Politalks.News/Rajasthan. मंत्रिमंडल विस्तार में जाटों की उपेक्षा को लेकर निशाने पर चल रही मोदी सरकार और बीजेपी को अब उनकी ही पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक नए विवाद के भंवर में फंसा दिया है. गौरव भाटिया ने कांग्रेस के दिवंगत और वरिष्ठ नेता शीशराम ओला के खिलाफ टीवी डिबेट और ट्विटर पर एक ऐसी टिप्पणी कर दी जिससे पूरे देश और राजस्थान में सियासी विवाद हो गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शीशराम ओला के परिवार, प्रदेश कांग्रेस और जाट समाज के संगठनों ने भाटिया की टिप्पणी की भर्त्सना की है. साथ ही इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से माफी मांगने की मांग की है. भाजपा प्रवक्ता की टिप्पणी के बाद कांग्रेस को घर पर बैठे बिठाए BJP को घेरने का मुद्दा मिल गया है. राजस्थान BJP के किसी नेता का अब तक कोई बयान नहीं आया, उधर कांग्रेस हमलावर हो गई है.
ये क्या बोल गए गौरव भाटिया?
केंद्रीय कैबिनेट विस्तार पर चल रही टीवी डिबेट में BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा- जून 2013 में कांग्रेस के मंत्रिमंडल विस्तार में 85 साल की उम्र के शीशराम ओला को शामिल गया था, ‘जिनका हिल गया था पुर्जा, उनमें मनमोहन सिंह जी ढूंढ रहे थे ऊर्जा‘, हमारे लिए जनता का हित सर्वोपरि है और उसी को ध्यान में रखकर ये मंत्रिमंडल विस्तार किया गया है.
गौरव भाटिया ने बयान को ट्वीट भी किया
गौरव भाटिया ने शीशराम ओला पर की गई टिप्पणी वाला एक ट्वीट हटा लिया लेकिन दूसरा ट्वीट अब भी मौजूद है. भाटिया के ट्वीट ने राजस्थान में कांग्रेस नेताओं को भाजपा पर हमला करने का मौका दे दिया. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को किसान विरोधी करार दिया है.
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‘बीजेपी ने ओला जी का अपमान किया, जेपी नड्डा तुरंत राजस्थान की जनता ने मांगे माफी’- अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गौरव भाटिया के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से ओला परिवार और राजस्थान की जनता से तुरंत माफी मांगने की मांग है. मुख्यमंत्री गहलोत ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि- ‘स्वर्गीय श्री शीशराम ओला जी ने 60 सालों से अधिक समय तक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रहकर किसानों के हितों की रक्षा की. वे केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारों में अनेकों बार कैबिनेट मंत्री रहे. 1968 में उन्हें समाजसेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया द्वारा श्री ओला पर की गई टिप्पणियों की मैं भर्त्सना करता हूं. इससे प्रदेश की जनता में भारी आक्रोश पैदा हुआ है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी ऩड्डा को अविलंब राजस्थान की जनता से माफी मांगनी चाहिए’.
सचिन पायलट ने गौरव भाटिया की सोच को बताया ‘संस्कार हीन’
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी गौरव भाटिया को आड़े हाथ लिया है. पायलट ने ट्वीट में लिखा- ‘कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किसान हितैषी स्व. श्री शीशराम ओला जी पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता की अमर्यादित टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है. देश एवं प्रदेश के विकास में शीशराम जी का योगदान विशालकाय है. इस असभ्य शब्दावली का प्रयोग ऐसे नेताओं की संस्कारहीन सोच का प्रमाण है’.
ओला के परिवार ने जताई आपत्ति, ‘बड़ों की इज्जत करना सीखो’
शीशराम ओला परिवार ने भाटिया के बयान पर आपत्ति जताई है. ओला के पोते की पत्नि और कांग्रेस नेता आकांक्षा ओला ने ट्वीट कर लिखा कि- BJP के तोतले और दलबदलू प्रवक्ता गौरव भाटिया जी नहीं जानते, 2009 में आडवाणी जी 81 की उम्र में PM पद की दावेदारी कर रहे थे, जिनका सपना मनमोहनजी की वापसी से चकनाचूर हो गया, 2004 तक वाजपेयी जी 80 की उम्र में PM थे, जिनका वापसी का सपना सोनियाजी ने चकनाचूर कर दिया, बड़ों की इज़्ज़त करना सीखो.
