कमलनाथ सरकार में सस्पेंड किए गए डॉक्टर को शिवराज सरकार में मिली पावरफुल पोस्टिंग, मचा बवाल

अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद कमलनाथ सरकार ने डॉक्टर को सस्पेंड करते हुए डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू की थी परंतु शिवराज सिंह सरकार में डॉ राजू निदारिया को एक बार फिर और अधिक पावरफुल पोस्टिंग देकर प्रोत्साहित किया गया है

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Politalks.News/Rajasthan. आज से लगभग दो साल पहले जनवरी 2019 में मध्यप्रदेश के उज्जैन में जिला अस्पताल में कार्यरत सिविल सर्जन डॉ. राजू निदारिया का एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे स्टाफ नर्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति (किस करते हुए) में दिखाई दिए थे. इस डॉक्टर को मध्यप्रदेश में किसिंग एक्सपर्ट भी कहा जाता है. वीडियो वायरल होने के एक घंटे के भीतर ही कलेक्टर ने डॉ. निदारिया को सिविल सर्जन पद से हटा दिया था.

यही नहीं कमलनाथ सरकार ने डॉक्टर को सस्पेंड भी कर दिया था, वहीं अब इस किसिंग डॉक्टर को करीब 2 साल बाद पॉवरफुल पोस्टिंग दी गई है. शिवराज सिंह सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से चिकित्सा मंत्री डॉक्टर प्रभु राम चौधरी की एनओसी के बाद डॉक्टर निदारिया को शाजापुर जिले का CMHO बना दिया गया है. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस ने इस पोस्टिंग पर आपत्ति उठाई है.

https://twitter.com/MPArunYadav/status/1347039141846872064?s=20

हमने अश्लील वीडियो कांड में सस्पेंड किया था, मंत्री की कृपा से CMHO बना दिया गया

पूर्व सीएम कमलनाथ की तरफ से शिवराज सिंह सरकार की घेराबंदी के लिए अस्थाई रूप से नियुक्त किए गए कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इसे लेकर ट्वीट किया है. अरुण यादव ने ट्वीट में कहा की, ‘कांग्रेस सरकार ने अश्लील वीडियो कांड 2019 में फंसे उज्जैन के सिविल सर्जन डॉ. राजू निदारिया को सस्पेंड कर दिया था, मगर “प्रभु कृपा” (मंत्री प्रभुराम चौधरी) से उन्हें अब शाजापुर CMHO बना दिया गया है. यादव ने आगे कहा, वो भी सीनियर CMHO डॉ फुलम्बरीकर के रिटायर होने से 2 महीने पहले ही, शिवराज सिंह जी आज कल आप कौन से फॉर्म में है ? “प्रभु कहीं बेड़ा गर्त न कर दें” ?

https://twitter.com/MPArunYadav/status/1347039146347384832?s=20

बता दें, जनवरी 2019 में जब डॉ राजू निदारिया उज्जैन के सिविल सर्जन थे, नर्सों के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर एक के बाद एक चार वीडियो वायरल हुए. इनमें डॉ राजू निदारिया और एक नर्स की प्रेम लीला दिखाई दे रही थी. आपत्ती प्रेमलीला पर नहीं थी परंतु यह सब कुछ सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में हो रहा था. इसे सरकारी संपत्ति एवं पद का दुरुपयोग भी कहते हैं और नियमानुसार ऐसे अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रावधान है.

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उक्त वीडियो वायरल होने के एक घंटे के भीतर ही तत्कालीन जिला कलेक्टर ने डॉ. निदारिया को सिविल सर्जन पद से हटा दिया था, वहीं डॉ. निदारिया के वीडियो वायरल होने से जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया तो पूरे शहर में चर्चा का विषय बना रहा था. इसके बाद कमलनाथ सरकार ने डॉक्टर को सस्पेंड करते हुए डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शुरू की थी परंतु शिवराज सिंह सरकार में डॉ राजू निदारिया को एक बार फिर और अधिक पावरफुल पोस्टिंग देकर प्रोत्साहित किया गया है.

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