संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक

आर्थिक मंदी, धारा 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में बनी परिस्थिति, NCR जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए तैयार विपक्षी पार्टियां, इस बार भी सत्र की अवधि एक हफ्ता और बढ़ने की संभावना

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू होगा और 13 दिसंबर तक चलेगा. संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा के सचिवालयों को औपचारिक रूप से इस आशय की सूचना भेज दी है. संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीपीए) ने 16 अक्टूबर को हुई बैठक में यह फैसला कर लिया था. सोमवार को फैसले की अधिकृत सूचना जारी कर दी गई है.

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इस संबंध में दोपहर बाद एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्यसभा व संसदीय कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र ऐसे समय शुरू हो रहा है, जब विपक्ष सरकार के आर्थिक प्रबंधन की तीखी आलोचना कर रहा है और देश की निगाहें आर्थिक मंदी पर टिकी हुई हैं. इस स्थिति से निबटने की जद्दोजहज में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को कम करने की घोषणा के साथ ही निर्यात बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके बावजूद रियल एस्टेट, कृषि और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित सरकारी नीतियों की कड़ी आलोचना हो रही है.

विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी के बाद से अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है, जिससे वाहन क्षेत्र में भी भारी मंदी का वातावरण बना हुआ है. संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद बनी परिस्थितियों को लेकर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर रहेगी. विपक्ष खास तौर पर राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित करने और धारा 370 हटाने से पहले राजनीतिक गिरफ्तारियों के मुद्दे भी उठाएगा.

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नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NCR) एक औऱ बड़ा मुद्दा है, जिस पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. संसद की कार्यवाही में यह मुद्दा मुख्य रूप से छाया रहेगा. विपक्षी पार्टियां इस पर बहस और इसमें संशोधन की मांग कर रही हैं, क्योंकि असम में बांग्लादेश से गैर कानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने वालों को रोकने की कवायद के तहत सितंबर में असम के करीब 20 लाख लोग एनआरसी में शामिल होने से वंचित रह गए हैं.

पूरी संभावना है कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर सकती है, जिससे NRC में छूट गए गैर मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिक बनने का एक और मौका मिल सके. संसद के पिछले सत्र में सरकार ने 28 विधेयक पारित करवा लिए थे. शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार औद्योगिक संबंधों से संबंधित एक महत्वपूर्ण श्रम-सुधार विधेयक पेश करेगी और इसे पारित कराने का प्रयास करेगी.

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इसके अलावा एक अन्य महत्पूर्ण अध्यादेश भी लंबित है, जो कॉर्पोरेट टैक्स में की गई कमी से संबंधित है, जिसकी घोषणा सरकार ने 20 सितंबर को की थी. सरकार ने संसद के पिछले सत्र की अवधि भी बढ़वा ली थी. इस बार हो ऐसा हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक शीतकालीन सत्र भी 13 दिसंबर के बाद एक हफ्ता और बढ़ाया जा सकती है.

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