बिहार चुनाव: राहुल गांधी ने राष्ट्रीय तो तेजस्वी ने स्थानीय मुद्दों पर घेरा केंद्र के साथ नीतीश सरकार को

बिहार की पहली चुनावी रैली में कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा, महामारी के समय फंसे मजदूरों, चीन, बेरोजगारी को लेकर साधा निशाना, तेजस्वी ने बिहार में विकास को बनाया मुद्दा, सभा में उमड़ी भीड़

Rahul Gandhi In Bihar
Rahul Gandhi In Bihar

Politalks.News/Bihar. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को बिहार के नवादा में चुनावी रैली की. राहुल के साथ जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. इस दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मुद्दों पर तो तेजस्वी ने स्थानीय मुद्दों को लेकर केन्द्र व नीतीश सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत पीएम मोदी पर हमले के साथ की. राहुल चीन के सीमा विवाद, बेरोजगारी, कोरोना जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा. राहुल गांधी ने कहा कि जिस भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, वहां किसानों का कर्ज माफ किया गया है. मोदी अडानी और अंबानी के लिए रास्ता साफ कर रहे हैं, ऐसा ही रहा तो देश दो-तीन उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों पर आक्रमण करने के लिए तीन कानून बनाए हैं.

बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म को छोड़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहली बार सूबे के चुनावी समर में उतरे. राहुल गांधी ने भागलपुर में जनसभा से शुरुआत की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन लगाते वक्त पीएम ने बिहार के मजदूरों के बारे में नहीं सोचा. वहीं कोरोना पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, ”पीएम मोदी ने कहा था कि हम 22 दिन में कोरोना को हरा देंगे. कैसे? बर्तन बजाकर और मोबाइल फोन की रोशनी से… आपने भी सोचा होगा कि अगर वह कह रहे हैं तो ऐसा करते हैं. अब 6-7 महीने हो गए हैं, कोरोना फैल रहा है और पीएम एक शब्द नहीं बोल रहे हैं.’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने लॉकडाउन की ओर इशारा करते हुए कहा कि लॉकडाउन में मजदूरों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. बिहार के मजदूर हमारे विकास के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे थे, फिर चाहे वह मुंबई हो, दिल्ली हो या पंजाब हो. जैसे हमारे जवान लद्दाख में खड़े हैं, उसी तरह बिहार के मजदूर इस देश को अपना खून-पसीना दे रहे हैं लेकिन पीएम ने आपको एक दिन भी नहीं दिया और देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की. उन्होंने एक मिनट के लिए भी नहीं सोचा कि बिहार के मजदूरों को पैसा कैसे मिलेगा? उन्हें भोजन और पीने का पानी कैसे मिलेगा?

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बिहार के नवादा में भी राहुल गांधी ने साझा चुनावी रैली को संबोधित किया. यहां महागठबंधन नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे. यहां राहुल गांधी ने सबसे पहले चीन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब बिहार के युवा सैनिक शहीद हुए, उस दिन हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा और क्या किया, सवाल ये है. लद्दाख मैं गया हूं, लद्दाख में हिंदुस्तान की सीमा पर बिहार के युवा अपना खून-पसीना देकर जमीन की रक्षा करते हैं. चीन ने हमारे 20 जवानों को शहीद किया और हमारी जमीन पर कब्जा किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने झूठ बोलकर हिंदुस्तान की सेना का अपमान किया.

प्रवासी मजदूरों के पलायन का मसला उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदद नहीं की. यही सच्चाई है. मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार बिहार के लोग सच्चाई को पहचानने जा रहे हैं. इस बार बिहार नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार को जवाब देने जा रहा है.

पूरे 144 दिन नीतीश घर के अंदर रहे, चुनाव आया तो बाहर निकले रहे- तेजस्वी यादव

नवादा की साझा रैली को महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी संबोधित किया, साथ ही नीतीश की एनडीए सरकार पर जमकर धावा बोला. तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 साल नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, उनकी डबल इंजन की सरकार है, लेकिन थाने और ब्लॉक में बिना भ्रष्टाचार के कोई काम नहीं होता है. जो रोजगार था, उसको पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने छीन लिया. कोरोना काल में सीएम नीतीश कुमार अपने आवास में थे, लेकिन बाहर नहीं निकले.

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केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार का 18 जिला बाढ़ में डूबा रहा, लेकिन सेंट्रल की टीम भी नहीं आई. कोई नहीं देखने आया. नीतीश जी 144 दिन तक घर के अंदर रहे, लेकिन अब वोट चाहिए तो बाहर निकल रहे हैं. नीतीश कुमार पलायन को रोक नहीं पा रहे हैं. बिहार का अरबों रुपया बाहर जा रहा है.

रोजगार पर बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘नीतीश कुमार कहते हैं कि रोजगार देने के लिए पैसा कहां से आएगा. बिहार का बजट 2 लाख 13 हजार करोड़ है, नीतीश जी केवल 60 फीसदी खर्च कर पाते हैं. बाकी 80 हजार करोड़ तो है ही. इस पैसे से लोगों को रोजगार दें.’ अंत में तेजस्वी ने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हम तुरंत 10 लाख सरकारी नौकरी देंगे. बता दें, महागठबंधन के मेनिफेस्टो में 10 लाख युवाओं को कैबिनेट की पहली बैठक में सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया है.

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