दिल्ली से राजनीति से शुरूआत करने वाली केजरीवाल एंड पार्टी वाली आम आदमी पार्टी हमेशा से बदलाव की बात करती आ रही है. दिल्ली में सत्ता हासिल करने से पहले उन्होंने कांग्रेस से लगातार 20 साल चले शासन को बदलाव की लहर में उड़ा दिया. उसके बाद लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर आसीन होते हुए एक छत्र राज को भी बदल दिया. कुछ इसी तरह का बदलाव पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में कर दिखाया और कांग्रेस-बीजेपी को धूल चटाकर सत्ता हासिल कर ली.
अब लग रहा है कि यह बदलाव की आंधी जम्मू कश्मीर में भी अपने होने का अहसास करा रही है. यहां आम आदमी पार्टी को निश्चित तौर पर मुंह की खानी पड़ी है लेकिन यहां हार कर भी पार्टी ‘बाजीगर’ कहला रही है.
उसकी वजह है पार्टी के इकलौते विधायक मेहराज मलिक, जिन्होंने डोडा विधानसभा सीट से आप पार्टी का जम्मू कश्मीर में खाता खोला है. आप के मेहराज ने चार हजार वोटों से जीत हासिल की है. अरविंद केजरीवाल ने खुद फोन कर मलिक को जीत की बधाई दी.
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आप पार्टी उम्मीदवार ने बीजेपी के गजय सिंह राणा को हराया. मलिक को 23228 जबकि राणा को 18690 वोट मिले. एनसी के खालिज नजीब 1333 तीसरे और आजाद पार्टी के अब्दुल माजिद वानी ने 10027 वोटों के साथ चौथा स्थान प्राप्त किया है. यहां मुकाबला इसलिए भी टफ था क्योंकि यहां एनसी और कांग्रेस भी दोनों अलग अलग मैदान थे. नोटा ने भी चार प्रत्योशियों को पीछे छोड़ा है.
पांच राज्यों में फैली आप
इस जीत के बाद आम आदमी पार्टी की जड़ें 5 अलग अलग राज्यों में फैल गयी है. दिल्ली-पंजाब, गोवा और गुजरात के बाद अब जम्मू कश्मीर पांचवा राज्य है जहां आप पार्टी का विधायक विधानसभा में बैठा है. पांचवें राज्य में विधायक बनने पर पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है. हालांकि पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी होने का टैग पहले ही मिल चुका है. आप ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें लोग मेहराज मलिक की जीत का जश्न मना रहे हैं.
हरियाणा में फेल हुआ बदलाव
एक ओर जहां जम्मू कश्मीर में पार्टी की नाक बच गयी है. उसी तरह दिल्ली के सटे हरियाणा में आम आदमी पार्टी पर झाडू फिर गयी है. यहां पार्टी की हसीयत केवल वोट कटवा की होकर रह गयी है. प्रदेश में बेहतर कमजोर बसपा-इनेलो गठबंधन को भी दो सीटों पर विजयश्री हासिल हुई है.
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर कांग्रेस-के गठबंधन को बहुमत मिल गया है. नेशनल कॉफ्रेंस ने 42 सीटें पर और कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी 29 सीट और पीडीपी तीन सीटें अपने नाम करने में कामयाब रही. अब देखना ये होगा कि आगामी महाराष्ट्र चुनावों में भी क्या आम आदमी पार्टी अपने कुनबे को बड़ा करने में सफल हो पाती है या फिर नहीं.