AAP Rajasthan attacks Gehlot government: राजस्थान में गहलोत सरकार के राइट टू हेल्थ बिल को लेकर पिछले बारह दिन से बवाल मचा हुआ है. इस बिल को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है तो सियासी बयानबाजी का दौर भी लगातार जारी है. RTH बिल को लेकर गरमाई हुई सियासत में आज आम आदमी पार्टी ने भी इस बिल पर गहलोत सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवेंद्र यादव देव ने कहा है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में जंगलराज आ गया हैं. प्रदेश में लाखों ऑपरेशन अटके हुए हैं. हर रोज मासूम लोगों की जान जा रही हैं. कब जागेगी राजस्थान सरकार, कब सुधरेंगे हालात?
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवेंद्र यादव देव ने जयपुर स्थित पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से मुखतिब होते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने गहलोत सरकार को चेतावनी दी है की वो वोटों के खतिर आम आदमी पार्टी की फ्री हेल्थ योजनाओं की तर्ज पर नकली RTH लाकर जनता की सेहत के साथ मजाक नहीं करे. पिछले बारह दिन से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ी हैं. मरीज अस्पतालों में इलाज के अभाव में परेशान है और लाखों की संख्या में डॉक्टर्स सड़क पर हैं.
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आप नेता देवेंद्र यादव देव ने कहा कि राजस्थान की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने की प्राथमिक जिम्मेदारी गहलोत सरकार की है. यह अधिकार कागजों में नहीं, अपने अस्पतालों, डिस्पेंसरियों, ऑपरेशन थियेटरों, स्वास्थ्य केंद्रों, जनता क्लीनिक के नेटवर्क को बडा कर और अत्यधुनिक कर के दे, कमी पड़ जाए तो निजी क्षेत्र पर बोझ डालें.
देव ने आगे कहा कि राजस्थान का RTH बिल बिना तैयारी के 2023 के चुनावों के मद्दे नजर जल्दबाजी में लाया गया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने विज्ञापन देकर कहा है कि बिल पर डॉक्टर्स के साथ चर्चा हुई है, हमने डॉक्टर्स की संस्थाओं से बात की तो पता चला कि प्रवर समिति के बुलावे पर निजी अस्पतालों की तीन संस्थाओं के प्रतिनिधि गए थे, लेकिन किसी भी संगठन ने विधान सभा में पारित बिल पर सहमति नहीं दी, फिर भी इस RTH को पारित कर लागू कर दिया गया. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार मौजूदा RTH बिल में सुधार कर व्यवहारिक RTH बिल लेकर आए, अगर इसमें आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार से कोई मदद चाहिए तो पार्टी उसके लिए तैयार है.
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देव ने कहा कि आम आदमी पार्टी निजी क्षेत्र के आंदोलनरत डॉक्टर्स से आग्रह करती है कि वो किसी भी राजनीति दल के चक्कर में नहीं पड़े, आपके ऊपर कोई कानून थोपा नहीं जा सकता, लेकिन सोशियल रिस्पॉसिबिलिटी के तहत आपको भी जनता के स्वास्थ्य का अधिकार दिलाने में सहयोग करना चाहिए. मरीजों का उपचार रोक कर सड़क पर उतरना आम जनता के हित में नहीं है. आम आदमी पार्टी का मानना है कि अगर सरकार निजी क्षेत्र के अस्पतालों और डॉक्टर्स को उनकी लागत का भुगतान कर के RTH योजनाओं में शामिल करेगी तो समस्या का समाधान निकल जायेगा, साथ ही इमरजेंसी जैसी सर्विसेज को स्पष्टता के साथ RTH बिल में शामिल करें. देवेंद्र यादव ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि RTH चुनावी पैंतरा है, जो जल्दबाजी में विधानसभा से पारित कराया गया. जिस तरह नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों से चर्चा के बिना ही तीन कृषि कानून में फर्जीवाड़ा करके संसद में पारित कर लिए थे. कुछ वैसा ही राजस्थान के RTH बिल में गहलोत सरकार ने किया है. प्रधानमंत्री मोदी अपने कॉरपोरेट मित्रों को खुश करने के लिए कृषि कानून लाये थे, गहलोत 2023 के चुनावों में वोट हासिल करने लिए RTH बिल लेकर आये हैं.