एमपी की राजनीति में चीन ने मचाया घमासान, निशाने पर कमलनाथ के साथ अब शिवराज सिंह चौहान

एमपी की राजनीति में हुई चीन की एंट्री, बीजेपी ने कमलनाथ को बताया चीनी एजेंट तो कांग्रेस ने शिवराज और पीएम की बतौर मुख्यमंत्री चीनी यात्राओं पर उठाए सवाल

Mp Politics
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पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी.आज पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दामों से बढ़ने वाली महंगाई से भी बड़ा कोई मुद्दा है तो वह है भारत-चीन सीमा विवाद. बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां चीन अब बड़ा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. राजीव गांधी फाउंडेशन को मिलने वाले चीनी फंड के खुलासे के बाद बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर है, यहां तक कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्हें चीनी एजेंट तक कह दिया, तो जवाब में कांग्रेस ने हमलवार होते हुए प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्राओं को लेकर पलटवार किया है. कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सिंह की 5 दिवसीय चीन यात्रा और नरेंद्र मोदी के बतौर सीएम 4 बार चीन यात्रा को लेकर सवाल उठाए हैं. उधर प्रभात झा ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब सीमा पर भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है, ऐसे समय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा चीन की भाषा क्यों बोली जा रही है?

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दरअसल, इस समय देश में दो मुद्दे प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं. एक सत्ता पक्ष और दूसरा विपक्ष की तरफ से. विपक्ष जहां गलवान घाटी में हुए भारत-चीन मुद्दे पर सत्ताधारी मोदी सरकार को घेर रहा है. वहीं बीजेपी राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिलने वाले फंड को लेकर हमलावर है. 29 साल पुराना राजीव गांधी फाउंडेशन फाउंडेशन पहले भी विवादों में आ चुका है. इस बार आपदा पीड़ितों के हक का पैसा डायवर्ट करने सहित चीनी फंडिंग का मुद्दा गंभीरता से उठ रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम इस फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं.

मुद्दा तब हाईलाइट हुआ जब बीते दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से 3 लाख डॉलर (तब 90 लाख रुपए) मिले थे. फांउडेशन की एनुअल रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया गया. 2005-06 की एनुअल रिपोर्ट में फाउंडेशन को डोनेशन देने वालों की लिस्ट में चीन का भी नाम है. उस समय कमलनाथ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर थे.

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इसी मामले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा. बीजेपी नेता ने कहा कि हाल ही में पत्रकारों ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से राशि मिलने का बड़ा खुलासा किया है. इसमें तत्कालीन वाणिज्य मंत्री के तौर पर कमलनाथ की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कई वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करके उनके चीन से आयात की मंजूरी दी, जबकि वे चीजें देश में ही भरपूर मात्रा में उपलब्ध थीं. यदि यह कहा जाए कि कमलनाथ चीन के एजेंट के रूप में वाणिज्य मंत्री बन कर कार्य कर रहे थे तो कोई गलत नहीं होगा.

झा ने कहा कि उस समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कांग्रेस पार्टी के बीच समझौता हुए. इससे चीन को फायदा हुआ और बदले में उसने राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दिया। झा ने कहा कि उद्योग मंत्री रहते हुए इसके जिम्मेदार कमलनाथ ही थे.

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झा ने सवाल दागते हुए कहा कि कमलनाथ को देश को यह बताना चाहिए कि उनकी निष्ठा भारत के प्रति है या वें चीन के एजेंट हैं? बीजेपी नेता ने इसी बहाने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की वर्तमान अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी तीखा वार किया. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष झा ने कहा कि इस समय सीमा पर भारत और चीन के बीच तनातनी चल रही है. ऐसे समय में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा चीन की भाषा क्यों बोली जा रही है?

बीजेपी के आरोपों को झूठा बताते हुए कांग्रेस भी अब पलटवार और हमलावर की मुद्रा में आ गई है. एमपी कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्यवक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि चीन का एजेंट बनने का काम तो सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया है, जबकि कमलनाथ पर झूठे आरोप मढ़े जा रहे हैं. सलूजा ने कहा कि बीजेपी को आरोप लगाने से पहले पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्राओं पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.

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सलूजा ने आगे कहा कि झा वर्षों पुरानी बात को छोड़कर पहले शिवराज सिंह की प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सितंबर 2011 की चीन यात्रा को देख लें. वर्ष 2016 में 19 से 23 जून तक की 5 दिवसीय चीन यात्रा पर गौर करें और 26 जून 2016 को चीन को लेकर किया उनका ट्वीट पहले पढ़ लें. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि शिवराज ने इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के दौरान पीथमपुर में चीनी कंपनियों के लिए अलग से जमीन रखवा कर उन्हें विशेष रियायतें दी थीं. सलूजा ने गुजरात सीएम के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 4 बार चीन की यात्रा की भी चर्चा की. यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वे 5 बार चीन की यात्रा पर जा चुके हैं.

देखा जाए तो गलवान घाटी में चीन-भारत विवाद को लेकर केंद्र सरकार और चीनी फंडिंग को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर हैं. यही वजह है कि एक मुद्दे को दबाने के लिए दोनों ओर से नए नए मुद्दे खड़े किए जा रहे हैं. वहीं एमपी में उपचुनावों से पहले प्रदेश की राजनीति में चीन की एंट्री से सियासी माहौल गरमा रहा है. कोरोना संकट और प्रवासी मजदूरों का मामला पुराना होने एवं चुनावी मुद्दों की कमी से जूझ रही दोनों पार्टियां एक दूसरे पर चीन की मदद लेने और देने का आरोप लगा रही हैं. अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में राजनीति का रंग कैसा होता है.

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