि अपराधी पकड़े गए, लेकिन लोगों का भरोसा कैसे बढ़े. सरकार के पास इस बात की पूरी मंशा व नीयत होनी चाहिए कि उसको फास्ट ट्रैक के जरिये या कानूनी कोई ऐसा रास्ता हो जिससे हत्यारों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिले और पीड़ित परिवार को भी संबल मिले. राज्य के मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं, जो अपनी भूमिका में पूर्णतया विफल हैं, इस प्रकार की तालीबानी घटनाओं से राज्य की जनता भयभीत है और सरकार जन सुरक्षा का भरोसा देने में असफल हुई है. हम एक जिम्मेदार राजनैतिक दल के नाते अपील करते हैं कि प्रदेश में शांति और सदभाव बना रहे, लेकिन प्रश्न यह है कि राज्य में इस प्रकार की घटनाएं कांग्रेस के शासन में ही क्यों होती हैं?’

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