राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों में से 13 सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपना पूरा ध्यान शेष रही बारह सीटों पर केंद्रित कर लिया है. बीकानेर संभाग की तीनों सीटों पर भी 6 मई को ही मतदान होना है. खास बात यह है कि तीनों सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है जबकि पड़ौसी जिले नागौर में कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच चुनावी जंग है. संभाग की बीकानेर, श्रीगंगानगर और चूरू संसदीय सीटों पर कांग्रेस व बीजेपी उम्मीदवारों में सीधा मुकाबला देखा जा रहा है.
बीकानेर संभाग की तीनों सीटों पर कांग्रेस व बीजेपी ने अपना पूरा दम लगा रखा है. दोनों बड़े दल संभाग में अपने शीर्ष नेता के साथ मैदान में उतर चुके हैं. कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को चूरू में एक आमसभा को संबोधित कर चुके हैं जबकि बीजेपी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी तीन मई को बीकानेर के सार्दुल क्लब मैदान में सभा को संबोधित करने वाले हैं.
निहालचंद-भरत मेघवाल में टक्कर
संभाग की श्रीगंगानगर लोकसभा सीट पर बीजेपी से चार बार सांसद रहे निहालचंद चौहान का मुकाबला कांग्रेस के भरतराम मेघवाल से है. श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में सादुलशहर, गंगानगर, करनपुर, सूरतगढ़, रायसिंह नगर विधानसभा और हनुमानगढ़ जिले की सांगरिया, हनुमानगढ़ और पिलीबंगा विधानसभा सीट शामिल हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इन 8 सीटों में से 4 पर बीजेपी, 3 पर कांग्रेस और 1 पर निर्दलीय उम्मदीवार ने जीत दर्ज की. इसे देखते हुए इस बार मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है.
राहुल कस्वां-रफिक मंडेलिया मुकाबला
चूरू लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर से मौजूदा सांसद राहुल कस्वां पर भरोसा जता मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने रफीक मंडेलिया पर दांव खेला है. यहां भी कांटे की टक्कर मानी जा रही है. इस लोकसभा क्षेत्र में जिले की सादुलपुर, तारानगर, सुजानगढ़, सरदारशहर, चूरू, रतनगढ़ विधानसभा सीटों के अलावा हनुमानगढ़ जिले की नोहर व भादरा क्षेत्र शामिल है. हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों में इन 8 में से 5 पर कांग्रेस, 2 पर बीजेपी और 1 पर सीपीएम ने जीत दर्ज की है.
सूरज की तपन का पड़ेगा असर
बता दें कि श्रीगंगानगर व चूरू, दोनों जिलों में ग्रामीण मतदाता सर्वाधिक है. इन दिनों यहां के ग्रामीण क्षेत्र में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच रहा है. ऐसे में सूर्यदेव के तपते रूख के चलते मतदान प्रतिशत पर गर्मी का असर देखा जा सकता है जिसका सीधा असर दोनों ही राजनीतिक दलों पर पड़ने वाला है. बढ़ते तापमान के आंकड़ों के आकलन के अनुसार मतदान के दिन 45 डिग्री तापमान रहने की आशंका है. ऐसे में मतदान पर असर पड़ना लाजमी है.
बीकानेर में बीजेपी का अंतिम शॉट ‘मोदी’
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार थमने से ठीक चौबीस घंटे पहले प्रधानमंत्री और वर्तमान में बीजेपी के तारणहार नरेंद्र मोदी स्वयं सभा को संबोधित करने आ रहे हैं. पीएम मोदी की सभा के लिए बीजेपी ने एक लाख समर्थकों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया है. ऐसे में मोदी की सभा का यह लक्ष्य तय बीजेपी के अंतिम शॉट पर बड़ी उपलब्धि हो सकती है. इससे न सिर्फ बीकानेर शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी बीजेपी के पक्ष में माहौल बनने के आसार हैं.
