rajendra rathore on gehlot government
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Rajendra Rathore’s attack on CM Gehlot: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. ऐसे में चुनावी वर्ष में प्रदेश में हो रही ईडी की छापेमारी को कांग्रेस नेताओं ने मुद्दा बना रखा है तो किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर भाजपा नेता इन दिनों मुखर होके बोल रहे है.

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंन्द्र राठौड ने आज प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए किसान कर्ज माफी मामले पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि गहलोत सरकार ने किसानों के वोट बटोरकर उनके साथ धोखा किया है. राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंको से करीब 6 लाख किसानों ने लोन लिया था, उनका एक पैसा भी माफ नहीं हुआ. गहलोत सरकार ने किसानों के साथ वन टाईम सेटलमेंट का वादा किया था, लेकिन विधानसभा में सरकार ने जवाब दिया कि प्रदेश में 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम हुई हैं, इसके अलावा एक लाख तेरह हजार किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैं, जिनकी जल्द ही जमीनें नीलाम होने वाली हैं. कर्ज से तंग आकर प्रदेश में किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, अन्न्दाताओं की यह बदहाली कांग्रेस सरकार को ले डूबेगी.

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पेपर लीक सहित भ्रष्टाचार के मामलों में ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन करने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ईडी ने प्रारंभिक जांच में तथ्यात्मक रूप से यह पाया है कि प्रदेश में ब्लेक मनी का प्रसार हुआ है, ब्लेकमेलिंग के इस खेल में पेपर माफिया सक्रिय हैं. आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि डेढ करोड रूपए देकर आरपीएससी में सदस्य बनाया गया है. सरकार की सरपरस्ती के चलते आरोपियों के हौसले बुलंद हैं और इन सभी मामलों के तार सरकार से जुडे हैं.

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नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने रीट पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल सेंटर को रीट पेपर कराने का जिम्मा देना साफ दर्शाता है कि खुद सरकार पेपर लीक कांड में मुख्य आरोपी है. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन धर्मपाल जारोली पूर्व में बयान दे चुके कि मुझे बली का बकरा बनाया जा रहा है, मुख्य आरोपियों को बचाया जा रहा है. सरकार द्वारा मनोनीत आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा खुद स्ट्रॉंग रूम से पेपर आऊट कराते हैं. इस काम में उनके साथ उनके रिस्तेदार तक शामिल पाए जाते हैं.

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पेपर लीक मामले में फरार आरोपी भूपेंन्द्र सारण का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार में मंत्रियों के सोशल मीडिया अकाउंट माफिया लोग चला रहे हैं. बिना सरकार की सरपरस्ती के किसी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर इस तरह कार्यालय से कैसे निकाला जा सकता है, सरकार की भूमिका संदिग्ध होने की वजह से ये लोग ईडी की जांच से बौखलाए हुए हैं. जैसे जांच आगे बढेगी एैसे सभी लोग जिन्होने नौकरी की गारंटी देने के नाम से कोचिंग सेंटर खोलकर बैच बनाए हुए थे, इन सभी पर जांच की आंग जरूर आएगी.

नेता प्रतिपक्ष राजेंन्द्र राठौड ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ईडी की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों के जवाब में यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार खुद के राज में जिन संस्थाओं को सर्वोच्च मानती थी आज उन्हें ईडी जैसी संवैधानिक संस्था पर शक होता है. कांग्रेस को यह ध्यान रखना चाहिए कि संविधान और कानून से कोई भी ऊपर नहीं हैं.

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