सीएम गहलोत ने चाइनीज मांझे की काटी डोर तो खिलाड़ियों को दी जाने वाली ईनामी राशि को 4 गुना तक बढ़ाया

सीएम गहलोत ने एक अहम निर्णय लेते हुए ओलंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने पर दी जाने वाली इनामी राशि को 3 से 4 गुना तक बढ़ा दिया तो वहीं मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी के लिए बेचे जाने वाले चाइनीज मांझे पर लगा दी है रोक

Rajasthan Cm Ashok Gehlot 1575936299
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Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जनता से जुड़े दो बड़े फैसले लिए. खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए जहां सीएम गहलोत ने एक अहम निर्णय लेते हुए ओलंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने पर दी जाने वाली इनामी राशि को 3 से 4 गुना तक बढ़ा दिया तो वहीं मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी के लिए बेचे जाने वाले चाइनीज मांझे पर गहलोत सरकार ने रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री गहलोत की मंजूरी और निर्देश के बाद सम्बंधित विभागों ने आदेश जारी कर दिए हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद युवा मामले और खेल विभाग द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक, अब ओलंपिक में स्वर्ण जीतने पर खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी. पहले यह राशि 75 लाख रुपए थी. वहीं ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 50 लाख से 2 करोड़ कर दिया गया है. इसके साथ ही कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली राशि को 30 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ करने की मंजूरी दे दी गई है.

इसके अलावा एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर प्रदेश के खिलाड़ियों को दी जाने वाली राशि को 30 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने पर इनामी राशि 20 लाख से बढ़ाकर 70 लाख और कांस्य पदक जीतने पर दी जाने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 30 लाख करने का निर्णय गहलोत सरकार ने लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी.

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वहीं सोमवार को एक और बड़ा जनहित का फैसला लेते हुए गहलोत सरकार ने मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी के लिए बेचे जाने वाले चाइनीज मांझे पर रोक लगा दी है. गृह विभाग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट, जयपुर और जोधपुर के पुलिस आयुक्त को रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. गृह विभाग के आदेश के अनुसार यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जो पतंग के पेंच लड़ाने में अधिक कारगर होता है. इस कारण से इसका प्रयोग अधिक किया जाने लगा है.

चाइनीज मांझे के उपयोग के दौरान दुपहिया वाहन चालकों और पक्षियों के जान-माल का नुकसान होता है. चाइनीज मांझा वाले धागे जब बिजली के तारों के संपर्क में आ जाते हैं, तो विद्युत सुचालक होने के कारण यह पतंगबाजी करने वालों के लिए भी जानलेवा साबित होते हैं. इसके अलावा इससे बिजली की सप्लाई में भी बाधा पहुंचती है. कई बार दो तारों के बीच इस धागे के संपर्क से शॉर्ट सर्किट भी हो जाता है. इसलिए सरकार ने धातु वाले मांझा और चाइनीज मांझे की थोक और खुदरा बिक्री या इसके उपयोग पर प्रतिबंध का आदेश जारी कर दिया है.

आपको बता दें, गृह विभाग के आदेश के बाद दौसा, अलवर, भरतपुर, और जयपुर के जिला कलेक्टर ने भी चाइनीज मांझे पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया है. गौरतलब है कि पिछले साल भी राज्य सरकार ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर बैन लगा दिया था. मकर सक्रांति के अवसर पर राज्य के कई जिलों में लोगों की मौत की खबरें भी सामने आई थीं. इसके बाद राज्य सरकार ने चाइनीज मांझे की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी थी. इस बार भी राज्य सरकार ने मकर सक्रांति के अवसर पर चाइनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगा दी है.

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