साल 2024 के सियासी कैलेंडर के 8वें पार्ट में हम लेकर आए हैं अगस्त माह का राजनीतिक हिसाब-किताब, जिसमें उन सभी बड़े सियासी घटनाक्रमों को शामिल किया है, जिन्होंने देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला है. इस महीने कुछ बड़े घटनाक्रम हुए, जो देशभर में चर्चा का विषय रहा. इस महीने चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन का हाथ छोड़ बीजेपी की छत्रछाया में चले गए, जो चौंकाने वाला निर्णय रहा. दिल्ली शराब नीति में जेल में बंद मनीष सिसोदिया को भी बड़ी राहत मिली. उन्हें सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक साल से अधिक समय तक जेल में बंद रहने के बाद जमानत मिली. अन्य कई अन्य घटनाक्रमों ने भी देश की राजनीति को अपनी ओर खींचा. आइए जानते हैं..
- मुडा भूमि घोटाला रहा चर्चा में
अगस्त माह में कर्नाटक की सियासत ने देशभर में सुर्खियां बटौरी. कर्नाटक का मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि घोटाला चर्चा में रहा. इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम और अन्य पर आरोप लगे. इसमें सिद्धारमैया ने अपने नाम की हुई कुछ जमीनों को वापिस कर दिया. हालांकि इन आरोपों के बीच सिद्धारमैया की गिरफ्तारी की संभावनाएं जताई जा रही थी लेकिन ऐसा हुआ कुछ नहीं.
- झारखंड चुनाव से पहले उठापटक
झारखंड में चुनाव से ऐन वक्त पहले सियासी उठापटक हुई. झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से राज्य के मुख्यमंत्री रहे चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने झामुमो में खुद का अपमान होने की बात कह कर पार्टी से अलग राह तलाश ली. चंपई की राज्य की 12 से अधिक सीटों पर पकड़ बताई जा रही थी. गौर करने वाली बात ये रही कि हेमंत सोरेन ने न तो चंपई से बात की और न ही उन्हें बीजेपी में जाने से रोका. शिबू सोरेन ने पूरे मामले से दूरी बनाए रखी.
- जम्मू कश्मीर में सत्ता की राह खुली
महीने के मध्य में चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. एक लंबे समय के बाद जम्मू कश्मीर में सत्ता की राह खुली. 5 अगस्त, 2019 को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से जम्मू कश्मीर उपराज्यपाल के प्रशासन के अधीन था.