फिलहाल यही कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी का ग्रामीण क्षेत्र में खासा विरोध है. इसी बीच पार्टी अगर एक लाख लोगों का लक्ष्य पूरा करती है तो इसका सत्तर फीसदी हिस्सा गांव-ढ़ाणियों से ही आना वाला है. वहीं अगर पीएम मोदी की इस सभा में तय लक्ष्य के अनुसार भीड़ नहीं उमड़ी तो यह बीजेपी प्रत्याशी के लिए परेशानी का सबब भी हो सकता है.
बीकानेर आए पर रूके नहीं राहुल
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार थमने से ठीक चौबीस घंटे पहले प्रधानमंत्री और वर्तमान में बीजेपी के तारणहार नरेंद्र मोदी स्वयं सभा को संबोधित करने आ रहे हैं. पीएम मोदी की सभा के लिए बीजेपी ने एक लाख समर्थकों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया है. ऐसे में मोदी की सभा का यह लक्ष्य तय बीजेपी के अंतिम शॉट पर बड़ी उपलब्धि हो सकती है. इससे न सिर्फ बीकानेर शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी बीजेपी के पक्ष में माहौल बनने के आसार हैं. फिलहाल यही कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी का ग्रामीण क्षेत्र में खासा विरोध है. इसी बीच पार्टी अगर एक लाख लोगों का लक्ष्य पूरा करती है तो इसका सत्तर फीसदी हिस्सा गांव-ढ़ाणियों से ही आना वाला है. अगर पीएम मोदी की इस सभा में तय लक्ष्य के अनुसार भीड़ नहीं उमड़ी तो यह बीजेपी प्रत्याशी के लिए परेशानी का सबब भी हो सकता है.
देवीसिंह भाटी का भरोसा
कांग्रेस के लिए जितना प्रचार स्वयं पार्टी के नेता नहीं कर रहे हैं, उससे ज्यादा तो बीजेपी प्रत्याशी अर्जुनराम का विरोध करके पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी मदन गोपाल मेघवाल की राह आसान कर रहे हैं. बीकानेर शहर के अलावा नापासर सहित अन्य क्षेत्रों में भाटी की सभाओं में उमड़ रहे लोग विरोध को बढ़ा रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेताओं ने कोई खास दमखम अब तक नहीं दिखाया है. भाटी अपने प्रचार में बीजेपी का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में परोक्ष रूप से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील हो रही है.
नोटा का रहेगा बोलबाला
बीकानेर संभाग की तीन सीटों बीकानेर, श्रीगंगानगर व चूरू में से नोटा का सर्वाधिक उपयोग बीकानेर में होता लग रहा है. खासकर शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग नोटा पर विचार कर रहे हैं. बीजेपी प्रत्याशी से स्थानीय लोगों की नाराजगी को कांग्रेस अब तक भुनाने में विफल रही है. अंतिम दिनों में कांग्रेस बाजी पलटने की कोशिश कर सकती है.
श्रीगंगानगर-चूरू में गांव पर निर्भरता
संभाग की श्रीगंगानगर व चूरू लोकसभा क्षेत्र में मतदान का बड़ा हिस्सा गांवों से आता है. ग्रामीण क्षेत्र पर ही कांग्रेस-बीजेपी दोनों काम कर रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि गांवों में मोदी व स्थानीय प्रत्याशी का भारी विरोध है जबकि बीजेपी यही मानकर चल रही है कि शहर व गांव दोनों क्षेत्रों में मोदी लहर समान रूप से चल रही है. संभाग की लोकसभा सीट बीकानेर, श्रीगंगानगर और चूरू में कांग्रेस व बीजेपी प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है. शहरी क्षेत्र में जहां बीजेपी अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस ने सेंधमारी करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. खासकर श्रीगंगानगर व चूरू संसदीय क्षेत्रों की बात करें तो मतदान प्रतिशत ही तय करेगा कि किस प्रत्याशी का पलड़ा भारी रहने वाला है.