Politalks.News/Rajasthan. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रेवाड़ी मदार खंड का लोकार्पण और डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन फ्लैगऑफ कार्यक्रम में वीसी के माध्यम से जुड़े मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज रेलवे एक नया इतिहास बनाने जा रहा है. देश की आजादी के पहले से ही देश में रेलों का विकास होना प्रारंभ हुआ और 170 साल का लंबा इतिहास है. भारतीय रेलवे का इतिहास वर्ष 1853 से शुरू हुआ और लंबा सफर तय करते-करते अब डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का शुरू होना और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बनना, एक इतिहास रचने के बराबर है.
पंडित नेहरू और यूपीए सरकार की गिनाईं उपलब्धियां
इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू, यूपीए सरकार के समय की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पंडित नेहरू के जमाने में रेलवे के लिए चाहे इंजन हों चाहे डिब्बे हों, सब इम्पोर्ट होते थे. पंडित नेहरू की दूरदृष्टि थी कि जिस प्रकार से उन्होंने बड़े-बड़े बांध और कारखाने बनवाए, उसी रूप में उन्होंने रेलवे पर भी ध्यान दिया. रेल के डिब्बे और इंजन सब यहां बनने लगे, इसके लिए फ्रांस से एग्रीमेंट किया गया. उसके बाद में लंबा सफ़र तय करते-करते 2006 के अंदर जब यूपीए गवर्नमेंट के समय डीएफसीसीआईएलए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थापना हुई, डॉ मनमोहन सिंह के वक्त में एक नया इतिहास रचा गया. किस प्रकार से पैरेलल ईस्टर्न वेस्टर्न कॉरिडोर बने फ्रेट के लिए ताकि देश की आर्थिक गतिविधियां तेज गति से बढ़ सकें.
यह भी पढ़ें: ‘जिस घर से पत्थर आएंगे उसी घर के पत्थर निकाले जाएंगे’ – पत्थरबाजों को नरोत्तम मिश्रा की चेतावनी
इस दौरान प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थानवासियों के लिए यह बहुत सौभाग्य की बात है कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 42 पर्सेंट हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है. सीएम गहलोत ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूर्व में स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट का काम फिर से शुरू करवाने की मांग भी मुख्यमंत्री गहलोत ने की.
बन्द पड़े प्रोजेक्ट दुबारा शुरू करने की मांग
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान के लिए कुछ प्रोजेक्ट जो पहले सेंक्शन हो गए थे, वो प्रोजेक्ट कुछ कारणों से बंद हो गए हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘आप स्वयं इतना इंटरेस्ट लेते हो रेलवे के अंदर और मंत्री पीयूष गोयल भी बैठे हुए हैं, रेलवे के अधिकारी भी बैठे हुए हैं, मैं चाहूंगा कि जो प्रोजेक्ट पहले से सेंक्शंड हैं, शुरू हो चुके थे और किन्हीं कारणों से बंद हो गए हैं, कृपा करके आप उनको प्रायोरिटी दें और पुनः शुरू करवाएं, जिससे कि राजस्थान के अंदर जो माहौल बना था, वो माहौल पुनः बन सके.’ साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि रेलवे का विस्तार, रेलवे का विकास टॉप प्राइयोरिटी पर रहा है और रहना चाहिए, चाहें सरकार किसी भी पार्टी की हो. उसी से हमारी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और देश में सभी यात्रियों और इंडस्ट्री को भी फायदा मिलेगा.
भिवाड़ी में स्टेशन बनाने की मांग की
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोविड के बाद में राज्यों की स्थिति बहुत ही विकट हो चुकी है, फिर भी हमारा प्रयास है कि खुशखेड़ा, भिवाड़ी, नीमराणा, जोधपुर, पाली, मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के काम साथ-साथ में चलें और राज्य में भिवाड़ी में भी एक स्टेशन बनें ताकि उसका लाभ मिल सकें. क्योंकि नीमराणा के अंदर भिवाड़ी क्षेत्र में जापानी जोन है और वो अपने आप में पूरे देश के अंदर अनूठा जोन है जो कि स्पेसिफिक जापानीज़ इन्वेस्टमेंट जोन हो रहा है. भिवाड़ी में लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां हैं. अगर वहां रेलवे स्टेशन बनता है, तो आने वाले समय में उसका लाभ सभी को मिलेगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्यक्रम में भिवाड़ी के सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र में डीएफसी स्टेशन बनाने की मांग रखी. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र, राज्यपाल हरियाणा सत्यदेव नारायण आर्य, केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी के साथ कई मंत्री, सांसद और रेलवे के अफसर वीसी से जुड़े.