Rajyavardhan Singh Rathore
Rajyavardhan Singh Rathore

Rajyavardhan Singh Rathore on Gehlot: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी इन दिनों विभिन्न मुद्दों पर गहलोत सरकार को घेरने के लिए “नहीं सहेगा राजस्थान” अभियान चला रही है. इसी अभियान के तहत आज जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान प्रदेश अपराध का गढ़ बन चुका है. बीते पौने पांच सालों में 11 लाख अपराध के मुकदमे दर्ज हुए हैं. गौर करने वाली बात ये वीरों की भूमि कहे जाने वाले राजस्थान की धरा पर ऐसा पहली बार हुआ है.

सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि राजस्थान अपराधियों की शरणस्थली बन गया है, आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं. प्रदेश में प्रतिदिन 17 बलात्कार हो रहे हैं. हाल ही में हुई करौली जिले में दलित लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना हुई, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा करते हैं कि एफआईआर ज्यादा दर्ज हो रही है, इसलिए घटनाएं बढ़ी है. जबकि करोली दुष्कर्म पीड़िता के परिजन जब मुकदमा दर्ज कराने गए तो पुलिस धक्के मार के बाहर निकाल दिया था. मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना जघन्य है. राजस्थान में आज महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही है.

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सांसद राठौड़ ने कहा कि जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में भी अपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं. जमवारामगढ़ ने टीचर को जिंदा जला कर मार दिया गया था, पावटा में घर में घुसकर लूटपाट की घटना हुई. लूटपाट का विरोध करने पर बदमाशों ने एक महिला और युवक को गोली मार दी, वहीं एक ई-मित्र संचालक के साथ लूटपाट की वारदात हुई. दर्जनों लूटपाट की घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है. जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में हो रही लूटपाट, डकैती, हत्या, बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है. यह दर्शाता है कि प्रदेश में कानून का राज खत्म हो गया है. राज्य सरकार पिछले पौने पांच साल में इन लूटपाट की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा पाई है. दूसरे राज्यों से अपराधी यहां शरण ले रहे है, जबकी भाजपा शाषित राज्यों में अपराध का ग्राफ़ तेजी से नीचे गिरा है. यूपी में क्राइम का सफाया हुआ है.

सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड ने प्रदेश में व्याप्त आकंठ भ्रष्टाचार पर कहा कि राजस्थान पिछले पौने पांच सालों में भ्रष्टाचार चरम पर है. कांग्रेस के नेता सिर्फ अपने परिवार को मजबूत करने में जुटे हुए है, उनके संरक्षण में अवैध खनन और भूमाफिया सक्रिय है. राजस्थान को बीमारू राज्य और विकास में पिछड़े राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है. कांग्रेस विधायक मिनी मुख्यमंत्री बन चुके है, प्रदेश को कांग्रेस विधायकों के लिए लूट की मशीन बना रखा है. कांग्रेस के पास राजस्थान एकमात्र राज्य है, जहां से भ्रष्टाचार का पैसा कांग्रेस अन्य राज्य में चुनाव लड़ने के लिए काम में लेती है, इसीलिए मुख्यमंत्री गहलोत आलाकमान को पैसे की धोंस दिखाकर आंख दिखाते हैं.

प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और पेपर लीक के मामले पर राठौड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में पेपरलीक आम बात है, पौने पांच साल में 16 बार पेपरलीक हो चुका है, जो की गहलोत सरकार के लिए शर्म की बात है. आरपीएससी पेपरलीक का अड्डा बन चुका है. आरपीएससी चैयरमेन संजय क्षोत्रिया, सदस्य बाबूलाल लाल कटारा और मंजू शर्मा के साथ ही अन्य सदस्यों के भी नाम पेपरलीक में सामने आ रहें है. आरपीएससी में राजनीतिक नियुक्तियां कि गई और इन नियुक्तियों के लिए प्रदेश का मुखिया ही जिम्मेदार होता है. पेपरलीक घोटाले में कही ना कही तार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक जाते हैं. जनजीवन मिशन में 20 हज़ार करोड का घोटाला हुआ और पानी नलों तक नहीं पहुंचा, भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा तो जब हो गई जब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शिक्षकों ने कहा कि तबादलों के बदले हम से पैसे लिए जा रहे हैं. प्रदेश के आम युवाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों और कांग्रेस नेताओं को रोजगार देने में कोई कसर नहीं छोडी. अवैधानिक रूप से सलाहकार बनाया गए, किसी को बोर्ड और निगमों में नियुक्ति दी गई. 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान का युवा पूछेगा कि 2018 में जो 70 लाख नौकरियों का वादा घोषणा पत्र में किया था कहां है वह 70 लाख नौकरियां ?

सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि सीएम गहलोत के राज में पीएफआई जैसे बैन संगठन को मार्च निकालने की अनुमति दी जाती है, जबकि हिंदुओं को रामनवमी पर रथयात्रा निकालने, भजन चलाने, भगवा पताका फैराने पर रोक लगाई जाती है. प्रदेश की जनता नहीं भूल सकती है कि किस प्रकार रमजान के महीने में समुदाय विशेष के लिए विशेष तौर पर बिजली की आपूर्ति की जाती है. प्रदेश में मंदिरों को बुलडोजरों से तोड़ा गया और मूर्तियों को आरी से काटा गया. जनता अब मन बना चुकी है, अब भाजपा ही केवल मात्र समाधान है और सफल तरीका है, इस अन्याय और कुशासन से मुक्ति पाने का, राजस्थान में अब यह अन्याय नहीं सहेगा, प्रदेश में महिला विरोधी, युवा विरोधी, किसान विरोधी, दलित विरोधी और हिंदू विरोधी सरकार को 2023 विधानसभा चुनाव में सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प कर चुकी है.

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