Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के 21 जिलों में हुए पंचायत और जिला परिषद चुनाव में जीत को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. डोटासरा ने कहा कि पंचायत राज चुनाव नतीज़ों को बीजेपी ने ऐसे पेश किया जैसे बीजेपी की एकतरफा जीत हुई हो, जबकि वास्तविकता अलग है. इसी दौरान एक सवाल के जवाब में डोटासरा ने कहा कि पूनियां अगर वसुंधरा राजे को प्रदेश भाजपा का बड़ा चेहरा नहीं मानते तो फिर मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना.
बीजेपी में वसुंधरा राजे ही बड़ा चेहरा
दरअसल, प्रेसवार्ता के दौरान घनश्याम तिवाड़ी के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर पीसी चीफ डोटासरा ने सतीश पूनियां पर निशाना साधते हुए कहा कि पूनियां ने एक बयान में कहा है कि राजस्थान में किसी बड़े चेहरे की जरूरत नहीं है, बीजेपी में बड़े चेहरे कौन हैं पीएम नरेन्द्र मोदी और अमित शाह. डोटासरा ने कहा कि सभी जानते हैं, पूरा देश मानता है और राजस्थान की जनता भी जानती है कि प्रदेश में बीजेपी का एक ही बड़ा चेहरा है और वो है वसुंधरा राजे. डोटासरा ने कहा कि मैं सतीश पूनियां से पूछना चाहता हूं बीजेपी में बड़ा चेहरा वसुंधरा राजे है या घनश्याम तिवाड़ी, अगर वसुंधरा राजे की जगह घनश्याम तिवाड़ी बड़ा चेहरा हैं तो फिर मुझे कुछ नहीं कहना.
यह भी पढ़ें: घनश्याम तिवाड़ी की बीजेपी में घर वापसी पर बोले सतीश पूनियां- ‘गहलोत जी तुमसे न हो पाएगा’
पंचायत चुनावों में हमारा प्रदर्शन रहा है बेहतर
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए डोटासरा ने कहा कि 2015 में कांग्रेस के जिला प्रमुख 7 बने थे, अब 6 बने हैं, 2015 में 68 प्रधान थे और अब 98 हैं, बीजेपी के 393 जिला परिषद सदस्य थे जो घटकर 353 रह गए. डोटासरा ने कहा कि बीजेपी का वोट प्रतिशत कम हुआ है, लोकसभा में बीजेपी को जो वोट मिला उसमें अब 18 फीसदी की कमी आई है. इस बार सरपंच के चुनाव साल भर पहले हो गए. 70 फीसदी सरपंच कांग्रेस विचारधारा के हैं, सरपंचों के साथ जिला परिषद और पँचायत समिति सदस्य के चुनाव नहीं होने से निर्दलियों की संख्या बढ़ी है. सरपंचों और प्रधानों के चुनाव अलग अलग होने पर भी इसका फर्क पड़ा है, जबकि पहले सरपंच और प्रधानों के चुनाव साथ होते आए हैं. पीसीसी चीफ ने कहा कि बीजेपी किसी गलतफहमी में न रहे, आगे हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे. निकाय चुनाव के परिणाम भी हमारे पक्ष में आएंगे.
कोरोनाकाल के कारण नहीं रहा बेहतरीन प्रदर्शन
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने माना कि पंचायत जिला परिषद चुनाव थोड़े विपरित आने की एक वजह कोरोना काल भी है कि कोरोना के कारण हम हमारी योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचा पाए, हम दौरे नहीं कर पाए. हमारी सरकार कोरोना प्रबंधन के काम में लगी रही. गांव में कोरोना का प्रभाव कम था, जब हमारे जनप्रतिनिधि कोरोना काल में जब नहीं गए तो गांव वालों ने समझा कि उनके जनप्रतिनिधियों ने सुध नहीं ली. इसकी वजह से भी नुकसान हुआ. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी नहीं होने की वजह से भी हम चुनावों का बेहतर प्रबंधन नहीं कर पाए.
यह भी पढ़ें: गहलोत के निशाने पर भाजपा, कहा- चुनाव जीतने के लिये आमजन के जीवन से भी समझौता कर सकती है
कोई आदिवासी भाई नक्सली नहीं है, बीटीपी अभी भी सरकार के साथ
गोविंद सिंह डोटासरा ने बीटीपी विधायकों के समर्थन वापसी की अटकलों को लेकर कहा कि बीटीपी के विधायक आज भी सरकार के साथ हैं. डोटासरा ने बताया कि विधानसभा की सूचना के मुताबिक वो सरकार के साथ है. डोटासरा ने आदिवासी इलाकों में नक्सल संपर्कों पर कहा कि कोई आदिवासी भाई नक्सली नहीं है. पीसीसी चीफ ने कहा कि पंचायतीराज चुनावों में स्थानीय समीकरण होते हैं, स्थानीय मांग के हिसाब से कई बार समर्थन पर फैसला होता है. स्थानीय नेताओं की देखरेख में चुनाव होते हैं, इसमें फैसला स्थानीय स्तर पर होता है.
राजभवन को लेकर भी साधा निशाना
केंद्र के कृषि कानूनों के बायपास करने के लिए गहलोत सरकार की ओर से लाए गए तीन संशोधित विधेयकों के राजभवन द्वारा रोके जाने पर डोटासरा ने राजभवन पर भी निशाना साधा है. गोविंदसिंह डोटासरा ने कहा हमें एक फीसदी भी उम्मीद है नहीं फ़ाइल के वापस आने की. नरेंद मोदी के नेतृत्व में देश की सवैधानिक संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है, ऐसे हालात में हमारे बिल्स की फाइल राजभवन से निकलने की कोई उम्मीद नहीं है.
यह भी पढ़ें: पिछले साल की घटना से नहीं लिया सबक, कोटा के जेके लोन अस्पताल में 9 शिशुओं की मौत पर उठे सवाल
वहीं कांग्रेस से बामनवास विधायक इंदिरा मीणा की शिकायतों को लेकर पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि इंदिरा मीणा का कोई फोन या पत्र अब तक नहीं आया, उनकी अगर कोई समस्या होगी तो उसका समाधान किया जाएगा. इसके साथ ही डोटासरा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी जल्द ही सामने आएगी. कार्यकारिणी के नामों को लेकर मंथन चल रहा है, ऐसे में कोशिश है कि शीघ्र कार्यकारिणी की घोषणा हो.