प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन (Man Ki Baat) की बात प्रोग्राम का शतक आज करीब साढ़े आठ साल बाद उनके 100वे एपिसोड के साथ पूरा हुआ. इस कार्यक्रम का ब्रॉडकास्ट देश के सभी टीवी चैनल्स, निजी रेडियो स्टेशन और सामुदायिक रेडियो सहित एक हजार से अधिक प्लेटफॉर्म पर किया गया है. काबिलेगौर है कि संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर पर भी 100वां एपिसोड लाइव ब्रॉडकास्ट किया गया, जो पीएम मोदी की प्रसिद्धी को दर्शा रहा है. छोटे स्टेशनों पर भी रेडियो और मोबाइल के जरिए इसे सुनने की व्यवस्था की गई है.
मन की बात के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मन की बात सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह मेरे लिए आस्था, पूजा और व्रत है. उन्होंने बताया कि जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं तो प्रसाद की थाल लाते हैं. वैसे ही मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे है. यह मेरे लिए अध्यात्मिक यात्रा बन गया है. अहम से वयम की यात्रा है.
मन की बात मेरे लिए अध्यात्मिक यात्रा, जिनका जिक्र हुआ, वें सब हीरोज
देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे है. यह मेरे लिए अध्यात्मिक यात्रा बन गया है. अहम से वयम की यात्रा है. यह तो मैं नहीं, तू ही की संस्कार साधना है. मोदी जी ने कहा कि मन की बात में जिन लोगों का हम जिक्र करते हैं, वे सब हमारे हीरोज हैं, जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीवंत बनाया है. आज जब हम 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं तो मेरी इच्छा है कि एक बार फिर इन हीरोज के पास जाकर उनके बारे में जानें.
यह भी पढ़ेंः गाली देना कांग्रेस का इतिहास, सारी गालियां मिट्टी में मिल जाएंगी- कर्नाटक के बीदर में बोले पीएम मोदी
कल्पना करिए कि कोई देशवासी 40 साल से निर्जन जमीन पर पेड़ लगा रहा है. कोई 30 साल से जल संरक्षण के लिए बावड़ी बना रहा है. कोई निर्धन बच्चों को पढ़ा रहा है. कोई गरीबों की इलाज में मदद कर रहा है. कितनी ही बार मन की बात में इनका जिक्र करते वक्त मैं भावुक हुआ. आकाशवाणी के साथियों को इसे दोबारा रिकॉर्ड करना पड़ा.
100वें एपिसोड की बधाई, बोले- पात्र आप सभी श्रोता
पीएम मोदी ने देश के 135 करोड़ देशवासियों के समक्ष अपने दिल की, अपने मन की बात रखते हुए कहा कि आज मन की बात का 100वां एपिसोड है. मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां और संदेश मिले. कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों को पढ़ पाऊं देख पाऊं. संदेशों को समझने की कोशिश करूं. कई बार पत्र पढ़ते वक्त भावुक हो गया, भावनाओं में बह गया और संभाला. 100वें एपिसोड पर सच्चे दिल से कहता हूं कि बधाई आपने दी, पात्र आप सभी श्रोता हैं.
पीएम मोदी ने कहा अब के सफर को याद करते हुए कहा कि 3 अक्टूबर, 2014 हम सबने मिलकर विजयादशमी के शुभ अवसर पर मन की बात की यात्रा शुरू की थी. विजयादशमी यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व. यह एक ऐसा पर्व बन गया है, जो हर महीने आता है. हम इसमें सकारात्मकता और लोगों की प्रतिभागिता को सेलिब्रेट करते हैं. यकीन नहीं होता कि इसे इतने साल गुजर गए. हर एपिसोड नया रहता है. देशवासियों की नई सफलताओं का विस्तार इसमें मिलता है. देश के कोने-कोने से हर आयु वर्ग के लोग जुड़े.
यह भी पढ़ेंः मल्लिकार्जुन खरगे का ‘जहरीला सांप’ कहीं कांग्रेस को ही न ले ढस!
