व्यक्ति विशेष को देने के लिए फायदा, राज्य को पहुंचाया राजस्व नुकसान- लोढा ने उठाए ब्यूरोक्रेसी पर सवाल

चिकित्सा एवं आबकारी मंत्री की अनुमति के बिना मॉडल शॉप के आवंटन की शर्तों में अधिकारियों ने की हेरा फेरी, शून्य काल में स्थगन प्रस्ताव के जरिए विधायक संयम लोढा ने राजस्थान विधानसभा में उठाया मामला, बीते साल ही मंत्री को पत्र लिखकर चेताया था सीएम सलाहकार लोढा ने

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Sanyam Lodha Raised the Question in the Assembly. मुख्यमंत्री के सलाहकार और सिरोही से निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा जहां एक ओर सही नीतियों पर गहलोत सरकार के लिए सदन में विपक्ष से भिड़ने में पीछे नहीं हटते तो वहीं गलत नीतियों पर समर्थित सरकार के खिलाफ ही सवाल उठाने में भी नहीं झिझकते. कई मुद्दों पर सरकार को चेता चुके संयम लोढा ने बीते रोज मंगलवार को प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाते हुए विधानसभा में वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 जारी आबकारी नीति की शर्तों में मॉडल शॉप के आवंटन के मामले में बिना आबकारी मंत्री की अनुमति के तत्कालीन आबकारी आयुक्त द्वारा संशोधन कर व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने व राज्य सरकार को हानि पहुंचाने का मामला स्थगन प्रस्ताव के जरिए शून्य काल में उठाया. लोढा ने कहा कि वर्ष 2021-22 वास्तविक उठाव के आधार पर गारंटी राशि में बढ़ोतरी के साथ जिन लोगों ने दुकानें ली थी वो इन मॉडल शॉप के कारण अपना उठाव नहीं कर पाए.

यहां आपको बता दें कि बीते साल विधायक संयम लोढा ने आबकारी मंत्री को पत्र लिखकर आबकारी एवं मद्य संयम नीति वर्ष 2022- 23 एवं वर्ष 2023-24 में किये गये मॉडल शॉप सम्बन्धी प्रावधानों के क्रम अवगत कराया था कि राज्य में मॉडल शॉप का आवंटन लाइसेंस फीस के आधार पर किये जाने का प्रावधान किया गया है. यह प्रावधान राजस्व अर्जन पर प्रतिकूल प्रभाव दर्शाता प्रतीत हो रहा है. चूंकि आबकारी नीति में राज्य भर में आवंटित की गई मदिरा की खुदरा दुकानात की वार्षिक गारंटी निर्धारित की गई है जिसके अनुसार प्रत्येक मंदिरा दुकान के अनुज्ञाधारियों को निर्धारित लक्ष्य तक मदिरा उठाव करना आवश्यक होता है, जिससे राजस्व अर्जन सुनिश्चित होता है. आबकारी नीति में उक्त मंदिरा दुकानों के अलावा जो मॉडल शॉप आंवटित की जा रही है उनकी कोई वार्षिक गारंटी राशि निर्धारित नहीं है जबकि इनके लिए मात्र लाइसेंस फीस का प्रावधान है जो कि अन्य मंदिरा दुकानों की वार्षिक गांरटी राशि की तुलना में अत्यल्प है. जिससे राजस्व अर्जन पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा. इसके साथ ही मॉडल शॉप के आवंटन एवं संचालन हेतु आबकारी आयुक्त, राजस्थान उदयपुर द्वारा दिनांक 01.03.2022 को जारी किये गये दिशा निर्देशो में मॉडल शॉप की लोकेशन के संबंध में यह प्रावधान किया गया कि “मॉडल शॉप स्थानीय निकाय द्वारा अनुमोदित शॉपिंग मॉल अथवा कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में अनुमत होगी.”

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सीएम सलाहकार संयम लोढा ने पत्र में आबकारी मंत्री को बताया था कि मॉडल शॉप हेतु राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा MSTC पोर्टल पर दिनांक 03.05.2022 को ई- निलामी के माध्यम से बोलीयां आमंत्रित की गई. उसके पश्चात् मदिरा दुकानात का आवंटन RSBCL किया गया. RSBCL द्वारा दिनांक 26.05.2022 को मॉडल शॉप के संचालन हेतु दिशा निर्देशा जारी किये गये. इनमें भी मॉडल शॉप के लोकेशन हेतु यह प्रावधान है कि “मॉडल शॉप स्थानीय निकाय द्वारा अनुमोदित शॉपिंग मॉल अथवा कॉमर्शियल काम्पलेक्स में ही अनुमत होगी.”

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लोढा ने बताया कि इसके करीबन एक माह पश्चात् आबकारी आयुक्त, राजस्थान उदयपुर द्वारा दिनांक 28.06.2022 को जारी आदेश में मॉडल शॉप के लोकेशन के लिये किये प्रावधानों में संशोधन कर “मॉडल शॉप स्थानीय निकाय द्वारा अनुमोदित शॉपिंग मॉल अथवा कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में अनुमत होगी, के स्थान पर स्थानीय निकाय / यू.आई.टी / विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान में अनुमत व्यवसायिक सड़को पर स्थित शॉपिंग मॉल अथवा कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में अनुमत होगी” कर दिया गया. इस प्रकार मॉडल शॉप को ई-नीलामी द्वारा आवंटित कर देने के पश्चात् पूर्व के प्रावधानो में किये गए संशोधन न्यायोचित नहीं होकर किसी व्यक्ति को अनावश्यक लाभ पहुंचाने की ओर इंगित करता प्रतीत होता है. इस प्रकार के अनावश्यक संशोधनों से राज्य को राजस्व की हानि हुई है.

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