ऑक्सीजन व अन्य संसाधनों की मांग को लेकर लगे रहे आरोपों के बीच कटारिया ने रखा केन्द्र का पूरा पक्ष

कोरोना की विस्‍फोटक स्थिति का अनुभव देश के कई राज्यों मे हो चुका था तो राज्‍य सरकार ने ऑक्‍सीजन के लिए व्यवस्था क्यों नहीं की? 70 वर्ष तक शासन करने वाली सरकार को जो मेडिकल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बनाना चाहिये था वह नहीं बना पाई जिसके कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा और लॉकडाउन की वजह से ही कोविड-19 के प्रथम हमले से लोगों को बचाया गया- गुलाबचंद कटारिया

कटारिया ने रखा केंद्र का पक्ष, गहलोत सरकार पर लगाए आरोप
कटारिया ने रखा केंद्र का पक्ष, गहलोत सरकार पर लगाए आरोप

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक बार फिर केंद्र सरकार से राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की अपील पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने निशाना साधते हुए गहलोत सरकार से कुछ अहम सवाल भी किए. नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने राज्य सरकार से तंज भरे लहजे में पूछा की आपका केंद्र से बार बार ऑक्सीजन को लेकर गुहार लगाना प्रदेश की जनता को तो अच्छा लगता है पर सरकार यह बताये कि कोरोना की विस्‍फोटक स्थिति का अनुभव देश के कई राज्यों मे हो चुका था तो राज्‍य सरकार ने ऑक्‍सीजन के लिए व्यवस्था क्यों नहीं की?

बीजेपी नेता गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि केन्‍द्र सरकार ने कोविड-19 के प्रथम व द्वितीय फेज मे जिस प्रकार का अच्‍छा कार्य किया, उसके लिये देश ही नहीं दुनिया ने इसकी सराहना की हैं. लेकिन जब भारत सरकार ने पहला लॉकडाउन लगाया तो कांग्रेस के नेताओ ने इसका विरोध किया जबकि राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री जी ने उससे पहले ही लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी थी. कटारिया ने बीते 70 सालों के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि उस समय लॉकडाउन नहीं लगाया जाता तो स्थिति बद से बदत्तर हो जाती, 70 वर्ष तक शासन करने वाली सरकार को जो मेडिकल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बनाना चाहिये था वह नहीं बना पाई जिसके कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा और लॉकडाउन की वजह से ही कोविड-19 के प्रथम हमले से लोगों को बचाया गया.

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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार कोरोना की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को भांप नहीं पाई. कोविड-19 की इस दूसरी लहर का कोहराम फरवरी के महीने में ही प्रारंभ हो गया और विशेषकर महाराष्‍ट्र में इसका सबसे ज्यादा असर दिखा. सबसे ज्यादा संक्रमित और सबसे ज्‍यादा मृत्‍यु भी महाराष्ट्र में हुई. मरीजों को भर्ती करने की जगह तक नहीं मिली, ऑक्‍सीजन एवं वेंटीलेटर नहीं मिले, मरने के बाद श्‍मशान व कब्रस्तिान मे भी जगह नही मिली, और यह सब राजस्‍थान ने भी देखा.

कटारिया ने कहा कि राजस्‍थान की गहलोत सरकार भी इस संकट से भली-भांति परिचित है लेकिन फिर भी बार-बार केन्‍द्र सरकार पर ऑक्‍सीजन/रेमडेसिविर इंजेक्‍शन/वैक्‍सीन की कमी को लेकर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री से लेकर सभी मंत्रीगण और कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता केन्‍द्र सरकार पर लगातार हमले कर रहे है. मैं राज्य सरकार से कुछ सवाल पूछना चाहूंगा कि जो तैयारियां राजस्‍थान को पहले करनी चाहिये थी वह पूरी क्यों नहीं की?

टीकाकरण अभियान को लेकर कटारिया ने सरकार से पूछा कि 18 से 44 आयु वर्ग के लोगो को वैक्‍सीन लगाने की जिम्‍मेदारी प्रधानमंत्री जी की अध्‍यक्षता मे हुई बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यह जिम्‍मेदारी दी गई थी, यदि हां तो मैं सरकार से जानना चाहता हूँ कि इस बैठक के बाद अब तक उसकी तैयारी के लिये क्‍या-क्‍या कदम उठाये गये ?

