Politalks.News/Uttrapradesh. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम (Sangeet Som) बेशक सरधना विधानसभा सीट पर परचम न लहरा पाए हों, लेकिन उनके आक्रामक तेवर और बयानबाजी (offensive rhetoric) अब भी जारी है. हार के बाद सरधना में एक पंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे संगीत सोम ने कहा कि,’एक बार मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण हो जाने दीजिए, फिर बाबा का बुलडोजर (Baba’s Bulldozer) और संगीत सोम का डंडा दोनों बराबर चलेंगे’. सियासी जानकारों का कहना है कि संगीत सोम ने अपनी हार की बौखलाहट निकाली है. अकसर विवादों में रहने वाले सोम को इस चुनाव में करारी मात मिली है.
‘सरकार की शपथ हो जाने दो, बाबा का बुलडोजर और संगीत का डंडा चलेगा बराबर’
सियासी जानकारों का कहना है कि, उत्तरप्रदेश में भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम चुनाव हारने के बाद बौखला गए हैं. चुनाव हारने के बाद ठाकुर चौबीसी में पहली बार जनता के बीच पहुंचे संगीत ने कहा कि, ‘मैं चुनाव हारा नहीं हूं, मैं नई चुनौती स्वीकार कर रहा हूं. संगीत सोम ऐसा विधायक है, जो 100 विधायक के बराबर है, संगीत सोम ने कहा कि, ‘जब आतंकवादियों की सरकार थी, तब भी नहीं पीछे हटा, हम तो मैं अपनी सरकार में हूं’. आगे संगीत ने कहा कि, ‘सरकार की शपथ हो जाने दो, बाबा का बुलडोजर और संगीत का डंडा बराबर चलेगा. जो गलतफहमी में हैं, उनकी गलतफहमी निकाल दी जाएगी’.
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संगीत सोम के सामने हूटिंग, जमकर हंगामा
संगीत सोम जब मंच पर बोल रहे थे तभी लोगों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया. लोगों ने कहा कि, ‘सांसद संजीव बालियान को वोट नहीं देंगे. संगीत ने लोगों को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने एक नहीं सुनी. संगीत सोम बार-बार बोलते रहे नीचे बैठो, नीचे बैठो, लेकिन लोगों ने एक नहीं सुनी. पांच मिनट तक भीड़ हंगामा करती रही. बाद में संगीत सोम ने कहा कि, ‘क्यों नहीं वोट दोगे यहां जाट समाज के भी लोग बैठे हैं’.
विवादों से है पुराना नाता
आपको बता दें कि संगीत सोम विवादित बयानबाजी को लेकर खूब चर्चाओं में रहे हैं. वह अखिलेश यादव और सपा सरकार पर पूर्व में भी निशाना साधते रहे हैं. पांच माह पहले संगीत सोम ने बयान दिया था कि, ‘यदि अखिलेश यादव की 2022 के चुनाव में 24 सीट भी आ जाएं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा’. 10 मार्च को मतगणना के दिन बयान दिया था कि, ‘जो हनुमान मंदिर जाते हैं, वे चुनाव नहीं हारते, लिख लो मेरी जीत 22 हजार वोटों से होगी’ मगर, 10 मार्च को दोपहर होते ही संगीत सोम मतगणना पूरी होने से पहली मतगणना स्थल छोड़कर चले गए. जहां संगीत सोम को सपा के अतुल प्रधान से हार का सामना करना पड़ा.
मुजफ्फरनगर दंगा भड़काने में मामले में जा चुके हैं जेल
संगीत सोम की राजनीति समाजवादी पार्टी से शुरू हुई थी. 2009 का लोकसभा चुनाव संगीत सोम ने सपा से मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लड़ा था, जिसमें संगीत हार गए थे. उसके बाद संगीत भाजपा में चले गए. 2012 के विधानसभा चुनाव में मेरठ की सरधना सीट पर सपा के अतुल प्रधान को हराकर पहली बार विधायक बने.
साल 2013 में मुजफ्फरनगर में महापंचायत के दौरान दंगा भड़काने के आरोप लगे. इसके बाद अखिलेश सरकार ने भाजपा विधायक संगीत सोम और थाना भवन विधायक सुरेश राणा को जेल भेजा था. अब संगीत सोम और प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश राणा दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा.