Politalks.News/Rajasthan/Gehlot. तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को गृहनगर जोधपुर में 73वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के कार्यक्रम में आम लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर दोहराया कि मैं अपनी अंतिम सांस तक राजस्थान और जोधपुर वासियों की सेवा करता रहूंगा. ऐसे में सीएम गहलोत के इस बयान के दोनों अर्थ निकलते हैं, एक तो यह कि सीएम अशोक गहलोत ने अपने विरोधियों को यह संदेश दे दिया है कि मैं राजस्थान छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूं तो वहीं कुछ सुधीजनों का मानना है कि सीएम गहलोत अपने लोगों को यह विश्वास दिला रहे हैं कि मैं कहीं भी रहूं, किसी भी जिम्मेदारी पर रहूं लेकिन जिस प्रदेश से आज मेरी यह पहचान बनी है, जीवनभर मैं प्रदेशवासियों की सेवा करता रहूंगा, यानी कि अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते भी हैं तो भी राजस्थान के लोगों की सेवा उनकी प्राथमिकता रहेगी. इन सबके बीच कार्यक्रम में मौजूद सचिन पायलट समर्थक और वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ की, जिसे लेकर भी सियासी चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
आपको बता दें कि मंगलवार को जोधपुरवासियों से मुखातिब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार द्वारा कराए गए कार्यों का गुणगान किया. जनता के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण चिरंजीवी योजना को सीएम गहलोत ने दुनिया की सबसे बड़ी योजना करार दिया और एक बार फिर दोहराया कि लोक कल्याण के लिए योजना बनाई गई है. इस दौरान सीएम गहलोत ने दावा किया कि उनकी कलम हर गरीब और ढाणी के लिए चलती है. वहीं बेरी गंगा वनखंड में पद्मश्री स्व. कैलाश सांखला स्मृति वन क्षेत्र में लवकुश वाटिका और बॉटैनिकल पार्क के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, ‘मैं अपनी अंतिम सांस तक राजस्थान और जोधपुर वासियों की सेवा करता रहूंगा. मैं हमेशा सोचता हूं कि जनता का भला कैसे कर सकें. हर वर्ग सशक्त करने का काम कर रहे हैं लेकिन सरकार बदलने से काम रुक जाता है. लोकतंत्र में सरकार बदलती है लेकिन किसी सरकार का काम रोकना गलत है. पिछली सरकार ने हमारे द्वारा लगाई गई रिफाइनरी काम रोक दिया, ऐसे में काम रोकने के इसकी लागत बढ़ गई.
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वहीं पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की प्यास बुझाने के साथ बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी का वादा प्रधानमंत्री ने किया था, इसलिए हम कह रहे हैं उनको वादा पूरा करो और उनको करना ही होगा वादा पूरा. हमने अपने स्तर पर काम करवाने का निर्णय ले लिया लेकिन केंद्र सरकार कह रही है काम बंद कर दो. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लिए बगैर सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि वे राजस्थान से मंत्री होकर काम रोकने का कैसे कह सकते हैं. हमने कहा कि पानी राज्य का विषय है. ईआरसीपी का निर्णय हमने कर लिया है, हम काम नहीं रोकेंगे. हम अपने अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से लड़ते रहेंगे.
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए कहा कि पर्यावरण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. संतुलन बिगड़ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग हो रही है, तापमान बढ़ रहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सबसे पहले इस खतरे को पहचाना था. उस समय वो पर्यावरण की बात करती थीं. कैलाश सांखला वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में एक्सपर्ट थे. उनकी क्षमता को इंदिरा गांधी ने पहचाना था. जब टाइगर लुप्त हो रहे थे तब प्रोजेक्ट टाइगर शुरू कराया. इंदिरा गांधी ने उन्हें प्रोजेक्ट का पहला डायरेक्टर बनाया था. आज उनकी वजह से देश में टाइगर की संख्या बढ़ी है. राजस्थान में ही सौ टाइगर हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ मनुष्य के लिए सही नहीं है.
इसके साथ ही जिस बात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुर हो गई है, वो यह कि सचिन पायलट गुट से वनमंत्री बने हेमाराम चौधरी ने जोधपुर में हुए इस राज्य स्तरीय वन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ की और कहा कि मेरे विभाग के लिए जो भी काम था उसे मुख्यमंत्री ने तुरंत मंजूरी दी, उनके नेतृत्व में हम सदा प्रगति करेंगे. प्रदेश को तीसरी बार उनका नेतृत्व मिला है. प्रदेश लगातार तरक्की करता रहेगा. यही नहीं सीएम गहलोत की तारीफ में कसीदे गढ़ते हुए चौधरी ने आगे कहा कि सीएम साहब ने इस विभाग के लिए जो काम किए हैं वे बेमिसाल हैं. लोगों को इस विभाग के महत्व का पता नहीं है. मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा विभाग उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा. हमारे सुनहरे भविष्य के लिए पेड़ पौधे बहुत जरूरी हैं. समाज के लोगों ने इसके लिए अपने प्राण भी दिए हैं. खेजडली इसका उदाहरण है. हेमाराम चौधरी ने आगे की कहा कि पेड़ पौधे और पर्यावरण हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है, इनका संरक्षण आवश्यक है