Rajasthan Politics: राजस्थान में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और महुआ से कांग्रेस प्रत्याशी विधायक ओम प्रकाश हुड़ला के ठिकानों पर हुई ईडी की कार्रवाई से दिनभर सियासी पारा अपने चरम पर रहा. इस मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पत्रकारों के सवाल पर अशोक गहलोत सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार हैं तो ईडी की कार्रवाई से क्या डरना, डर है मतलब चोर की दाढ़ी में तिनका.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की कोई गारंटी नहीं, प्रदेश की जनता उनकी कोई गारंटी नहीं मानती. यह पांच साल पहले गारंटी देकर गए थे कि किसानों की संपूर्ण कर्जा माफ करेंगे, बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देंगे. आज जनता उनसे पूछ रही है. किसान कर्ज माफी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं. इनकी जमीनें नीलाम होने के आदेश निकाले जा रहे हैं. बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा. कांग्रेस के लोग कहते हैं राहुल गांधी राजस्थान नहीं आना चाहते, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का चेहरा नहीं देखना चाहते, पता नहीं किस बात का गुस्सा है. इसलिए अब घोषणा के लिए बहन को लेकर आ गए. आप कितनी घोषणा कर लीजिए, जनता आपके झांसे में नहीं आने वाली है. काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है.
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सीपी जोशी ने कहा कि गारंटी किसी की है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की, उन्होंने जो कहा करके दिखाया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप क्यों लगा रहे हैं? जबकि वे स्वयं संवैधानिक पद पर बैठे हैं. संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को गिराने का काम क्यों कर रहे हैं. यदि उनके पुत्र और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार है तो दोषमुक्त हो जाएंगे. हायतौबा मचा रहे हैं मतलब इनकी दाल ही काली है.
सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने पूरे 5 साल प्रदेश को भ्रष्टाचारी दीमक बनकर चट किया है.
इन्होंने लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. 17 से अधिक पेपर आउट हुए, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. खुद इनके विभाग एसीबी ने पूर्व मंत्री गोपाल केसावत को परीक्षा में पास करने के नाम पर लाखों रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया और कमजोर धाराएं लगाकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया है. पेपर लीक के आरोपियों को यह जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील उपलब्ध करवाते हैं.
सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान सरकार की आईटी विभाग के सरकारी कार्यालय में करोड़ों रूपए नकद और सोने की सिल्लियां मिली, वह मुख्यमंत्री का ही विभाग था, क्यों इस मामले की गहनता से जांच नहीं हुई. एसीबी में 90 प्रतिशत से अधिक मामलों में इन्होंने गंभीर आरोपियों पर भी अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी. यहां तक आरोपी जिस विभाग और जिस स्थान पर पकड़े गए उन्हें वहीं नियुक्ति दे दी.