पीएम मोदी के उंगली पकड़ने वाले बयान पर बोले पवार- नहीं पता था उंगली पकड़ाना पड़ेगा भारी

केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से किए गए वादों को निभाने में रही विफल भाजपा छोटे दलों को सत्ता से दूर रखने और उन्हें विपक्षी शासित राज्यों से हटाने के लिए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का कर रही है इस्तेमाल, जो है गंभीर चिंता का विषय है- शरद पवार

शरद पवार के निशाने पर भाजपा
शरद पवार के निशाने पर भाजपा

Politalks.News/Maharashtra. देश में इन दिनों सियासी घमासान आपने चरम पर है. चाहे देश का कोई भी राज्य हो वहां के सियासी दिग्गज अपने अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में है. इसी कड़ी में देश की सियासत के सबसे बड़े दिग्गज नेता एवं NCP प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर चुटकी ली. कभी प्रधानमंत्री तो कभी राष्ट्रपति की दौड़ में रहने वाले शरद पवार ने पीएम मोदी के बयान ‘मैंने शरद पवार की उंगली पकड़कर राजनीति सीखी है,’ इस पर शरद पवार ने बयान देते हुए कहा कि, ‘मुझे नहीं पता था कि ये इतना महंगा पड़ने वाला है.’ एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इस बयान से ये तो साफ हो गया कि वे कम शब्दों में भी बड़े सियासी हमले करने की ताकत रखते हैं. अपनी उपस्थिति मात्र से राजनीति में बड़े खेल करने वाले शरद पवार ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव और बिलकिस बानो केस में अपराधियों को मिली जमानत पर अपनी बात रखी.

विधायक जितेंद्र आव्हाड के आवास पर NCP प्रमुख शरद पवार के नेतृत्व में ठाणे जिले के एनसीपी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक का सोमवार को आयोजन किया गया. इस बैठक के बाद पवार ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान पत्रकारों ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक सवाल पुछा तो शरद पवार ने आपने बयान से सभी को चौंका दिया. शरद पवार से जब ये सवाल पुछा गया कि, ‘मोदी जी कहते हैं कि वे पवार की उंगली पकड़ राजनीति में आए हैं,’ इस पर जवाब देते हुए शरद पवार ने सिर्फ इतना कहा कि, ‘मेरी उंगली इतनी भारी पड़ेगी मुझे खुद को नहीं पता था.’ वहीं शरद पवार के इतने से बयान को लेकर सियासी जानकारों का मानना है कि उन्होंने एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. बता दें कि शरद पवार ने अब तक कभी भी पीएम मोदी पर सीधे सीधे निशाना नहीं साधा था लेकिन इस बार वे खुलकर बयान दे रहे हैं.

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शरद पवार ने आगे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़े सवाल पर कहा कि, ‘ये मैं कैसे बता सकता हूं कि किसे कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहिए. ये तो उनका अंदरूनी मामला है.’ वहीं गुजरात दंगों के गैंगरेप दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा छोड़े जाने पर आश्चर्य जताते हुए शरद पवार ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. शरद पवार ने कहा कि, ‘एक तरफ प्रधानमंत्री लाल किले से महिलाओं के सम्मान की बात कहते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं के गृह राज्य में बलात्कार और हत्या के दोषियों को बरी किया गया और फिर उनका सम्मान किया गया. इस निर्णय से बीजेपी का असली चेहरा लोगों के सामने आया है. गुजरात की जनता बीजेपी को इस बार माफ़ नहीं करेगी.’

बीजेपी पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि, ‘केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से किए गए वादों को निभाने में विफल रही है, जिसमें “अच्छे दिन, गांवों को इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना, शौचालय,हर घर को बिजली और पानी उपलब्ध कराना शामिल है.’ आज भाजपा छोटे दलों को सत्ता से दूर रखने और उन्हें विपक्षी शासित राज्यों से हटाने के लिए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. भाजपा अपने विरोधियों के खिलाफ जो कर रही है वह संसदीय लोकतंत्र पर हमला है, जो गंभीर चिंता का विषय है. सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों में, भगवा पार्टी विधायकों को विभाजित करने और सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है. महाराष्ट्र इसका नवीनतम उदाहरण है.’

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शरद पवार ने प्रधानमंत्री चेहरा बनने की सभी अटकलों पर भी विराम लगा दिया. पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि, ‘देश में सत्ता की कोई जिम्मेदारी आगे मैं स्वीकार नहीं करूंगा और मेरी इस तरह की कोई इच्छा नहीं है. मोरारजी देसाई 81 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन वे आज 82 वर्ष के हैं.‘ वहीं पवार ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार के दमन के खिलाफ वे देशभर के सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम करेंगे. शिवसेना के शिव संग्राम सहित अन्य पार्टियों को साथ में लेने और महा विकास आघाडी के घटक दलों के एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन मैं चाहता हूं कि सब एक साथ आगे आएं.’

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