Delhi Election: दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए कल यानि 5 फरवरी को सिंगल फेज में वोटिंग होगी. लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक का हिस्सा रहीं 5 पार्टियां भी एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. इनमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर आमने-सामने हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला आप बनाम बीजेपी में ही बताया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अन्य दो सीटों पर जदयू और लोजपा के साथी उम्मीदवार उतरे हैं. जदयू ने बुराड़ी और लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (LJP-R) ने देवली सीट से प्रत्याशी उतारे हैं. इस कड़ी में दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीटों पर जंग काफी रोचक है. यहां कहीं सीएम के सामने सांसद है तो कहीं पूर्व सीएम के सामने सांसद रह चुके पूर्व सीएम के सुपुत्र, तो कहीं सांसद के सामने पार्षद ताल ठोक रहे हैं.
नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार सिर्फ इसलिए खास नहीं है कि यहां से AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. बल्कि इसलिए भी है क्योंकि इस सीट पर एक पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं.
पूर्व सीएम के सामने पूर्व सीएम के सुपुत्र
नई दिल्ली विस सीट पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने बीजेपी ने 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को उतारा है. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित तीन बार सीएम रहीं शीला दीक्षित के बेटे हैं. इसी सीट पर जीतकर शीला दीक्षित पहली बार 1998 में मुख्यमंत्री बनीं और 2013 तक इस पद पर रहीं. 2013 के चुनाव में नई-नवेली आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित को 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. तब से अब तक केजरीवाल इस सीट पर जीत की हैट्रिक जमा चुके हैं.
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बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा 2014 से 2024 तक पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं. साल 2013 में वे महरौली विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित 2004 से 2014 तक पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद रहे हैं.
कालकाजी में त्रिकोणीय मुकाबला
साउथ दिल्ली की इस सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला होने की आसार दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री आतिशी इस सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी ने दक्षिण दिल्ली से दो बार के सांसद रह चुके रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है. कांग्रेस की तरफ से अलका लांबा यहां से मैदान में है. कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI से राजनीतिक करियर शुरू करने वाली अलका 2015 में आप के टिकट पर चांदनी चौक से विधायक बनी थीं. 2015 में यह सीट आप के अवतार सिंह ने तो 2013 में बीजेपी के हरमीत सिंह ने जीती थी. उससे पहले 15 साल तक इस सीट पर कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा का कब्जा रहा था.
बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी सांसद बनने से पहले 2003 से 2014 तक तुगलकाबाद सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वे दिल्ली यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
जंगपुरा में है वर्चस्व की जंग
पूर्वी दिल्ली लोकसभा में आने वाली इस सीट पर पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ रहे हैं. 2013 से वे पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ते आए हैं लेकिन पिछले चुनाव में मामूली अंतर से जीत करने वाले सिसोदिया का इस बार पटपड़गंज सीट से मनीष का जीतना मुश्किल लग रहा था. बीजेपी की ओर से तरविंदर सिंह मारवाह मैदान में हैं. वे 1998 से 2013 तक तीन बार इस सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस ने पूर्व मेयर फरहाद सूरी को टिकट दिया है. वे दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता और दरियागंज से 4 बार पार्षद रह चुके हैं. उनके पिता ताजदार बाबर भी विधायक रह चुके हैं.
पटपड़गंज में टीचर के सामने पार्षद
आप ने इस सीट पर टीचर से पॉलिटिशियन बने अवध ओझा को टिकट दिया है. वे करीब 22 साल से सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग दे रहे हैं. ओझा ने घोषणा की है कि चुनाव जीतने पर गरीब बच्चों को फ्री कोचिंग देंगे. वहीं बीजेपी ने उनके सामने उत्तराखंड के मूल निवासी रविंद्र सिंह नेगी को उतारा है. वे विनोद नगर वार्ड से निगम पार्षद हैं. नेगी पिछले साल अपने वार्ड के दुकानदारों से नाम पूछने और मुस्लिम दुकानदारों से दुकान के बाहर उनका नाम लिखने के लिए कहने पर विवाद में आए थे. कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. वे 2008 से 2013 तक इस सीट से विधायक रहे थे. NSUI से पॉलिटिकल करियर शुरू करने वाले चौधरी कांग्रेस के सचिव भी रह चुके हैं.
करावल में कपिल मिश्रा के सामने त्यागी
करावल नगर बीजेपी का गढ़ रही है. सात में से छह बार भाजपा का प्रत्याशी यहां से जीतता आया है. सिर्फ 2015 आम आदमी पार्टी के टिकट पर कपिल मिश्रा यह सीट जीतने में कामयाब रहे थे. इसके बाद 2017 तक कैबिनेट मंत्री भी रहे. 2019 में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने इस बार कपिल मिश्रा को फिर से मैदान में उतारा है. इस समय मिश्रा दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं. आप ने इस सीट से पूर्व पार्षद मनोज त्यागी को उतारा है. कांग्रेस की ओर से डॉ. पीके मिश्रा ताल ठोक रहे हैं.