Politalks.News/Bihar. बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए अपने 46 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर चुनाव होने हैं. अन्य सीटें जदयू के लिए हैं. बीजेपी ने इन 46 सीटों में से 26 सीटों पर सवर्ण-वैश्य समुदाय के लोगों पर भरोसा जताया जिनमें 11 राजपूत, पांच भूमिहार, चार ब्राह्मण और दो कायस्थ हैं. इसके अलावा चार वैश्य समुदाय को भी प्रत्याशी बनाया है. यहां बीजेपी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारने के अरमानों पर पानी फेर दिया है.
बिहार में बीजेपी के दिग्गज नेता अश्विनी चौबे अपने राजनीतिक वारिस के तौर पर अपने बेटे अर्जित शाश्वत को आगे बढ़ाने की कवायद में जुटे थे और उनके लिए भागलपुर विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे. लेकिन बीजेपी ने इस बार वंशवाद को तव्जो न देते हुए अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत की बजाय भागलपुर के जिला अध्यक्ष सुनील पांडेय को अपना प्रत्याशी बनाया है.
हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में अश्विनी चौबे अपने बेटे अर्जित शाश्वत को भागलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट दिलाने में कामयाब रहे थे, लेकिन समीकरण ऐसे बने कि वह जीत नहीं दिला सके. महागठबंधन के सामने अर्जित 11 हजार वोटों से हार गए. इस पर जदयू एनडीए में ही है लेकिन बीजेपी ने इस बार अर्जित शाश्वत को टिकट देने की बजाय संगठन से जुड़े हुए सुनील पांडेय को मैदान में उतारा है.
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केंद्रीय चुनाव समिति, भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए निम्नांकित उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
हमारी शुभकामनाएं! विजयी भव!! pic.twitter.com/u1zxpkItqL
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) October 11, 2020
भागलपुर विधानसभा सीट अश्विनी चौबे की परंपरागत सीट रही है. यहां से सांसद बनने के पहले अश्विनी चौबे पांच बार के विधायक रह चुके है. ऐसे में इस बार फिर से वे अपने बेटे अर्जित शाश्वत को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनके इस अरमान पर पानी फेर दिया है.
वहीं बीजेपी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा को झंझारपुर विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी बनाया है. बिहार में डॉ.जगन्नाथ मिश्रा का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है. वे कांग्रेस से तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं. इस सीट से नीतीश मिश्रा तीन बार जेडीयू के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. 2015 के चुनाव में बीजेपी से लड़े थे और राजद के उम्मीदवार गुलाब यादव से महज 834 वोटों से हार गए थे. इसके बावजूद बीजेपी ने एक बार फिर नीतीश मिश्रा पर भरोसा जताया है.
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बीजेपी ने पुराने दिग्गज नेताओं के साथ-साथ संगठन से जुड़े हुए नए चेहरों पर भी भरोसा जताया है. इन नए चेहरों में पार्टी के प्रवक्ता निखिल आनंद, भागलपुर के जिला अध्यक्ष रोहित पांडे, फतुहा सीट से सत्येंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. इसके अलावा चनपटिया, उजियारपुर और अमनौर से भी बीजेपी ने नए चेहरों को मौका दिया है. बेगुसराय से कुंदन सिंह को टिकट मिला है. बेतिया सीट से रेणु देवी और दानापुर से आशा सिन्हा को टिकट मिला है.
वीआईपी के चलते तीन बार के विधायक का कटा टिकट
बीजेपी ने दूसरे चरण में अपने चार मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं. इस चार में से सुगौली सीट वीआईपी को दे दिया है जिसके चलते मौजूदा विधायक रामचंद्र सहनी का टिकट कट गया है. सहनी इस सीट पर बीजेपी के तीन बार के विधायक हैं. इसके अलावा, चनपटिया सीट से प्रकाश राय का टिकट काटकर उमाकांत सिंह को दिया गया है. सीवान से व्यासदेव प्रसाद की जगह पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव को प्रत्याशी बनाया गया है. अमनौर से शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा की जगह कृष्णा कुमार मंटू को टिकट मिला है.
भाजपा-जदयू के गठबंधन में वीआईपी और हम भी
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव के लिए भाजपा और जदयू के बीच सीटों का बंटवारा हुआ है. जदयू 122 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी वहीं, भाजपा 121 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जदयू ने अपने कोटे से जीतन राम मांझी की पार्टी को सात सीटें दी थीं. जबकि भाजपा ने वीआईपी पार्टी को अपने कोटे से 11 सीटें दी हैं.