अडानी-अंबानी अपनी मेहनत से आए हैं आगे, कांग्रेस में होती है सिर्फ जातिवाद की राजनीति- हार्दिक पटेल

जिस दिन से मैंने कांग्रेस जॉइन की, मैंने लगातार काम किया, पार्टी लोगों का दुरुपयोग कर बाहर फेंक देने की अपनाती है नीति, लेकिन मुझे आज बुरा लग रहा है, मैंने कुछ उम्मीदों और सपनों के साथ कांग्रेस जॉइन की थी लेकिन आज मैं माफी मांगता हूं, यह एक गलत फैसला था- हार्दिक पटेल

हार्दिक के निशाने पर कांग्रेस
हार्दिक के निशाने पर कांग्रेस

Politalks.News/HardiPatel/Gujarat. कांग्रेस पार्टी के चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस की मुश्किलें कम होने की बजाय और भी ज्यादा बढ़ती दिखाई दे रही है. गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के दिग्गज नेता एवं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा ये भी है कि गुजरात में तो ये महज शुरुआत भर है. आने वाले दिनों में कांग्रेस को और भी कई बड़े झटके लगने वाले हैं. बुधववार को पाटीदार आरक्षण आंदोलन से निकले हार्दिक पटेल का महज 1161 दिनों में ही कांग्रेस से मोहभंग हो गया और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बुधवार को सोनिया गांधी को भेजे अपने त्याग पत्र में हार्दिक ने कांग्रेस आलाकमान पर तो निशाना साधा ही साथ में गुरूवार को पत्रकार वार्ता के दौरान भी सोनिया-राहुल को आड़े हाथ लिया. हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘कांग्रेस में होती है जातिवाद की राजनीति, पार्टी लोगों का दुरुपयोग कर बाहर फेंक देती है. कांग्रेस में सच बोलो तो बड़े नेता आपको बदनाम करेंगे और यही उनकी रणनीति है. गुजरात में केवल हार्दिक कांग्रेस से नाराज नहीं हैं. अडानी-अंबानी अपनी मेहनत से आगे आए, कांग्रेस नेता उन्हें गाली देते है.’

बुधवार को हार्दिक पटेल ने कार्यकारी अध्यक्ष समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. हार्दिक ने इस्तीफा देने से पहले राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा था, लेकिन राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात नहीं की. इसके बाद पटेल ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिख पार्टी के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया था. वहीं, आज हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. हार्दिक पटेल ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘कांग्रेस में मुझे कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी. दो साल से किसी को यह जिम्मेदारी नहीं दी गई लेकिन मुझे काम करने की छूट नहीं थी. आज मैं यहां पर आया हूं तो खुले दिमाग से चर्चा करने के लिए आया हूं. मैंने लोगों के लिए ईमानदारी से आंदोलन किया. हमारे आंदोलन से बहुतों को फायदा हुआ है. लेकिन मुझे आज बुरा लग रहा है. मैंने कुछ उम्मीदों और सपनों के साथ कांग्रेस जॉइन की थी लेकिन आज मैं माफी मांगता हूं. यह एक गलत फैसला था.’

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कांग्रेस में सिर्फ होती है जातिवाद की राजनीति- पटेल
पत्रकार वार्ता के दौरान हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘कांग्रेस में सिर्फ जातिवाद की राजनीति होती है. पार्टी लोगों का दुरुपयोग कर बाहर फेंक देने की नीति अपनाती है. नरहरि अमीन, चिमनभाई पटेल जैसे दिग्गज नेताओं को कांग्रेस ने हटा दिया. कांग्रेस में सच बोलने पर पार्टी के ही नेता बदनाम करने लगते हैं. कांग्रेस जरूरी मुद्दे पर चुप रही है और आगे भी यही हाल रहा तो कांग्रेस अगले 20 साल तक सत्ता में नहीं आ पाएगी. कांग्रेस सिर्फ पैसों के लिए काम कर रही है.’ पटेल ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘जो नेता आज मुझे गाली दे रहे हैं, उन्होंने ही मुझे कांग्रेस जॉइन करने को कहा था. जब भी कोई मजबूत नेता होता है तो पार्टी यह सुनिश्चित करने में जुटी रहती है कि वे कुछ भी करने में असमर्थ हों. जिस दिन से मैंने कांग्रेस जॉइन की, मैंने लगातार काम किया. तीन सालों में मैंने जाना कि वे केवल जातिगत राजनीति कर रहे हैं. दूसरे राज्यों में वर्किंग प्रेजिडेंट रणनीति बनाते हैं, यहां मुझे कुछ करने की इजाजत ही नहीं है.’

कांग्रेस पार्टी में नेता सिर्फ अपने दल का यूज करते हैं
हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘गुजरात में चाहे पाटीदार समाज हो या अन्य समाज, उन्हें कांग्रेस में भुगतना पड़ा है. कांग्रेस में सच बोलो तो बड़े नेता आपको बदनाम करेंगे और यही उनकी रणनीति है. गुजरात में केवल हार्दिक कांग्रेस से नाराज नहीं हैं बल्कि कई और नेता और विधायक हैं, जो कांग्रेस का केवल इस्तेमाल करते हैं. सत्ता में बैठना और पार्टी की तारीफ करने का यह मतलब नहीं है कि पार्टी उन्हें सीएम बनाएगी. 3 सालों से 7 से 8 लोग ही कांग्रेस चला रहे हैं. मेरे जैसे कार्यकर्ता रोज 500-600 किमी यात्रा करते हैं. अगर मैं लोगों के बीच जाकर उनकी समस्या जानने की कोशिश करता हूं तो एसी चैंबर में बैठे बड़े नेता इस प्रयास में खलल डालने की कोशिश करते हैं.’

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अडानी अंबानी अपनी मेहनत से आए हैं आगे- पटेल
राहुल-प्रियंका से बात करने का जिक्र करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘मैंने राहुल और प्रियंका से बात की और गुजरात की समस्या को बताया था. उन्होंने पूछा और मैंने बताया लेकिन मेरी उपेक्षा की गई. मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला दुख के साथ नहीं हिम्मत के साथ किया. सिर्फ गुजरात के नेता कहते है, एक दिन जनता थक जाएगी तब कांग्रेस को वोट देगी. कांग्रेस पार्टी गुजरात का लाभ नहीं कर सकती. अडानी, अम्बानी अपनी मेहनत से आगे आए, कांग्रेस नेता उन्हें गाली देते है.

हार्दिक को लेकर बीजेपी में एक मत नहीं
पटेल के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है. इस बीच भाजपा की प्रदेश टीम ने हार्दिक को भाजपा में ले जाने का मुद्दा उठाया, लेकिन नेताओं के विचारों में मतभेद थे. जिसमें किसी ने हार्दिक पटेल को बीजेपी में शामिल होने के लिए वोट नहीं किया था. हार्दिक को भाजपा में शामिल नहीं होने के लिए कहने वाले नेताओं ने तर्क दिया कि हार्दिक ने भाजपा को बहुत नुकसान पहुंचाया है, पार्टी नेताओं के बारे में अभद्र टिप्पणियां की हैं. हार्दिक को भाजपा में लेने से पाटीदार नेताओं और मतदाताओं पर हानिकारक असर पड़ सकता है, जो सालों से बीजेपी से जुड़े रहे हैं.

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