cp joshi on gehlot
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CP joshi on Gehlot Government: राजस्थान में चुनावी वर्ष के चलते इन दिनों कांग्रेस-भाजपा नेताओं में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आज प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए किसानों की जमीन कुर्क होने और ईडी की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि प्रदेश में 19 हजार किसानों की जमीन कुर्क हो गई, जो कांग्रेस सरकार के मुंह पर कालिख पोतने जैसा है.

सीपी जोशी ने कांग्रेस पर किसानों से वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी की 10 तक गिनती, कर्जा माफ, इतने बड़े झूठ से प्रदेश का किसान बेहाल है, जबकि वास्तविकता में कर्ज माफी ना होने से किसानों की जमीन कुर्क हो रही है. भाजपा सदैव किसान हित में बात करती आई है, जो कहा वही किया, लेकिन गहलोत सरकार ने हमेशा राजस्थान की जनता और किसानों के साथ धोखा किया है.

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सीपी जोशी ने कहा कि विधानसभा में घोषणावीर सीएम गहलोत कहते है कि किसानों की जमीन कुर्क नहीं होगी, लेकिन किसानों की जमीन को कुर्क हो रही है, जो उनके साथ धोखा है. किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर आत्महत्या की है, क्या उनको यह दिखाई नहीं देता है. राजस्थान की जनता ने मीडिया के माध्यम से देखा कि राजस्थान में कितने किसानों ने आत्महत्या की है. बिते साढ़े 4 साल आपने किसानों की सुनवाई नहीं की यह उसी के परिणाम है.

सीपी जोशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की जनता का डेटा आप एक निजी कंपनी को दे रहे है. यह जनता के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर ना इंसाफी है. एक सवाल के जवाब में सीपी जोशी ने कहा कि आरपीएससी सदस्य की गिरफ्तारी का मामला राज्य के इतिहास में पहला है. सरकार की जानकारी में पेपर लीक मामले से जुडी सभी जानकारियां थी, यदि मुख्यमंत्री गहलोत ईमानदार होते तो पहले ही दूध का दूध और पानी का पानी हो गया होता. सरकार के तार पेपर लीक के आरोपियों से जुडे हुए हैं, इसलिए इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई. ईडी की जांच पर भरोसा जताते हुए सीपी जोशी ने कहा कि बहुत जल्द पेपर लीक सहित भ्रष्टाचार के सभी मामलों में बडे खुलासे होंगे.

जोशी ने कहा कि सरकार का धर्म होता है कि वह गरीब कल्याण के लिए काम करे, लोकतंत्र में मतदाता मालिक होता है. साढे चार साल महंगी बिजली, फ्यूल सरचार्ज, चौगुना महंगा कोयला खरीदा और चुनाव के समय राहत देने का ढोंग रच रहे हैं.

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