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हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की मांग रखी थी.इस पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने पूछा कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से निरन्‍तर ऑक्‍सीजन की मांग करते रहना, प्रदेश की जनता को अच्‍छा लगता है, पर सरकार यह बताये कि फरवरी 2021 जब से कोरोना का सेकेंड फेज विस्‍फोटक स्थिति का अनुभव देश के कई राज्‍यो मे हो चुका था तो राज्‍य सरकार ने ऑक्‍सीजन के लिये क्‍या–क्‍या व्‍यवस्‍था की उसका विवरण जनता के सम्‍मुख रखे ?

कटारिया ने सरकार से पूछा कि केंद्र सरकार की और से वर्ष 2020 में जयपुर/बीकानेर/जोधपुर/अलवर मे 4 ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाने के लिए जो केंद्र सरकार ने 201 करोड़ रूपये दिए उसका क्‍या हुआ ? हाल ही में शांति धारीवाल जी ने प्रदेश के 105 स्थानों पर नगरपालिका/नगर विकास प्रन्‍यास के द्वारा ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाने की घोषणा की है मैं उसका बहुत स्वागत करता हूँ, लेकिन मैं आपसे ये पूछना चाहता हूँ कि क्‍या यही काम कोविड द्वितीय फेज का अहसास होने पर प्रारंभ नहीं किया जा सकता था? और अगर किया जाता तो अब तक सभी को आक्‍सीजन प्राप्‍त हो जाती.

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राज्‍य सरकार राजस्‍थान के मेडिकल कॉलेज व चिकित्‍सालयों मे लिक्विड मेडिकल ऑक्‍सीजन से सीधा मरीज के बेड पर ऑक्‍सीजन पहुंचाने का कार्य कर रही हैं, यह काम समय से पूर्व प्रारंभ कर लिया जाता तो क्‍या यह सरकार की जिम्‍मेदारी नहीं थी ?

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प्रदेश में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्‍थान के कई अस्पतालों में ऑक्‍सीजन/रेमडेसिविर इंजेक्‍शन चोरी व कालाबाजारी/मरीजो के बेड/वेंटीलेटर बेचने के प्रकरण/मरीज को भर्ती करने के प्रकरण/मरने के बाद लाशों पर पैसे वसूल करने के प्रकरण लगातार प्राप्‍त हो रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने दोषियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही नहीं की. अब बताओ क्या यह भी केंद्र सरकार की जिमेदारी है क्या ?

कटारिया ने बताया कि केन्‍द्र सरकार ने ऑक्‍सीजन की आपूर्ति करने के लिये पीएम केयर फण्‍ड से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रो पर अतिरिक्‍त 162 डेडिकेटर PSA मेडिकल ऑक्‍सीजन उत्‍पादन सयंत्र लगाने के लिये 201 करोड रूपये आंवटित किये थे, लेकिन राजस्‍थान सरकार ने कोई उचित कदम नहीं उठाया. 10 मई, 2021 को ऑक्‍सीजन का कोटा 435 मीट्रिक टन कर दिया गया परन्‍तु राजस्‍थान सरकार इस कोटे को पूरा नही मंगवा पा रही हैं. कटारिया ने बताया कि कोरोना के बढते प्रभाव को देखते हुये केन्‍द्र सरकार ने पूरे देश में 581 ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाने का निर्णय लिया. राजस्‍थान में 16 स्‍थानो जयपुर, कोटा, सीकर/लाडनू/नागौर, सोजत, पाली, अजमेर, नसीराबाद (अजमेर), नाथद्वारा (राजसमंद), बालोतरा (बाडमेर), जोधपुर मे ऑक्‍सीजन प्‍लांट लगाये जायेगें. इसके अतिरिक्‍त अजमेर तथा झालावाड में ऑक्‍सीजन जनरेटर प्‍लांट स्‍थापित करने की स्‍वीकृति प्रदान की.

वहीं पीएम केयर फण्ड से आये वेंटिलेटर्स को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पीएम केयर फण्‍ड से 60 करोड़ रूपये की लागत से राजस्‍थान में 1500 वेंटीलेटर्स BEL (भारतीय इलेक्‍ट्रानिक्‍स लिमिटेड) द्वारा उपलब्‍ध कराये गये. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा BEL को उपलब्‍ध कराये गये सूचना अनुसार 1475 वेटीलेटर्स इंस्‍टाल किये जा चुके हैं लेकिन वास्‍तविकता में यह संख्‍या कम है और वेंटीलेटर अनुपयोगी पड़े हुये हैं. अधिकांश वेंटीलेटर इंस्‍टाल ही नहीं किये गये. प्रदेश सरकार द्वारा चाहती तो कुछ वेंटीलेटर्स को कुछ राशि खर्च करके सही कराकर कोविड मरीजों के उपयोग में ले सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

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