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डोटासरा ने पूछा- भाजपा को किसान कौम से इतनी नफरत क्यों?
गौरव भाटिया के बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर पलटवार किया है. डोटासरा ने लिखा- पद्मश्री के सम्मान से सम्मानित, किसानों के गौरव रहे स्व. शीशराम ओला के बारे में की गई यह टिप्पणी बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. सतीश पूनिया, क्या आप भी आपकी पार्टी के इन सज्जन महानुभाव के ऐसे घटिया विचारों से सहमत हैं? आखिर किसान कौम से इतनी नफरत क्यों है भाजपा को?
आपको बता दें, अपने विवादित बयान पर बवाल बढ़ता देख गौरव भाटिया ने एक ट्वीट डिलीट किया, लेकिन दूसरा मौजूद हैं इस पर भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग करते हुए हुए डोटासरा ने लिखा- महोदय पहले वाला ट्वीट तो डिलीट कर दिया, ये वाला करना भूल गए आप. कितने ही ट्वीट डिलीट कर लें, आपकी पार्टी की किसान विरोधी सोच के ऐसे सबूत आप मिटा नहीं सकते.
मांफी मांगनी की उठने लगी मांग-भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया का स्वर्गीय ओला पर की गई विवादित टिप्पणी से ओला समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शुक्रवार से शुरू हुआ आक्रोश आज शनिवार को भी जारी है. टिप्पणी से नाराज़ लोग भाटिया से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग कर रहे हैं.
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जयंत चौधरी ने भाटिया को बताया ‘सत्ता के नशे में धुत्त’
इन सबके बीच गौरव भाटिया के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी का बयान आया है. जयंत ने कहा- ‘चौधरी शीशराम ओला जी कद्दावर नेता थे. लेकिन उनकी छवि एक भले, नेक इंसान की रही. बहुत बार मैंने उनको लोगों के काम करते देखा, युवा सांसदों के साथ बैठते थे, मेरा सौभाग्य था उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया. बहुत बुरा लगता है जब आज सत्ता के नशे में धुत्त, अहंकारी उनका ऐसे अपमान कर रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों की टिप्पणी
एक राजनीतिक टिप्पणीकार का कहना है कि- ‘प्रवक्ता वो होते हैं जो तर्कों-तथ्यों के साथ जवाब दें. गौरव भाटिया ने दिवगंत शीशराम ओला पर एक महिला की मौजूदगी में बेहद अशोभनीय टिप्पणी की है. इसे जाट समाज की अस्मिता से जोड़ा जाएगा. आने वाले UP चुनाव में यह टिप्पणी रंग दिखा सकती है, खासतौर से पश्चिमी उत्तरप्रदेश की सीटों पर. अब किसान कौम जाटों की मोदी कैबिनेट में अनदेखी मसले को भी इस टिपण्णी ने तूल दे दिया है’
कांग्रेस ने किसान कौमों से भाजपा की नफरत का मुद्दा बनाया
कांग्रेस ने बीजेपी प्रवक्ता के शीशराम ओला के खिलाफ दिए बयान को मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है.कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कई और नेताओं ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस इसे किसान जातियों के स्वाभिमान का मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेरना चाहती है. शीशराम
ओला के खिलाफ दिए बयान को लेकर शेखावाटी क्षेत्र से भी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
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कौन थे शीशराम ओला-
एक समय था जब शेखावाटी में शीश राम ओला की तूती बोलती थी. ओला को शेखावाटी का लौह पुरुष कहा जाता है. 30 जुलाई 1927 को जन्मे जाट नेता ओला राजस्थान के झुंझुनू संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. ओला ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़कर की. ओला 1957 में राजस्थान की दूसरी विधानसभा से 1990 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे और 1980 से 1990 तक राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. ओला ने 1996 से 1997 तक रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 1997 से 1998 तक जल संसाधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में अपनी सेवाएं दीं. वह 23 मई 2004 से 27 नवंबर 2004 तक केंद्र सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री रहे. उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय खनन मंत्री का कार्यभार संभाला. आपको बता दें, उनके बेटे बीजेंद्र ओला वर्तमान में विधायक हैं और राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री हैं. 1968 में पद्मश्री से सम्मानित ओला ने 1952 में गांधी बालिका निकेतन अरडावता नाम से तीन लड़कियों के साथ एक स्कूल खोला था. उन्होंने इसके जरिए ग्रामीण राजस्थान के दूर दराज के इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा दिया.