पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना के बढते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद चिंतित है. शुक्रवार को सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में सभी जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधिक्षकों और चिकित्सा अधिकारियों से विडियो क्रांफ्रेसिंग के जरिए कोरोना वायरस की रोकथाम से सम्बंधित इंतजामों की समीक्षा की और उचित दिशा निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांफ्रेसिंग के दौरान कहा कि कि वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से होने वाले नुकसान की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हमारी छोटी सी लापरवाही प्रदेश में भयावह स्थिति पैदा कर सकती है. ऎसे में सभी सरकारी नुमाइंदों, जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं सहित सभी प्रदेशवासियों की जिम्मेदारी है कि वे कोरोना को हराने के लिए पूरी सजगता एवं सतर्कता के साथ इस चुनौती का सामना करें.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि दो दिन पहले तक प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन संक्रमण के कुछ और मामले सामने आने के बाद हमारी चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि हमारा प्रदेश इस वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के दौर से गुजर रहा है. पूरी सजगता, सतर्कता और गंभीरता के साथ हमने एडवाइजरी का पालन किया तो हम संकट के इस दौर से सफलतापूर्वक बाहर निकल सकेंगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रही है. हम सबकी जिम्मेदारी सिर्फ एक ही है कि कैसे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जाए. जिला कलेक्टर स्वयं के स्तर पर भी इस संबंध में आवश्यक निर्णय ले सकते हैं. ग्राम स्तर तक मौजूद हमारा सरकारी तंत्र इससे बचाव के लिए जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
वहीं झुंझुनूं एवं भीलवाड़ा में पाए गए कोरोना पॉजिटिव के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने सम्बन्धित जिला कलेक्टरों से विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि वहां इन रोगियों के संपर्क में आए हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए. होम आईसोलेशन, धारा 144 तथा संबंधित क्षेत्रों में कर्फ्यू की सख्ती से पालना करवाई जाए. इस रोग को फैलने से रोककर आमजन का जीवन बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
सीएम गहलोत ने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि कैदियों में कोरोना का संक्रमण नहीं फैले, इसे देखते हुए हर जेल में एक आईसोलेशन सेल बनाई जाए. इसके साथ ही हर नए कैदी को जेल ले जाने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाए. जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि आगामी एक माह में आयोजित होने वाले मेलों, शोभायात्राओं, जुलूसों सहित अन्य आयोजनों जिनमें भीड़ एकत्रित होती हो, उन्हें स्थगित करवाया जाए. इसके साथ ही इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि बाहर से आने वाले लोगों को रोका जा सके.
यह भी पढ़ें: वसुंधरा राजे ने खुद को और पुत्र दुष्यंत को करवाया आइसोलेट, सम्पर्क में आने वाले अन्य नेताओं में मचा हड़कंप
सीएम गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों से कहा कि जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, बूंदी, भरतपुर, चितौड़, बीकानेर सहित ऎसे जिलों में जहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा रहती है, वहां जिला प्रशासन विशेष सर्तकता बरतें. दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों पर भी निगरानी रखी जाए. सीएम गहलोत ने निर्देश देते हुए कहा कि जिला स्तर पर कोरोना से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं जागरूकता के लिए नियंत्रण कक्ष सुचारू रूप से संचालित हों.
बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि संकट के इस दौर में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों एवं आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. जहां कहीं भी कालाबाजारी की शिकायत मिलती है, वहां संबंधित विक्रेता पर कानूनी कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि इस महामारी से लड़ाई के साथ-साथ गवर्नेंस से संबंधित नियमित कार्य भी सुचारू रूप से जारी रहें ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा नहीं आए.
बैठक के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि दो सप्ताह इस वायरस के संक्रमण की दृष्टि से बेहद गंभीर हैं. इस समय सरकारी की एडवाइजरी का सख्ती से पालना करवाया जाए. सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जाए ताकि लोग अफवाहों से बचे रहें. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि बाहर से आने वाले घरेलू यात्रियों पर भी जिला प्रशासन पूरी नजर रखे.