पाॅलिटाॅक्स न्यूज/बिहार. बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले देश के गृहमंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने कोरोना के साये में वर्चुअल रैली के माध्यम से चुनावी शंखनाद किया, जिसे ‘बिहार जन संवाद रैली’ का नाम दिया गया. हालांकि अमित शाह ने अपने भाषण की शुरूआत में कहा कि इस रैली का चुनाव से संबंध नहीं है, किसी राजनीतिक दल के गुणगाण से संबंध नहीं है लेकिन शाह की रैली का पूरा भाषण मोदी सरकार के गुणगाण और चुनाव पर ही केंद्रीत रहा. इसके साथ ही तमाम कयासों पर लगाम देते हुए यह भी दुहराया कि एनडीए अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत के साथ जीतेगा. इससे पहले आरजेडी ने थाली और लोटा बजाकर अमित शाह की रैली का विरोध किया.
देश में हुई पहली वर्चुअल चुनावी रैली में अमित शाह ने कहा कि बिहार की भूमि से दुनिया को लोकतंत्र की जानकारी मिली. इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया. आजादी की लडाई में बिहार के जन नायकों के योगदान को कभी नहीं भूलाया जा सकता. राम मनोहर लोहिया को याद करते हुए कहा कि बिहार की भूमि ने ऐसे लोग दिए हैं, जिन्होंने देश का सम्मान बढ़ाया है. शाह ने कहा कि यह रैली कोरोना महामारी के समय बीजेपी के जनसंपर्क के संस्कार को बताने के लिए है. यह चुनावी रैली नहीं, बीजेपी के गुणगाण की रैली नहीं, बल्कि यह रैली आत्मविश्वास से भरपूर आत्म भारत बनाने की रैली है.
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण की देश कोरोना के खिलाफ सफलता से जंग लड़ रहा है. पूरा देश कोरोना के खिलाफ मोदी के साथ है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जब जब भी बिहार की जनता के बीच झोली लेकर आए, बिहार के लोगों ने उन्हें पूर्ण बहुमत दिया. पीएम मोदी की नीतियों से करोड़ो गरीबों के जीवन में प्रकाश आया. इसका सबसे ज्यादा लाभ पूर्वांचल बिहार के लोगों को मिला, जहां 20 हजार गांव और ढाई करोड गरीबों के घर बिजली पहुंचाई गई.
जमकर गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां
पूर्व राष्ट्रियाध्यक्ष अमित शाह ने आरजेडी पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि लालटेन का जमाना जा चुका है, अब एलईडी का जमाना आ गया है. मोदी सरकार ने ढाई करोड़ लोगोें को घर दिया. भारत का सम्मान दुनिया में बढाया. एक जमाना था जब दुश्मन सरहद में घुस जाता था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती थी, अब सर्जिकल स्टाइक होती है. कई ऐसे मसले थे, जिन्हें कोई छूने की हिम्मत नहीं करता था. मोदी सरकार ने धारा 370 को समाप्त किया. ट्रिपल तलाक कानून लाकर मुस्लिम महिलाओं को सम्मान दिया. राम मंदिर का निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ. सिटीजंस एंमेंडमेंट बिल से शरणार्थियों को नागरिकता दी. 25 करोड़ घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाया. किसान सममान निधि से 72 हजार करोड़ रूप्या किसानों के अकाउंट में डाला.
जनता कफर्यू का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. यह पहली ऐसी राष्ट्रीय महामारी है जिससे सरकार के साथ-साथ जनता भी लड़ी, 130 करोड़ लोग एकजुट हुए.
वहीं गृहमंत्री ने मजदूरों का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार का पसीना देश के विकास की नींव में है. मोदी सरकार ने 11 हजार करोड़ मजदूरों के भोजन के लिए दिए. मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया. रेलवे में 85 प्रतिशत खर्चा मोदी सरकार ने उठाया. अमित शाह ने कांग्रेस और विपक्ष से पूछा कि उन्होंने क्या किया. सवा करोड लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना आसान काम नहीं था. यह बहुत बड़ा प्रयास था. विपक्ष के समय भी आपदाएं आई लेकिन एक भी आपदा ऐसी बताएं जब बिहार के लोगों के अकाउंट में 5700 करोड रूपए आए हों.
अमित शाह ने केंद्र की उपलब्धियों को गिनाते हुए बिहार की नीतीश सरकार की भी खूब सराहना की. शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बिहार में जंगल राज से जनता राज तक पहुंचाया. इसके साथ ही तमाम कयासों पर लगाम देते हुए यह भी दुहराया कि एनडीए अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो तिहाई बहुमत के साथ जीतेगा. विपक्ष द्वारा रैली का विरोध करने पर उन्होंने तंज किए तथा रैली के राजनीतिक होने से इन्कार किया।
जहां एक ओर रैली में अमित शाह ने बिहार के गरीब, मजदूर व अन्य वर्गों के लिए किए गए मोदी सरकार के कार्योे को गिनाया, वहीं आरजेडी नेताओं ने कहा कि मोदी और नीतिश सरकार ने गरीबों और मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. मोदी सरकार कोरोना संकट के इस काल में पूरी तरह विफल रही है. आरजेडी ने आरोप लगाया कि समस्याओं का समाधान होने की बजाए लोगों की समस्याएं बढ़ गई है. आरजेडी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में थाली बजाकर रैली का विरोध किया.
विपक्ष का विरोध
बिहार जनसंवाद रैली के पहले इसके विरोध में आरजेडी ने पूर्वाह्न 11 बजे थाली बजाई तो रैली के विरोध में कांग्रेस ने काला दिवस मनाया तथा काले गुब्बारे उड़ाए. यही नहीं वामपंथी दलों ने भी विश्वासघात व धिक्कार दिवस मनाया. इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि डबल इंजन सरकार में गरीब भूखे हैं, बिहार में हाहाकार मचा है. ऐसे में डिजिटल रैली का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण के काल में परेशान जनता की सहायता में करना चाहिए था. उधर, आरजेडी द्वारा अमित शाह के कार्यक्रम के विरोध के विरोध में जेडीयू कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने ताली बजाई तथा आरजेडी व लालू परिवार के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाए.
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बता दें, अपने टाइम पर ठीक 4 बजे शुरू हुई रैली को बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी सहित बिहार के अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया. भाजपा का दावा रहा कि यह वर्चुअल रैली देश की सबसे पहली और सबसे बड़ी रैली है, इसके माध्यम से लाखों लोगों से संवाद किया गया है.