राज्यसभा चुनावों को लेकर बेवजह फैलाया जा रहा है भ्रम, चिंता की नहीं है कोई बात- सचिन पायलट

एक सीट के लायक ही बहुमत होने के बाद भी भाजपा ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारकर मुकाबले को बना दिया रौचक, ऐसे में कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की जताई जा रही है सम्भावना

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजस्थान की 3 सीटों के लिए आगामी 19 जून को प्रदेश में राज्यसभा चुनाव होंगे. इन चुनावों का समय समय जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे प्रदेश में सियासी बयान बाजी का दौर भी बढता जा रहा है. एक सीट के लायक ही बहुमत होने के बाद भी भाजपा ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारकर इस मुकाबले को रौचक बना दिया है. ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की अटकलों को लेकर भी इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं.

राज्यसभा चुनाव को लेकर उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने मंगलवार को पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि इन चुनावों को लेकर बेवजह भ्रम फैलाया जा रहा है. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. बहुमत किसके पास है, सभी को पता है. जब हम विपक्ष में थे तो कांग्रेस ने भी निर्दलीय को समर्थन किया था और उस समय चुनाव हुआ था. इस बार भाजपा चाहती हैं कि चुनाव हो लेकिन इस प्रकार भ्रम फैलाकर कुछ हासिल होने वाला नहीं है.

उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचकर लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों के लिए किए गए राहत कार्यों की पीसीसी पदाधिकारियों से जानकारी ली. इस दौरान पायलट ने पत्रकारों को बताया कि लॉकडाउन के दौरान संगठन ने सरकार के साथ मिलकर काम किया. प्रदेश में संगठन की ओर से 1 करोड 33 लाख से अधिक फूड पैकेट बांटे गए. इसके साथ ही 30 लाख परिवारों को सूखी राशन किट वितरीत कि गई और 37 लाख 55 हजार लोगों को मेडिकल किट वितरित की गई जिसमें मास्क, सेनेटाइजर, साबुन और पीपीई किट शामिल थे.

सचिन पायलट ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के आवागमन पर हुई राजनीति पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि श्रमिकों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार को राष्ट्रव्यापी नीति बनानी चाहिए थी. कोई ठोस नीति नहीं होने से श्रमिकों को खामियाजा भुगतना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद कई सरकारें जागी. राजस्थान में पहले से ही मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की थी. श्रमिकों के आवागमन को लेकर भाजपा ने राजनीति की.

प्रदेश में मनरेगा के तहत ग्रामीण श्रमिकों को मिल रहे रोजगार को लेकर पायलट ने कहा कि मुझे बताते हुए खुशी है कि राजस्थान में 50 लाख से ज्यादा लोग मनरेगा में रोजगार पा रहे हैं. इसके साथ ही इसमें करीब 12 लाख अप्रवासी श्रमिक जो कि प्रदेश में वापस आए है. प्रदेश में वापसी कर रहे श्रमिकों के आसानी से जॉब कार्ड बनाए जा रहे है. देश में आज मनरेगा में रोजगार देने में राजस्थान नंबर एक पर है. उत्तर प्रदेश जो राजस्थान से 3 गुना बड़ा प्रदेश है वह भी इतनी संख्या में रोजगार देने में कामयाब नहीं हुआ है. प्रशासन के लोगों ने और मंत्रालय ने इसके लिए एकजुट होकर काम किया है और आज 50 लाख से ज्यादा लोग मनरेगा में रोजगार पा रहे हैं.

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प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण को लेकर पायलट ने कहा कि लॉकडाउन में अब केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से छूट दी जा रही है. आने वाला समय जिम्मेदारी का समय है. संक्रमण बढ़ रहा है तो हमारा दायित्व है कि सोशल डिस्टेंसिंग और सेफ्टी का ध्यान रखें. सार्वजनिक स्थानों को खोला जा रहा है इसका मतलब यह नहीं है कि इसको हम छूट माने और वेबजह घूमें. कोरोना संक्रमण फैल रहा है वैक्सीनेशन अभी तक मिली नहीं है, इसलिए प्रदेश वासियों को बहुत अहमियत बरतनी पड़ेगी. आने वाले दिनों में हमको अगर कोरोना से मुकाबला करना है तो संक्रमण के फैलाव को रोकना पड़ेगा जिसका एक ही तरीका है सावधानी रखें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें.

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