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मन की बात जिस विषय से जुड़ी वो जन आंदोलन बन गई. आप लोगों ने बना दिया. जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात की तो इसकी चर्चा दुनिया में हुई. मन की बात मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा का मौका है. उन्होंने बताया कि मेरे मार्गदर्शक लक्ष्मण राव थे, जो कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए. उनकी इस बात ने मुझे प्रेरणा देती है. यह कार्यक्रम दूसरों से सीखने की प्रेरणा बन गया है. इसने मुझे आपसे कभी दूर नहीं होने दिया.
सेल्फी विद डॉटर का असर मुझ पर पड़ा
मन की बात कार्यक्रम में हरियाणा के सुनील जगलान से पीएम मोदी कनेक्ट हुए. उन्होंने बताया कि सुनील भाई का प्रभाव है मेरे मन पर. मैंने बेटी बचाओ अभियान हरियाणा से शुरू किया. इनके कैंपेन सेल्फी विद डॉटर का असर मुझ पर पड़ा. मैंने इसका जिक्र मन की बात में किया. ये अभियान पूरी दुनिया में फैल गया. जीवन में बेटी का स्थान कितना बड़ा होता है, इस कैंपेन से यह प्रकट हुआ. आज हरियाणा में जेंडर रेशो में सुधार आया है.
इस दौरान पीएम मोदी ने नारी शक्ति की प्रेरणादायी गाथाओं के तहत छत्तीसगढ़ के गांव की महिलाओं के स्वच्छता अभियान चलाने वाले स्वयं सहायता समूह, तमिलनाडु की आदिवासी समुदाय की टेराकोटा कप बनाने वाली महिलाओं, जम्मू-कश्मीर की पेंसिल स्लेट बनाने वाले मंजूर अहमद, विशाखापत्तनम के बैंकर मुरलीजी, एलईडी बल्ब बनाने वाले बेतिया के प्रमोदजी और कमल के रेशों से कपड़े बनाने वाले मणिपुर की विजयशांति आदि लोगों एवं उनके मेक इन इंडिया स्टार्टअप का जिक्र किया और उन सभी से बात भी की.
पीएम ने कहा कि मन की बात में हमने लोगों के प्रयासों को हाईलाइट किया. एक बार हमने ओडिशा में ठेले पर चाय बेचने वाले स्वर्गीय डी प्रकाश राव के बारे में बात की, जो गरीब बच्चों को पढ़ाते थे. झारखंड के संजय कश्यप, हेमलता जी के उदाहरण हमने दिए.
विदेश जाने से पहले देश के कम से कम 15 टूरिस्ट डेस्टिनेशन में जाना चाहिए
पीएम मोदी ने देशवासियों से देश के टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने की अपील की है. पीएम ने कहा कि आज देश में टूरिज्म बढ़ रहा है. नदियां, पहाड़ या फिर तीर्थ स्थल आदि को साफ रखना जरूरी है. इससे टूरिज्म इंडस्ट्री को मदद मिलेगी. हमने इनक्रेडिबल इंडिया मूवमेंट की चर्चा की. लोगों को पहली बार ऐसी जगहों के बारे में पता चला, जो आसपास थी पर जानते नहीं थे. विदेश जाने से पहले देश के कम से कम 15 टूरिस्ट डेस्टिनेशन में जाना चाहिए.
कल्चरल प्रिजर्वेशन के प्रयासों को भी जगह दी. लक्षद्वीप का क्लब, कर्नाटक का कला चेतना मंच, देश के कोने-कोने से मुझे उदाहरण भेजे गए. इस साल हम जी-20 की अध्यक्षता कर रहे हैं. यह वजह है कि एजुकेशन के साथ डायवर्स ग्लोबल कल्चर को समृद्ध करने के लिए प्रयास और तेज हुआ है.
अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज समय और शब्द दोनों कम पड़ रहे हैं. मुझे भरोसा है कि आप मेरे भाव और भावनाओं को समझेंगे. आपके परिवार के सदस्य के रूप में आपके साथ रहा हूं. आपके बीच में रहा हूं और आपके बीच में रहूंगा. अगले महीने फिर मिलेंगे.