Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच गहराते ऑक्सीजन संकट ने बुरी तरह से लोगों को डरा दिया है. यहां तक कि रविवार को जयपुर के जगतपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में ऑक्सी6की कमी से कई मरीजों की जान पर बन आई. हालांकि समय रहते प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा कर लोगों को बचा लिया गया. ऑक्सीजन की कमी से प्रदेश के बिगड़ते हालातों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में हालात भयावह होते जा रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि, “ऑक्सीजन की मांग इतनी हो गई है कि हम केंद्र से इसकी भीख मांग रहे हैं. मैंने आज ही अमित शाह से बात की है, मैंने अजीत डोभाल, पीएम के प्रमुख सचिव मिस्टर मिश्र से लेकर किसी को नहीं छोड़ा, सबसे ऑक्सीजन और दवाओं के लिए बात की है. कई लोगों से रोज बात कर रहा हूं.” आपको बता दें, सीएम गहलोत कांग्रेस के मजदूर संगठन इंटक के स्थापना दिवस पर आयोजित वर्चुअल समारोह में बोल रहे थे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि, “हम ऑक्सीजन और दवाओं के साथ केंद्र से क्रायोजेनिक टैंकर की भीख मांग रहे हैं. आज अमित शाह ने कहा कि राजस्थान को 5 टैंकर अलॉट कर रहा हूं. अब आप हालात का अंदाजा लगा सकते हैं. देश में 5 ऑक्सीजन टैंकर के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से बात करनी पड़ रही है और उस स्तर पर टैंकर अलॉट हो रहे हैं.” सीएम गहलोत ने आगे कहा कि हम राजस्थान में कोरोना के आंकड़े छिपाते नहीं हैं, कई राज्य छिपाते होंगे. कर्नाटक में सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन बंद होने से 24 लोगों की मौत हो गई. हमने केंद्र में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी पर अपने 3 मंत्रियों को दिल्ली भेजा था. हम लगातार हर संभव कोशिश कर रहे हैं, सरकार किसी स्तर पर कोई कमी नहीं रख रही है.
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ऑक्सीजन नहीं मिलने से निजी अस्पताल में मचा हड़कप, प्रशासन ने संभाला मोर्चा
ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश में किस तरह के हालात हैं इसका अंदाजा इससे चलता है कि रविवार को ही राजधानी जयपुर में बड़ा हादसा होते-होते बचा. जगतपुरा स्थित एक निजी अस्पताल में अचानक ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पताल प्रशासन ने भर्ती तमाम मरीजों के परिजनों को वापस ले जाने के लिए कह दिया, जिससे वहां हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि अस्पताल में जिस प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई होती है, वहां कोई तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण ऑक्सीजन सिलेण्डर नहीं आ सके. इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और देर रात तक करीब 43 ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था करवाई, तब जाकर मरीजों के परिजनों ने राहत की सांस ली. इधर जयपुर में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिए हैं कि मेडिकल इमरजेंसी या अन्य आवश्यक काम के अलावा और कोई जयपुर की सीमा में प्रवेश करें तो उसे रोका जाए. बता दें, जयपुर में बीते 24 घण्टों में 3585 नए संक्रमित मिले है, जबकि 40 लोगों की मौत हो गई.
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मुख्यमंत्री गहलोत बोले – कोरोना से बचना है तो संभल जाइए
प्रदेश की जनता से अपील करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, “हम तो चिंता कर रहे हैं कि राजस्थान को कैसे बचाएं हम सबको मिलकर काम करना है. हमने 15 दिन का लॉकडाउन लगाया है, इसे नाम अब दूसरा दिया है, लेकिन इसे लॉकडाउन ही समझिए. आज ही हमने कड़वा विज्ञापन दिया है ताकि लोग समझ जाएं. बचना है तो संभल जाओ. ऐसे बिहेव करो जैसे कोरोना लॉकडाउन हो. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, मैंने कल पुलिस से फ्लैग मार्च करवाया ताकि लोगों को लगे कि हालात क्या हैं. लोगों को अब सचेत होना होगा और लॉकडाउन की तरह बर्ताव करके सहयोग करना होगा, तभी हालात नियंत्रण में आएंगे, अकेली सरकार कुछ नहीं कर सकती.